
#सिमडेगा #पेयजल_संकट : जामटाड़ गांव में लंबे समय से खराब जलमीनार की स्थिति देखने पहुंचे दीपक लकड़ा—दो दिनों में चालू कराने का भरोसा
- जामटाड़ गांव, कोनपाला पंचायत में सोलर आधारित पाइप जलापूर्ति योजना का जलमीनार महीनों से बंद।
- ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए रोजाना करना पड़ रहा भारी संघर्ष।
- समाजसेवी एवं पूर्व उप मुखिया दीपक लकड़ा ने स्थल निरीक्षण कर दो दिनों में मरम्मत का भरोसा दिया।
- कहा—“जल उपलब्ध कराना प्राथमिकता, किसी भी स्थिति में लापरवाही स्वीकार नहीं।”।
- ग्रामीणों ने आभार व्यक्त करते हुए शीघ्र समाधान की उम्मीद जताई।
ठेठईटांगर प्रखंड के कोनपाला पंचायत अंतर्गत जामटाड़ गांव में मुख्यमंत्री जलनल योजना (2019–20) के तहत स्थापित सोलर आधारित पाइप जलापूर्ति प्रणाली का जलमीनार लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। इस वजह से अनुसूचित जाति एवं जनजाति बहुल टोलों के ग्रामीणों को पेयजल के लिए भारी कठिनाई झेलनी पड़ रही है। पानी जैसी बुनियादी सुविधा बाधित होने से ग्रामीणों में काफी निराशा थी और कई बार जनप्रतिनिधियों को जानकारी देने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका था।
जलमीनार की स्थिति देखकर सक्रिय हुए दीपक लकड़ा
ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर समाजसेवी एवं पूर्व उप मुखिया दीपक लकड़ा तुरंत जामटाड़ गांव पहुंचे और जलमीनार की वर्तमान स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों से बातचीत के दौरान उन्होंने उनकी व्यथा सुनी और पूरा भरोसा दिलाया कि जलमीनार को दो दिनों के भीतर मरम्मत कर पुनः चालू करा दिया जाएगा।
“जल जैसी सुविधा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं”—दीपक लकड़ा
इस दौरान दीपक लकड़ा ने कहा कि
“ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाएं हमारी प्राथमिकता हैं। जल जैसी आवश्यक सुविधा को किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। इस संबंध में संबंधित विभाग को भी अवगत कराया जाएगा।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि पेयजल जैसी जीवन रेखा को बाधित रहने देना उचित नहीं है और इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
ग्रामीणों की उम्मीदें फिर जागीं
लंबे समय से जलसंकट झेल रहे ग्रामीणों के लिए दीपक लकड़ा का यह आश्वासन उम्मीद की नई किरण लेकर आया है। ग्रामीणों ने कहा कि जलमीनार चालू होने के बाद लंबी दूरी तय कर पानी लाने की मजबूरी खत्म होगी और पूरे गांव को राहत मिलेगी।
ग्रामीणों ने दीपक लकड़ा के प्रति आभार व्यक्त किया और भरोसा जताया कि जल्द ही गांव की पेयजल समस्या से मुक्ति मिलेगी।

न्यूज़ देखो: पेयजल संकट—प्रशासनिक लापरवाही पर बड़ा सवाल
ठेठईटांगर जैसे क्षेत्रों में जलमीनार का महीनों तक खराब रहना स्थानीय प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा करता है।
यदि जनप्रतिनिधि सक्रिय न हों, तो ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं तक पहुंचने में भारी देरी का सामना करना पड़ता है।
यह घटना बताती है कि पेयजल व्यवस्था में समय पर निगरानी और रखरखाव बेहद जरूरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वच्छ जल—स्वस्थ जीवन, आइए मिलकर सुधारें व्यवस्था
पानी हर घर की जरूरत है और इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना सामूहिक जिम्मेदारी भी।
ग्रामीणों की आवाज जब मजबूत होती है, तभी तंत्र सक्रिय होता है—आप भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को खुलकर सामने लाएं।
साथ मिलकर समाधान ढूंढें, स्थानीय स्तर पर जागरूकता फैलाएं और संसाधनों की निगरानी में सहयोग करें।
आप इस पेयजल समस्या पर क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें, ताकि ज़रूरी मुद्दों पर प्रशासन जल्द कार्रवाई करे।





