
#गढ़वा #नवरात्र : सप्तमी पर उमड़ी भक्तों की भीड़ प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर रखी सख्त नजर
- सप्तमी तिथि पर सुबह से ही खुलने लगे मां के पट।
- पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब।
- भक्तों ने की मां कालरात्रि की उपासना।
- महाअष्टमी पर महादिव्य दीपदान और पुष्पांजलि आज होगी।
- पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व यातायात पर कड़ी निगरानी रखी।
गढ़वा। शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि पर सोमवार को गढ़वा के विभिन्न पूजा पंडालों में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां दुर्गा के पट खोले गए। सुबह नवपत्रिका का प्रवेश होते ही भक्तों के जयकारों के बीच मां जगदंबा, श्री गणेश, कार्तिक, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और महिषासुर की पूजा-अर्चना आरंभ हुई। आचार्यों द्वारा नवग्रह, पंचदेवता और दशदिग्पाल की विधिवत पूजा कर प्राण प्रतिष्ठा कराई गई।
दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
मां की प्रतिमाओं के पट खुलते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दराज के गांवों से महिलाएं, पुरुष और बच्चे भक्ति भाव से पंडालों में पहुंचे। पूरे शहर में माता रानी के जयघोष गूंजते रहे। देवी प्रतिमाओं की सजावट और भव्यता देखने लायक थी। देर शाम तक पूजा पंडालों में दर्शन करने वालों का तांता लगा रहा।
कालरात्रि की आराधना से भक्ति में डूबा शहर
मां गढ़देवी मंदिर के पुजारी राजन पांडे ने बताया कि सप्तमी तिथि को मां के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की गई। उन्होंने कहा कि मध्यरात्रि में भक्ति भाव से की गई कालरात्रि की उपासना अलौकिक शक्तियों, तंत्र और मंत्र सिद्धि का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि मंगलवार को महाअष्टमी के अवसर पर दोपहर 1:15 बजे से अष्टमी पूजन, पाठ, आरती और पुष्पांजलि होगी। इसके बाद 1:44 बजे महा दीपदान का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं से उन्होंने समय पर दीपदान करने की अपील की।
प्रशासन की पैनी नजर
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहा। पूजा पंडालों में पुलिस पदाधिकारी, जवान और महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई। साथ ही सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की कि किसी भी असामाजिक तत्व या संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
यातायात व्यवस्था में बदलाव
दशहरा को देखते हुए जिला प्रशासन ने वाहनों का रूट डायवर्ट किया है। मेराल से गाड़ी बस स्टैंड जाने वाले वाहन अब फुटबॉल स्टेडियम से कर्बला मैदान होकर मझिआंव मोड़ से आगे बढ़ेंगे। वहीं रेहला से मेराल और रंका जाने वाले वाहनों को रेहला रोड चेक पोस्ट के पास से बाईपास मार्ग से होकर दानरो नदी मिनी बस स्टैंड की ओर भेजा जा रहा है।

न्यूज़ देखो: आस्था और अनुशासन का अनुपम संगम
गढ़वा की सप्तमी ने यह स्पष्ट किया कि भक्ति, सुरक्षा और प्रशासनिक समन्वय जब साथ आते हैं, तो त्योहार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सामूहिकता का संदेश भी देते हैं।
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भक्तिभाव और अनुशासन का पर्व
नवरात्र सिर्फ पूजा-पाठ का पर्व नहीं, बल्कि यह समाज में अनुशासन और भाईचारे की मिसाल भी है। ऐसे आयोजनों से न केवल श्रद्धालुओं का मनोबल बढ़ता है, बल्कि सामाजिक एकता भी मजबूत होती है। अब समय है कि हम सब इस ऊर्जा को समाज के कल्याण की दिशा में लगाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और खबर को दोस्तों व परिवारजनों के साथ साझा करें।