
#जारी #धार्मिकपर्व : ख्रीस्तीय समुदाय ने मिस्सा अनुष्ठान और भव्य जुलूस के साथ ख्रीस्त राजा पर्व मनाया
- जरमाना पल्ली में ख्रीस्त राजा पर्व धूमधाम से मनाया गया।
- मुख्य मिस्सा अनुष्ठान की अध्यक्षता फादर निरंजन एक्का ने की।
- श्रद्धालुओं ने जुलूस निकालकर शांति, प्रेम और मेल-मिलाप का संदेश दिया।
- फादर ने क्रोध, ईर्ष्या, लालच और पाप जैसी बुराइयों को त्यागने का संदेश दिया।
- बारडीह, पारसा और भीखमपुर में भी पर्व का आयोजन, बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल।
ख्रीस्तीय समुदाय ने रविवार को जारी प्रखंड के जरमाना पल्ली में पूरे उत्साह और भक्ति भावना के साथ ख्रीस्त राजा पर्व मनाया। सुबह से ही गिरजाघरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी और विशेष मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन हुआ, जिसकी अगुवाई फादर निरंजन एक्का ने की। मिस्सा पूर्ण होने के बाद भक्तों की विशाल संख्या ने जुलूस निकाला, जिसमें बच्चे, युवा, महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने भाग लेकर पूरी आस्था के साथ यीशु मसीह की शिक्षाओं का संदेश प्रसारित किया। जुलूस के दौरान श्रद्धालु शांति, प्रेम, भाईचारे और मेल-मिलाप का संदेश देते हुए आगे बढ़ते रहे।
पर्व में आस्था और आध्यात्मिक संदेशों का उल्लास
फादर निरंजन एक्का ने अपने संदेश में कहा कि जैसे यीशु मसीह ने बुराई पर विजय पाकर मानवता के लिए मार्ग दिखाया, वैसे ही प्रत्येक विश्वासी का कर्तव्य है कि अपने जीवन से सभी प्रकार की बुराइयों को दूर करे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि क्रोध, ईर्ष्या, लालच, घृणा और पाप जैसे नकारात्मक भावों को त्यागना ही सच्चे जीवन की दिशा है। फादर ने यह भी कहा कि विश्वास केवल दिखावे का विषय नहीं है, बल्कि मन से यीशु को अपने जीवन का राजा मानकर उनके मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धा है।
फादर निरंजन एक्का: “हमें केवल दिखावा के लिए नहीं, बल्कि सच्चे मन से यीशु को अपने जीवन का राजा स्वीकार करना चाहिए और उनकी इच्छा के अनुसार जीवन जीना चाहिए।”
आसपास के क्षेत्रों में भी व्यापक उत्साह
जरमाना पल्ली के साथ-साथ बारडीह, पारसा और भीखमपुर में भी ख्रीस्त राजा पर्व का आयोजन किया गया, जहां बड़ी संख्या में ख्रीस्तीय समुदाय के लोग शामिल हुए। सभी जगहों पर अनुष्ठान, प्रार्थना और जुलूस के माध्यम से भक्तों ने अपनी आस्था व्यक्त की। इस पूरे आयोजन में फादर अमृत कुजूर, फादर ललित जोन एक्का, फादर प्रदीप, फादर प्रेम प्रकाश, फादर ग्रेगोरी कुल्लू सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे और पर्व की गरिमा में योगदान दिया।
आस्था, समुदाय और भाईचारे का प्रतीक
इस पर्व ने क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण को और सशक्त किया। अलग-अलग गांवों और परिवारों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होकर समुदाय में एकजुटता, खुशहाली और सद्भाव का संदेश देते नजर आए। पर्व के माध्यम से श्रद्धालुओं ने यह संकल्प भी लिया कि वे समाज में प्रेम, शांति और एकता को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।

न्यूज़ देखो: आस्था और सामाजिक एकता के संगम का सुंदर उदाहरण
ख्रीस्त राजा पर्व के आयोजन ने दिखाया कि किस प्रकार धार्मिक अवसर समाज में सकारात्मकता, सामूहिकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं। ऐसे पर्व न केवल विश्वास को मजबूत बनाते हैं, बल्कि समुदाय में सौहार्द को भी गहरा करते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भाईचारे और प्रेम के मार्ग पर चलने का समय
धार्मिक पर्व हमें एक-दूसरे के करीब लाते हैं और जीवन के मूल्यों का स्मरण कराते हैं। अब समय है कि हम सभी प्रेम, धैर्य और सद्भाव के साथ समाज को और बेहतर बनाने में अपना योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि संदेश दूर तक पहुंचे।





