गढ़वा में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का आठवां दिन सफल, अब तक 48 गांवों तक पहुंचा कार्यक्रम

#गढ़वा #विकसितकृषि – कृषि विज्ञान केंद्र की पहल से खेतों तक पहुंच रही उन्नत तकनीक

धुरकी के गांवों में किसानों को दी गई उन्नत जानकारी

कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग और आत्मा, गढ़वा के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र, गढ़वा द्वारा चलाया जा रहा “विकसित कृषि संकल्प अभियान” अब तेजी से गाँव-गाँव पहुंच रहा है।
आठवे दिन तक कुल 90 लक्षित गांवों में से 48 गांवों में यह अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है।

गुरुवार को धुरकी प्रखंड के मच्पनी, बरासोति एवं भंडार गांव में आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. सुषमा ललिता बाक्ला (वैज्ञानिक, पशुपालन) ने किया।

उनके साथ टीम में डॉ. अभिलाषा मिन्ज, श्री नवलेश कुमार, श्री चंदन कुमार और बीटीएम श्री धनंजय कुमार सिंह मौजूद थे, जिन्होंने किसानों को सरकार की कृषि योजनाओं, मिट्टी परीक्षण, खरीफ फसलों की उन्नत तकनीक, सब्जियों की खेती, और कीट नियंत्रण उपायों की जानकारी दी।

दूसरी टीम ने संभाली अन्य गांवों की कमान

कार्यक्रम की दूसरी टीम का नेतृत्व श्री विंध्याचल राम ने किया।
इस टीम में शामिल थे – डॉ. रोहित कुमार सिंह (वैज्ञानिक, उद्यान), श्री अमित बैठा, श्री राकेश रोशन, बृजभूषण पांडे, एटीएम श्री विजय कुमार यादव और प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री विकास कुमार

इन अधिकारियों ने भी गांवों में कृषकों को वैज्ञानिक तरीकों से खेती, सरकारी योजनाओं की लाभप्रद जानकारी, और मौसम अनुकूल कृषि तकनीक के प्रति जागरूक किया।

कार्यक्रम में संवाद और समाधान की सहभागिता

प्रश्नोत्तरी सत्र में किसानों ने फसल से संबंधित समस्याएं, बीज चयन, कीट प्रकोप, और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव जैसे विषयों पर सवाल पूछे, जिनका उत्तर वैज्ञानिकों ने विस्तार से दिया।

डॉ. सुषमा ललिता बाक्ला ने कहा: “यह अभियान किसानों को परंपरागत खेती से हटकर वैज्ञानिक तरीकों से खेती की ओर प्रेरित करने का सशक्त माध्यम बन रहा है।”

न्यूज़ देखो: खेती में नवाचार और सहभागिता की पहल

‘न्यूज़ देखो’ इस खबर के जरिए सरकार की उन जमीनी पहलों को उजागर करता है जो कृषकों को उन्नति की राह दिखा रही हैं।
विकसित कृषि संकल्प अभियान न केवल कृषि जागरूकता फैला रहा है, बल्कि कृषि विज्ञान केंद्र और आत्मा जैसे संस्थानों की भूमिका को भी रेखांकित कर रहा है।
इस तरह की सक्रिय सहभागिता से गांव-गांव में खेती की तस्वीर बदल सकती है और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

वैज्ञानिक खेती से होगा हर खेत हरा-भरा

खेती अब सिर्फ परंपरा नहीं, विज्ञान से जुड़ी रणनीति है।
इसलिए हर किसान को चाहिए कि वह सरकारी योजनाओं से जुड़े, वैज्ञानिक जानकारी ले और अपने खेत की उत्पादकता बढ़ाने में खुद को सक्षम बनाए
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