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देश के रक्षक की बेटी को मिला जीवनदान: टीम दौलत के रंजीत प्रजापति ने किया रक्तदान, भावुक हुए सेना में तैनात पिता

#गढ़वा #टीम_दौलत : “हम देश के रक्षकों के परिवार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं” — दौलत सोनी

मानवीय सेवा की मिसाल बनी टीम दौलत

गढ़वा, 14 जुलाई। जब ज़रूरत होती है, तभी असली साथी सामने आते हैं – यह कहावत सोमवार को टीम दौलत ने एक बार फिर सच कर दिखाई। बेलचंपा निवासी और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में तैनात भारतीय सेना के जवान कमलेश सिंह (पिंटू) की पुत्री आयुषी सिंह को अचानक A+ रक्त की आवश्यकता पड़ी। जैसे ही यह संदेश टीम दौलत के समूह में पहुँचा, रंजीत कुमार प्रजापति, जो उस समय अपने ससुराल नवा छतरपुर में थे, बिना एक पल गंवाए सीधे गढ़वा ब्लड बैंक पहुँचे और रक्तदान कर आयुषी की जान बचाई

सैनिक पिता की भावुक प्रतिक्रिया

“मैं कमलेश सिंह (पिंटू), बेलचंपा का रहने वाला हूँ और इस समय जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पोस्टेड हूँ। मेरी बेटी आयुषी को खून की ज़रूरत थी। मैंने दौलत जी से संपर्क किया और उन्होंने तुरंत रंजीत जी को बुलाया, जिन्होंने बिना देरी किए रक्तदान कर मेरी बेटी की जान बचाई। मैं दौलत जी और उनकी टीम को कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूँ। जय हिंद।”

दौलत सोनी ने कहा – यह हमारा धर्म है

इस अवसर पर युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने भावुक शब्दों में कहा:

“जब देश के सपूत सरहद पर हमारी रक्षा करते हैं, तो उनके परिवार की सेवा हमारा धर्म बन जाता है। यह गर्व की बात है कि टीम दौलत ने एक सैनिक की बेटी के लिए समय पर जीवनदान दिया।”

टीम की एकजुटता बनी प्रेरणा

इस सेवा कार्य में टीम के सदस्य अनवर शाह, कुंदन कुमार, विशाल कुमार और अन्य साथियों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। सभी ने मिलकर रक्तदान की प्रक्रिया को सुरक्षित व सफल बनाया और परिवार को भावनात्मक संबल भी दिया।

यह कार्य केवल रक्तदान नहीं, बल्कि देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के प्रति समाज की कृतज्ञता और मानवीय संवेदनशीलता का प्रमाण है। टीम दौलत का यह कार्य क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

न्यूज़ देखो: सैनिकों के परिवार के लिए समाज की सच्ची सेवा

टीम दौलत का यह प्रयास बताता है कि जब भावना सेवा की हो और संकल्प मानवीयता का हो, तो हर चुनौती का समाधान निकल सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सेवा में लहू देना ही असली राष्ट्रसेवा

आइए, हम भी टीम दौलत की तरह जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहें और रक्तदान जैसे कार्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
देश के रक्षक जब सरहद पर हों, तो हमें उनके परिवारों की चिंता करनी चाहिए — यही है सच्ची देशभक्ति।

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