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उत्सव की रोशनी में अर्थव्यवस्था की छाया: गढ़वा का धनतेरस बाजार रोशनी और सजावट से चमका, पर महंगाई से खरीदारी की रफ्तार धीमी

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#गढ़वा #धनतेरस : मुख्य बाजार में रौनक तो दिखी, पर बढ़ते दामों के कारण खरीदारों की जेबें रहीं संभली हुई
  • गढ़वा के मुख्य बाजार में धनतेरस के अवसर पर चमकदार बर्तन और झालरों से सजी दुकानों की चमक।
  • बर्तन पट्टी रही आकर्षण का केंद्र, लेकिन खरीदारी सीमित रही।
  • स्टील 400, पीतल 950 और फूल 1600 रुपये किलो तक पहुँचे भाव।
  • बिक्री में 25 प्रतिशत तक की गिरावट, अनुमानित कारोबार 1 से 1.5 करोड़ रुपये तक सीमित।
  • प्रशासन और चैंबर ऑफ कॉमर्स की व्यवस्था से दुकानदार संतुष्ट।

गढ़वा में धनतेरस का पर्व इस बार भी उमंग, रोशनी और उम्मीदों से भरा प्रतीत हो रहा है। बाजारों में उत्सव का माहौल दिख रहा है, पर बढ़ती महंगाई ने उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाला। दुकानदारों के अनुसार, ग्राहक इस बार बड़ी खरीदारी करने से बच रहे हैं और केवल आवश्यक वस्तुएं खरीद रहे हैं। इसके बावजूद, व्यापारियों को उम्मीद है कि दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के दौरान बाजार की रौनक फिर लौटेगी।

रौनक से जगमगाया गढ़वा बाजार

गढ़वा का मुख्य बाजार धनतेरस के मौके पर पूरी तरह सज-धजकर तैयार दिखा। बर्तन पट्टी की दुकानों में ग्राहकों की आवाजाही लगी रही। रंगीन झालरों, सुनहरी बर्तनों और दीयों की रोशनी से पूरा बाजार आलोकित हो उठा। दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को आकर्षक ढंग से सजाया, जिससे माहौल में एक अलग उत्सव की चमक दिखाई दी।

महंगाई ने खरीदी को किया प्रभावित

इस साल धनतेरस पर स्टील 400 रुपये प्रति किलो, पीतल 950 रुपये प्रति किलो और फूल 1600 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिके। व्यापारियों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दामों में 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। महंगाई के कारण आम उपभोक्ता अपनी जेब का संतुलन साधते हुए खरीदारी कर रहे हैं। पहले की तरह भारी मात्रा में बर्तन या जेवर खरीदने की परंपरा इस बार कम नजर आई।

बिक्री में दिखी मंदी की झलक

गढ़वा जिले में पिछले साल धनतेरस पर 1.5 से 2 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, जबकि इस बार शुरुआती अनुमान के अनुसार 1 से 1.5 करोड़ रुपये की बिक्री की संभावना जताई जा रही है। दुकानदारों ने बताया कि ग्राहक दुकान तक तो आ रहे हैं, पर खरीदारी करने से पहले कीमतों की तुलना और जरूरत का आकलन कर रहे हैं। ज्यादातर परिवार अब केवल पूजा सामग्री, दीपक और कुछ छोटे बर्तनों की खरीद पर ध्यान दे रहे हैं।

व्यापारियों की उम्मीद दीपावली से

गढ़वा चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष ज्योति प्रकाश ने बताया,

“इस साल धनतेरस बाजार में उत्साह तो दिखा, लेकिन बिक्री उम्मीद से कम रही। लगातार बढ़ती महंगाई और लागत में वृद्धि से व्यापार पर दबाव बढ़ गया है। फिर भी हमें उम्मीद है कि दीपावली और छठ पर्व के दौरान बिक्री में सुधार होगा।”

उनके अनुसार, त्योहारों का यह मौसम व्यापारियों के लिए हमेशा उम्मीद लेकर आता है, और अब भी यही आशा है कि आने वाले दिनों में लोगों की खरीदारी बढ़ेगी।

प्रशासन ने की सराहनीय व्यवस्था

गढ़वा प्रशासन और चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त प्रयासों से इस बार बाजार क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और साफ-सफाई की बेहतरीन व्यवस्था रही। मेन बाजार में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दुकानदारों ने बताया कि सुरक्षा इंतज़ामों के कारण ग्राहक बेफिक्र होकर खरीदारी कर सके।

न्यूज़ देखो: उत्सव की रोशनी में अर्थव्यवस्था की छाया

गढ़वा का धनतेरस बाजार इस बार आस्था और आर्थिक हकीकत दोनों का प्रतिबिंब रहा। रौशनी और सजावट ने लोगों के उत्साह को जीवित रखा, लेकिन महंगाई की मार ने खरीदारी की रफ्तार धीमी कर दी। यह दृश्य दिखाता है कि भावनाएं भले ऊँची हों, लेकिन जेब की मजबूरी हर उत्सव की चमक पर असर डालती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

उम्मीद की दीपशिखा जलाए रखें

त्योहार सिर्फ खरीदारी नहीं, बल्कि साथ मिलकर खुशियाँ बाँटने का अवसर हैं। स्थानीय दुकानों से खरीददारी कर छोटे व्यापारियों को सहयोग दें। यही सच्चा उत्सव है — जहाँ रौशनी सबके घरों में फैले। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें और गढ़वा की इस धनतेरस रौनक को सब तक पहुँचाएँ।

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