Site icon News देखो

कैमरून में फंसे झारखंड के 17 मजदूरों की सुरक्षित वतन वापसी पर परिजनों ने जताया आभार

#हजारीबाग #प्रवासीमजदूर : अफ्रीका से लौटे श्रमिकों के चेहरों पर खुशी झलकी, सरकार और समाजसेवी के प्रयासों से हुआ संभव

अफ्रीका के कैमरून में रोजगार की तलाश में गए झारखंड के मजदूरों के लिए सोमवार का दिन उम्मीद और राहत लेकर आया। वहां फंसे 19 प्रवासी मजदूरों में से 17 सुरक्षित रूप से भारत लौट आए हैं। मजदूरों ने देश लौटते ही चेहरे पर मुस्कान के साथ सरकार, मीडिया और समाजसेवी सिकन्दर अली को धन्यवाद दिया, जिनके प्रयासों से यह संभव हुआ। लंबे समय से वेतन न मिलने और भोजन की कमी के कारण कठिनाई झेल रहे मजदूर अब अपने परिवारों के साथ पुनः मिलकर राहत की सांस ले रहे हैं।

कैमरून में फंसे मजदूरों की व्यथा

हजारीबाग और बोकारो जिले के 19 प्रवासी मजदूर कैमरून की ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में कार्यरत थे। लेकिन इनमें से 11 मजदूरों को चार महीने और 8 मजदूरों को दो महीने से वेतन नहीं मिला था। आर्थिक संकट इतना बढ़ गया कि उन्हें भोजन और दैनिक जरूरतें पूरी करने में भी कठिनाई आने लगी। परिवारों से दूरी और काम के बदले पारिश्रमिक न मिलने ने उनकी स्थिति बेहद गंभीर बना दी।

सोशल मीडिया से उठी गुहार

अपनी परेशानी को दुनिया तक पहुंचाने के लिए मजदूरों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने वीडियो जारी कर भारत सरकार और झारखंड सरकार से वतन वापसी की अपील की। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और इस पर स्थानीय मीडिया व समाजसेवी संगठनों ने संज्ञान लिया।

सरकार और समाजसेवी के प्रयास

वीडियो के सामने आने के बाद सरकार ने सक्रिय भूमिका निभाई और विदेश मंत्रालय के सहयोग से मजदूरों की वतन वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई। इस पूरी प्रक्रिया में समाजसेवी सिकन्दर अली ने भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने लगातार मजदूरों के परिवारों और प्रशासन के बीच सेतु का कार्य किया।

परिजनों ने कहा: “हम अपने बच्चों को सुरक्षित वापस देखकर बेहद खुश हैं। सरकार और सिकन्दर अली जैसे समाजसेवी का धन्यवाद, जिन्होंने हमारी बात सुनी और मदद की।”

लौटे मजदूरों की सूची

वापसी करने वाले 17 मजदूरों में हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके, राजेंद्र किस्कू शामिल हैं। वहीं बोकारो जिले से प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा, महेन्द्र हांसदा भी सुरक्षित वापस लौटे हैं।

शेष दो मजदूरों की वापसी शेड्यूल

हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के नरकी के फूलचंद मुर्मू और बोकारो जिले के नावाडीह थाना क्षेत्र के पोखरिया के बब्लू सोरेन की वतन वापसी 26 अगस्त को निर्धारित है। उनके परिजन अब बेसब्री से उनकी घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

न्यूज़ देखो: प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ी राहत

यह घटना बताती है कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से किसी भी संकट को हल किया जा सकता है। प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को गंभीरता से लेना और समय पर समाधान करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। सिकन्दर अली जैसे समाजसेवियों की भूमिका इस पूरे घटनाक्रम में प्रेरणादायक रही।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सुरक्षित भविष्य के लिए जागरूक बनें

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और अधिकार हम सबकी जिम्मेदारी है। अब समय है कि हम मिलकर ऐसी परिस्थितियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सजग रहें। अपनी राय कॉमेंट करें, खबर को शेयर करें और मजदूरों के हक में आवाज बुलंद करें।

Exit mobile version