
#डुमरी #सामाजिक_जागरूकता : युवा मंडली की पहल में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने साझा किए ज्ञान और संस्कृति के मूल्य
- प्रतियोगिता का फाइनल और पुरस्कार वितरण बुधवार को सम्पन्न।
- मुख्य अतिथि के रूप में बीपीओ संदीप उरांव, जेई दिलीप उरांव, जेई पुनित एक्का मौजूद।
- दस गांवों के 41 बुजुर्ग विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित।
- प्रतियोगिता का उद्देश्य सरना संस्कृति, सामाजिक चेतना और धार्मिक मूल्यों का प्रसार।
- विजेता प्रतिभागियों और समाज के बुजुर्गों को किया गया सम्मानित।
डुमरी प्रखंड में युवा मंडली डुमरी द्वारा आयोजित आदिवासी सामाजिक जागरूकता सह धार्मिक क्विज प्रतियोगिता का फाइनल और पुरस्कार वितरण उत्साहपूर्ण माहौल में बुधवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के रूप में बीपीओ संदीप उरांव, जेई दिलीप उरांव और जेई पुनित एक्का शामिल हुए। विशेष रूप से दस गांवों के 41 सम्मानित बुजुर्गों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमामय बना दिया। मुख्य अतिथियों और आयोजकों ने संयुक्त रूप से विजेता प्रतिभागियों के साथ समाज के वरिष्ठ सदस्यों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथियों ने इसे समाज के बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास के लिए अत्यंत सार्थक कदम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल आदिवासी बच्चों में ज्ञान-विकास और संस्कृति से जुड़ाव की भावना को बढ़ाते हैं, बल्कि सामाजिक एकजुटता और जागरूकता को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस तरह की पहलों को भविष्य में भी हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
समाज के वरिष्ठ बुजुर्ग शिवबालक उरांव ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक विकास और धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। वहीं जगरनाथ भगत ने प्रतियोगिता के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका मकसद युवाओं में सरना संस्कृति, धार्मिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ज्ञान, संस्कृति और समाज के प्रति संवेदनशीलता को एक मंच पर लाने का यह आयोजन सराहनीय है।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों को शॉल और समाज के बुजुर्गों को गमछा पहनाकर सम्मानित करने से हुई। मंच संचालन समाजसेवी प्रेम प्रकाश भगत ने किया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सधे हुए ढंग से आगे बढ़ाया।
मौके पर अकलू भगत, रविशंकर भगत, बीरेंद्र भगत, शंकर भगत, मनोज उरांव, अनिल उरांव, अन्नपूर्णा देवी, लीलावती देवी, मंजू कुमारी एक्का, मखलू भगत सहित सरना समाज के कई सदस्य उपस्थित थे।
न्यूज़ देखो: सामाजिक संस्कृति को मजबूत करने की अनुकरणीय पहल
डुमरी में आयोजित यह प्रतियोगिता स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि युवाओं द्वारा समाज के ज्ञान, संस्कृति और मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प कितना मजबूत है। प्रशासन, समाज और युवाओं के संयुक्त प्रयास से ऐसी पहलें विकास की नई दिशा तय करती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संस्कृति को समझें, समाज से जुड़ें
हमारी सांस्कृतिक जड़ें ही हमें समाज में मजबूत बनाती हैं। ऐसे आयोजनों में युवाओं की भागीदारी यह संकेत देती है कि आने वाली पीढ़ी अपनी परंपराओं और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक है।
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