Garhwa

ओखरगाड़ा को प्रखण्ड बनाए जाने की मांग तेज, संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपा मांग पत्र

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #ओखरगाड़ाप्रखण्डनिर्माण : जनता बोली – “अब और इंतजार नहीं, प्रखण्ड निर्माण जनहित में जरूरी”
  • ओखरगाड़ा प्रखण्ड नव निर्माण संघर्ष समिति ने गढ़वा समाहरणालय में दिया एक दिवसीय धरना
  • मुख्यमंत्री को भेजा विस्तृत मांग पत्र, उपायुक्त गढ़वा के माध्यम से किया प्रेषित
  • वर्तमान में मेराल से 20-35 किमी दूर स्थित पंचायतों के लोग विकास से वंचित
  • लगभग 50 हजार की जनसंख्या के लिए अलग प्रशासनिक इकाई की मांग
  • झामुमो ने भी मांग को दिया समर्थन, जनहित में शीघ्र निर्णय की अपील

आंदोलन की नई लहर—जनता बोली, अब नहीं रुकेगी आवाज

गढ़वा जिला के मेराल प्रखण्ड से अलग कर ओखरगाड़ा को स्वतंत्र प्रखण्ड बनाए जाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति ने बुधवार को समाहरणालय के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान समिति ने झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नाम एक विस्तृत मांग पत्र गढ़वा उपायुक्त के माध्यम से प्रेषित किया, जिसमें ओखरगाड़ा क्षेत्र की जनता की समस्याओं, दूरी, विकास की कमी और प्रशासनिक बाधाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है।

विकास से दूर—35 किमी दूर प्रखण्ड मुख्यालय

संघर्ष समिति ने मांग पत्र में बताया कि ओखरगाड़ा, विकताम, खोरीडीह, चेचरिया, अरंगी और ओखरगाड़ा पश्चिमी पंचायतें मेराल प्रखण्ड मुख्यालय से 20 से 35 किलोमीटर दूर स्थित हैं। खराब सड़कों और सीमित परिवहन सुविधा के कारण ग्रामीणों को प्रखण्ड कार्यालय तक पहुंचने में भारी कठिनाई होती है।

“योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को कई बार 2-3 दिन तक भटकना पड़ता है। इससे न केवल समय और पैसा बर्बाद होता है, बल्कि गरीब तबके को अधिक नुकसान होता है।”

50 हजार की आबादी, फिर भी विकास से वंचित?

मांग पत्र के अनुसार, 2011 की जनगणना में इन छह पंचायतों की जनसंख्या लगभग 35,000 थी जो अब 50,000 के करीब पहुंच गई है। इसके बावजूद आज तक क्षेत्र में कोई स्थायी प्रशासनिक ढांचा विकसित नहीं हो पाया है। जनसंख्या, भौगोलिक दूरी और प्रशासनिक बोझ को देखते हुए यह मांग अब जनहित और न्यायसंगत हो चुकी है।

सरकार के लिए कोई बाधा नहीं—जमीन उपलब्ध

संघर्ष समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रखण्ड कार्यालय निर्माण हेतु उपयुक्त भूमि पहले से ही उपलब्ध है, जिससे सरकार को भूमि अधिग्रहण जैसी कोई प्रक्रिया नहीं करनी पड़ेगी। इससे भविष्य में थाना, स्वास्थ्य केंद्र, बैंक, स्कूल, डाकघर जैसी सेवाओं की स्थापना में भी तेजी आएगी।

जनसंगठन और राजनीतिक समर्थन भी मिला

इस आंदोलन को अब राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी एक अलग पत्र के माध्यम से इस मांग को जनभावना से जुड़ा और पूरी तरह जायज बताया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस विषय में शीघ्र निर्णय लेकर जनभावनाओं का सम्मान किया जाए

न्यूज़ देखो: जनता की आवाज अब दबेगी नहीं

ओखरगाड़ा क्षेत्र की यह मांग केवल एक भौगोलिक सीमा नहीं, बल्कि विकास, सुविधा और सम्मान की मांग है। जब लोग अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक आवाज उठाते हैं, तो न्यूज़ देखो जैसी ज़मीनी पत्रकारिता उसका समर्थन करती है।
हमारा उद्देश्य है— आवाजों को सत्ता के गलियारों तक पहुँचाना, सच को सामने लाना।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रखण्ड बनने से क्या होगा लाभ?

  • स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक तंत्र मजबूत होगा
  • योजनाओं का लाभ सीधे और तेज़ मिलेगा
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और रोजगार में होगा सुधार
  • क्षेत्रीय संतुलन और विकेन्द्रीकृत शासन को बढ़ावा

अब देखना है कि सरकार जनता की इस बार की आवाज को कब तक अनसुना करती है, या फिर ओखरगाड़ा को नया प्रखण्ड बना एक ऐतिहासिक फैसला लेती है

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20250925-WA0154
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250723-WA0070
20250923_002035
Radhika Netralay Garhwa
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: