#बरवाडीह #जलनलयोजना – पेयजल संकट गहराया — निरीक्षण में 9 जलमीनार बंद और दो पर अवैध कब्जे की पुष्टि
- जेई पीयूष रंजन और जिप सदस्य संतोषी शेखर ने किया संयुक्त निरीक्षण
- 51 जलमीनारों की जांच, 9 में पानी आपूर्ति पूरी तरह ठप
- होरीलॉग गांव में सबसे गंभीर हालात, वर्षों से मोटर और चापाकल खराब
- 2 जलमीनार पर अवैध कब्जा, उच्च अधिकारियों को दी जाएगी जानकारी
- विभागीय जेई को मरम्मत का निर्देश, ग्रामीणों ने जताई राहत की उम्मीद
जल संकट की हकीकत सामने आई छेचा पंचायत में
बरवाडीह प्रखंड के छेचा पंचायत में सोमवार को जल नल योजना की स्थिति का संयुक्त निरीक्षण किया गया। निरीक्षण टीम में पेयजल विभाग के जेई पीयूष रंजन और जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर शामिल थे। इस दौरान पंचायत में निर्मित 51 जलमीनारों की जांच की गई, जिसमें 9 जलमीनारों से पानी आपूर्ति पूरी तरह बंद पाई गई।
जांच में सामने आया कि –
- राणा प्रताप सिंह के घर के पास जलमीनार की बोरिंग धंस गई है,
- रवींद्र भगत के घर के पास की मोटर और स्टार्टर खराब हैं,
- रुपाली सिंह के घर के पास स्टार्टर पूरी तरह खराब हो चुका है।
सबसे गंभीर स्थिति होरीलॉग गांव की
निरीक्षण में होरीलॉग गांव को सबसे समस्याग्रस्त क्षेत्र पाया गया। वहां मोटर, स्टार्टर और चापाकल वर्षों से खराब हैं। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। विभाग को इन समस्याओं की जानकारी पहले भी दी गई थी, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया।
अवैध कब्जा और लापरवाही भी उजागर
निरीक्षण के दौरान 2 जलमीनारों पर अवैध कब्जा होने की जानकारी भी सामने आई है। जिप सदस्य संतोषी शेखर ने स्पष्ट किया कि इन मामलों की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी जाएगी, ताकि उचित कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि –
“पंचायत में कई महीनों से जल नल योजना के बंद रहने की शिकायत मिल रही थी। अब जब समस्याएं सामने आ गई हैं, तो उन्हें शीघ्र ठीक करने का निर्देश विभागीय जेई को दे दिया गया है।”
न्यूज़ देखो: गांव-गांव की पेयजल योजनाओं की सच्चाई
न्यूज़ देखो की टीम यह मानती है कि पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतों पर कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। छेचा पंचायत का यह मामला एक गंभीर उदाहरण है, जहां सरकारी योजनाएं कागजों में तो सक्रिय हैं, पर जमीनी हकीकत इससे अलग है।
हम जनता से जुड़ी हर छोटी-बड़ी समस्या को सामने लाकर जवाबदेही तय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदार सिस्टम से ही पहुंचेगा पानी हर घर तक
पेयजल जैसी आवश्यक सुविधा की लचर व्यवस्था और रखरखाव की कमी से ग्रामीण जनता पीड़ित है। जब तक ज़मीनी स्तर पर जवाबदेही और निगरानी नहीं बढ़ेगी, तब तक सरकारी योजनाएं सिर्फ आंकड़ों में सफल रहेंगी।
समय की मांग है – निगरानी, जवाबदेही और जन भागीदारी।
आप भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को सामने लाएं और बदलाव का हिस्सा बनें।