Giridih

त्याग और बलिदान का संदेश देता है बकरीद का पर्व : कासिम अंसारी

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#गिरिडीह #बकरीद_संदेश : झामुमो युवा नेता ने कहा – पैगंबर इब्राहिम की मिसाल इंसानियत के लिए प्रेरणास्त्रोत
  • बकरीद को महान त्याग और बलिदान का प्रतीक बताया झामुमो युवा नेता कासिम अंसारी ने
  • पैगंबर इब्राहिम और इस्माइल की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है यह पर्व
  • देशवासियों को दी बकरीद की शुभकामनाएं, शांतिपूर्वक मनाने की अपील
  • भावनाएं आहत न हों, सभी धर्मों का सम्मान ज़रूरी : अंसारी
  • भेलवाघाटी थाना क्षेत्र से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति

एकता और सहिष्णुता का पर्व

गिरिडीह ज़िले के भेलवाघाटी थाना क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा के युवा नेता कासिम अंसारी ने शनिवार को मनाई जाने वाली ईद-अल-अजहा (बकरीद) को त्याग और बलिदान का प्रतीक बताते हुए प्रेसविज्ञप्ति जारी की है। उन्होंने इस पर्व को पैगंबर हजरत इब्राहिम और उनके पुत्र हजरत इस्माइल की कुर्बानी की प्रेरक कथा से जोड़ते हुए कहा कि यह पर्व विश्व के मुसलमानों के लिए एक आदर्श जीवन मूल्य का प्रतीक है।

सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश

कासिम अंसारी ने कहा कि “हमारे देश की खूबसूरती इसकी विविधता में एकता है। हर पर्व हमें एक-दूसरे के धर्म, परंपरा और भावना का सम्मान करना सिखाता है।” उन्होंने बकरीद की बधाई देते हुए सभी नागरिकों से अपील की कि त्योहार शांति और सौहार्द के साथ मनाया जाए।

“यह पर्व केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि मानवता, बलिदान और कर्तव्य की मिसाल है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी की भावना को ठेस न पहुंचे और त्योहारों के ज़रिए समाज में एकता और भाईचारा बढ़े।”
– कासिम अंसारी, झामुमो युवा नेता

न्यूज़ देखो : हर पर्व में है समरसता का संदेश

बकरीद जैसे पर्व हमें याद दिलाते हैं कि धर्म का असली मकसद इंसानियत और सेवा है। न्यूज़ देखो सभी पाठकों से अपील करता है कि वे त्योहारों की मूल भावना को समझें और उसे आत्मसात करें। शांतिपूर्ण, समर्पित और सहयोगपूर्ण समाज ही वास्तविक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की पहचान है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

एकजुट भारत की तस्वीर है त्याग और समर्पण का यह पर्व

देश की मिट्टी में हर धर्म, हर परंपरा को स्थान मिला है। कासिम अंसारी जैसे युवा नेताओं की बातें इस बात का प्रमाण हैं कि युवाओं के नेतृत्व में सांप्रदायिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता को नई दिशा मिल सकती है। आइए, इस बकरीद पर हम त्याग और भाईचारे का संकल्प लें।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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