झुमरी तिलैया में पहली बारिश ने खोली नगर परिषद की पोल: जगह-जगह जलजमाव, नाले ऊंचे, तैयारी नदारद

#कोडरमा #झुमरीतिलैयाजलजमाव : बारिश से पहले नहीं बनी नाले की निकासी व्यवस्था — फोरलेन सड़क पर बना सिस्टम बन रहा खतरा, डेंगू का बढ़ा प्रकोप

पहली बारिश में ही जलजमाव, लोग बेहाल

झुमरी तिलैया सहर में थोड़ी सी बारिश होते ही जल जमाव की भयावह स्थिति सामने आ जाती है। शहर के अधिकांश इलाके पानी में डूब जाते हैं, जिससे रोजाना की जिंदगी और यातायात दोनों बुरी तरह प्रभावित हो जाते हैं। इसकी बड़ी वजह है कि शहर में बने नाले सड़कों से काफी ऊंचे हैं, जिससे बरसात का पानी बहने की जगह उल्टा सड़कों और गलियों में भर जाता है।

बेतरतीब नालों से बिगड़ा सिस्टम, डेंगू बना जानलेवा

कई मोहल्लों में नालों की निकासी नहीं होने से वहां गंदा पानी महीनों तक जमा रहता है। इससे न सिर्फ दुर्गंध और गंदगी फैल रही है, बल्कि डेंगू मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ा हैअबतक कई लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं, और कुछ ने अपनी जान तक गंवा दी है। गंदा पानी कुओं और बोरिंग के जल स्रोतों में मिलकर पीने के पानी को भी संक्रमित कर रहा है, जिससे लोगों की तबीयत लगातार बिगड़ रही है।

फोरलेन सड़कों पर भी नहीं बची जगह, बढ़ा हादसों का खतरा

जहां सड़कें फोरलेन के नाम पर बनी हैं, वहां भी जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। बारिश का पानी सड़कों पर बहकर जमा हो जाता है, जिससे वाहनों की दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। यह स्थिति नगर परिषद और सड़क निर्माण विभाग की मिलीजुली लापरवाही का नतीजा है। बिना उचित प्लानिंग के सिर्फ सड़क बना देने से लोगों की समस्याएं कई गुना बढ़ गई हैं।

नगर परिषद की तैयारी पर उठ रहे सवाल

नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि जलजमाव की समस्या को लेकर वे जल्द ही निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करेंगे। लेकिन सवाल यह है कि हर साल की तरह इस बार भी तैयारी क्यों समय पर नहीं हुई? जब पहली बारिश ने ही हालात बिगाड़ दिए हैं, तो मानसून के दौरान स्थिति कितनी भयावह हो सकती है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

स्थानीय निवासी सुनील कुमार ने कहा: “हर साल यही होता है, सिर्फ कागजों में तैयारी होती है, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया जाता। नाले सालों से ऐसे ही हैं, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।”

न्यूज़ देखो: बरसात से नहीं, सिस्टम से बेहाल झुमरी तिलैया

न्यूज़ देखो झुमरी तिलैया में हर साल होने वाले जलजमाव, गंदगी और बीमारियों की स्थिति पर गहरी चिंता जताता है। सवाल नगर परिषद की उस तैयारी पर है जो हर मानसून से पहले दिखाई तो देती है, मगर असर कहीं नहीं दिखता। ड्रेनेज सिस्टम का आधुनिकीकरण कब होगा? कब लोग बारिश के मौसम में राहत की सांस लेंगे?
प्रशासन को चाहिए कि अब दिखावे के बजाय ज़मीनी स्तर पर स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बेहतर शहर निर्माण के लिए जन-जवाबदेही जरूरी

हम सबको समझना होगा कि सिर्फ शिकायत से समाधान नहीं होगा। नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने वार्ड पार्षदों और नगर परिषद से सुनिश्चित करें कि समस्याओं को लेकर ठोस कार्रवाई हो। साथ ही युवाओं को आगे आकर स्वच्छता और जन-जागरूकता अभियानों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए
आप भी इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दें, इसे शेयर करें और अपने इलाकों की ऐसी ही समस्याएं सामने लाएं।

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