Giridih

डुमरी में पंचायत सचिव की मौत ने पकड़ा तूल, संघ ने पुलिस पर लापरवाही का लगाया आरोप

Join News देखो WhatsApp Channel
#गिरिडीह #डुमरी : सुखलाल महतो की आत्महत्या के बाद गरमाया मामला — पंचायत सचिव संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी, FIR के बावजूद कार्रवाई न होने पर जताई नाराजगी
  • झारखंड पंचायत सचिव संघ ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया
  • मृतक सचिव सुखलाल महतो के मामले में ठोस कार्रवाई की मांग
  • गिरिडीह जिला अध्यक्ष ने कहा – मामले को दबाने का हो रहा प्रयास
  • 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गई
  • आरोप है कि बीडीओ द्वारा अपमानित किए जाने के बाद हुई आत्महत्या

मामला गरमाया, पंचायत सचिव संघ उतरा आक्रामक मोड में

डुमरी प्रखंड के पंचायत सचिव सुखलाल महतो की संदिग्ध मौत के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि FIR दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे मृतक के परिजनों और पंचायत सचिवों में आक्रोश है।

बीडीओ की प्रताड़ना बनी वजह?

संघ के अनुसार, पंचायत सचिव सुखलाल महतो को बीडीओ द्वारा कथित रूप से सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया था, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इस घटना के बाद पूरे प्रखंड में गहरा आक्रोश है और सचिवों में असुरक्षा का माहौल बन गया है।

गिरिडीह जिला अध्यक्ष वशिष्ठ कुमार सिंह ने कहा: “मामले को साजिशन दबाने का प्रयास किया जा रहा है। दोषियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

संघ का अल्टीमेटम: 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल

पंचायत सचिव संघ ने साफ कर दिया है कि अगर पुलिस जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी नहीं करती, तो 2 जुलाई से राज्यभर में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। संघ इस मुद्दे को लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन तेज करने की तैयारी में है और कहा है कि अब चुप बैठने का समय नहीं है।

प्रशासनिक कार्रवाई की सुस्ती बनी सवाल

सचिवों का आरोप है कि प्रशासनिक स्तर पर भी मामले को हल्के में लिया जा रहा है, जबकि यह घटना कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न से जुड़ी है। ऐसे में अगर समय रहते न्याय नहीं मिला, तो यह पूरे प्रशासनिक ढांचे की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़ा करेगा।

न्यूज़ देखो: पंचायत कर्मियों की व्यथा और व्यवस्था की चुप्पी

एक संविदा कर्मचारी की संदिग्ध मौत और उस पर उठ रहे सवाल प्रशासन की संवेदनशीलता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।
न्यूज़ देखो ऐसे हर उस घटनाक्रम को उजागर करता रहेगा जहां आम कर्मचारी खुद को अकेला और असुरक्षित महसूस कर रहा हो। लोकतंत्र की ताकत उसकी जड़ों में होती है – और पंचायत कर्मचारी उसी का आधार हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

लोकतंत्र की पहली सीढ़ी के सिपाहियों को न्याय मिले

पंचायत सचिव ग्रामीण विकास की रीढ़ होते हैं। अगर उन्हें सम्मान और सुरक्षा न मिले, तो व्यवस्था का आधार ही हिल जाएगा।
आप इस खबर पर अपनी राय कमेंट करें, आर्टिकल को रेट करें और अपने साथियों में जरूर साझा करें ताकि सही सवाल, सही समय पर उठाए जा सकें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

Related News

Back to top button
error: