
#लातेहार #वन्यजीव_संरक्षण : महुआडांड़ प्रखंड में वन विभाग ने भारतीय फ्लैपशेल कछुए को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा।
- ग्राम रामपुर स्थित रविंद्र ठाकुर के घर से वन विभाग ने दुर्लभ कछुए को रेस्क्यू किया।
- रेस्क्यू में शामिल प्रभारी वनपाल महुआडांड़ ओमप्रकाश पाल और अक्सी कुंवर गंझू राजेश उरांव।
- कछुए की पहचान भारतीय फ्लैपशेल कछुआ (Lissemys punctata) के रूप में हुई।
- कछुए को सुरक्षित रेंज ऑफिस कार्यालय में लाया और वन क्षेत्र पदाधिकारी उमेश कुमार दुबे को सूचना दी गई।
- वन विभाग ने बताया कि यह प्रजाति दुर्लभ और संरक्षण के लिए संवेदनशील है।
महुआडांड़ प्रखंड क्षेत्र में ग्राम रामपुर स्थित रविंद्र ठाकुर के घर से वन विभाग की टीम ने एक दुर्लभ कछुए का रेस्क्यू किया। घर के अंदर कछुआ देखकर रविंद्र ठाकुर ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही प्रभारी वनपाल महुआडांड़ ओमप्रकाश पाल और अक्सी कुंवर गंझू राजेश उरांव मौके पर पहुंचे और कछुए को सुरक्षित रूप से रेंज ऑफिस कार्यालय ले गए।
कछुए की पहचान और विशेषता
जांच के दौरान वन विभाग ने पाया कि यह कछुआ आम कछुओं से अलग है। इसकी पहचान भारतीय फ्लैपशेल कछुआ (Lissemys punctata) के रूप में हुई। यह कछुआ अपने दुर्लभ प्रजाति के कारण वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत विशेष सुरक्षा का हकदार है।
प्रभारी वनपाल कुंवर गंझू ने बताया: “भारतीय फ्लैपशेल कछुआ दुर्लभ प्रजाति के जीवों में आता है। इसे आम कछुओं की तरह नहीं देखा जा सकता। इसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए इसे वन्यजीव अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त है।”
संरक्षण और सुरक्षित प्रवास
वन विभाग ने कछुए को सुरक्षित प्रवास स्थल पर छोड़ते हुए यह सुनिश्चित किया कि यह अपने प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रहे। वन क्षेत्र पदाधिकारी उमेश कुमार दुबे ने भी इस कार्रवाई की जानकारी ली और इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण में वन विभाग की सक्रियता को सराहा।
न्यूज़ देखो: वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम
लातेहार में वन विभाग द्वारा भारतीय फ्लैपशेल कछुए का रेस्क्यू यह दर्शाता है कि वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति प्रशासन पूरी तरह जागरूक है। इस तरह की पहल स्थानीय लोगों में भी वन्यजीव संरक्षण और प्राकृतिक संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाती है।
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प्रकृति और संरक्षण का संदेश
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