
#सिमडेगा #खेल_महाकुंभ : विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर में दूसरे दिन कबड्डी मुकाबलों ने बांधा समां
- विवेकानन्द शिशु/विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ में खेल महाकुंभ का भव्य आयोजन।
- कबड्डी प्रतियोगिता में भैयाओं और बहनों के बीच हुए रोमांचक मुकाबले।
- भैयाओं में एकलव्य दल और भरत दल ने दर्ज की जीत।
- बहनों के वर्ग में शिवाजी दल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विजय प्राप्त की।
- खेल भावना, अनुशासन और टीमवर्क का जीवंत उदाहरण बने मुकाबले।
वनवासी कल्याण केंद्र की शैक्षिक इकाई श्रीहरि वनवासी विकास समिति, झारखंड द्वारा संचालित विवेकानन्द शिशु/विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ (बानो, सिमडेगा) में आयोजित खेल महाकुंभ के दूसरे दिन कबड्डी प्रतियोगिता का अत्यंत रोमांचक, प्रेरणादायी और अनुशासनपूर्ण आयोजन किया गया। पूरे विद्यालय परिसर में खिलाड़ियों की ऊर्जा, दर्शकों का उत्साह और खेलभावना का अनुपम दृश्य देखने को मिला।
प्रतियोगिता के दौरान विद्यालय के विभिन्न दलों के बीच हुए मुकाबलों ने उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। खिलाड़ियों ने न केवल शारीरिक कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि रणनीति, टीमवर्क और आत्मसंयम का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
भैयाओं के वर्ग में जोरदार मुकाबले
भैयाओं के वर्ग में एकलव्य दल और आरुणि दल के बीच खेले गए कबड्डी मुकाबले में एकलव्य दल ने बेहतरीन तालमेल, साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए जीत दर्ज की। यह मुकाबला अंत तक रोमांचक बना रहा और दर्शकों की तालियों से पूरा मैदान गूंज उठा।
इसके बाद शिवाजी दल और भरत दल के बीच हुए मुकाबले में भरत दल ने अनुशासित खेल और दृढ़ संकल्प के साथ शानदार प्रदर्शन करते हुए विजय हासिल की। वहीं, भरत दल और आरुणि दल के बीच खेले गए अगले मैच में भी भरत दल ने अपनी श्रेष्ठ रणनीति और सामूहिक प्रयास से जीत दर्ज कर अपनी मजबूत स्थिति साबित की।
बहनों के वर्ग में शिवाजी दल की जीत
बहनों के वर्ग में आरुणि दल और शिवाजी दल के बीच खेले गए अंतिम मुकाबले ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस मुकाबले में शिवाजी दल ने आक्रामक लेकिन संतुलित खेल का प्रदर्शन करते हुए शानदार जीत हासिल की। खिलाड़ियों की फुर्ती, आत्मविश्वास और टीम भावना ने सभी को प्रभावित किया।
आचार्य–आचार्याओं की रही सक्रिय सहभागिता
खेल महाकुंभ के इस आयोजन में विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र साहू, आचार्य प्रमोद पाणीग्राही, भागीरथी सिंह, गणेश सिंह, जोगेश्वर सिंह, शिविरचंद नायक, सुदर्शन कुमार, अर्जुन महतो, लक्ष्मी देवी, दसरथी देवी, प्रगति कुमारी, बसंती बड़ाईक, शकुंतला कुमारी, बिमला देवी, यमुना कुमारी, सुनीति कुमारी, संध्या बड़ाईक, रजनी बड़ाईक, गंगोत्री देवी, सबरन सिंह, एटलस कुमार, कालीचरण सिंह, तरुण सिंह सहित समस्त आचार्य-आचार्याएँ एवं कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे। सभी ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर उनके मनोबल को बढ़ाया।
खेल से मिलता है जीवन का सशक्त संदेश
विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र साहू ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि
“खेल केवल शारीरिक बल का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मबल, अनुशासन, संयम और टीम भावना को विकसित करने का सशक्त साधन है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उनमें नेतृत्व क्षमता, साहस और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का संचार करते हैं, जो उनके भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

न्यूज़ देखो: खेल से संस्कार और विकास
ग्रामीण अंचलों में इस तरह के खेल महाकुंभ बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ अनुशासन और संस्कारों को भी मजबूत करते हैं।
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खेल भावना को आगे बढ़ाने का संदेश
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