
#लातेहार #शिक्षा_संकट : जस्टिस शाहदेव प्लस टू विद्यालय के 130 विद्यार्थियों को मिला राहत का भरोसा
- जस्टिस एलपीएन शाहदेव प्लस टू विद्यालय रोल, चंदवा के 130 छात्रों का रिजल्ट इनवैलिड घोषित।
- फॉर्म भरने से वंचित छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल।
- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने लिया मामले का संज्ञान।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग।
- जैक अध्यक्ष और सचिव से सकारात्मक बातचीत, सोमवार को होगी समीक्षा बैठक।
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के रोल गांव स्थित जस्टिस एलपीएन शाहदेव उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय के छात्रों के भविष्य पर मंडरा रहे संकट के बीच भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आश्वासन दिया है कि किसी भी छात्र का एक वर्ष बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। विद्यालय की 11वीं कक्षा में पढ़ रहे 130 छात्रों का रिजल्ट तकनीकी कारणों से इनवैलिड घोषित कर दिया गया था, जिसके कारण वे 12वीं का फॉर्म नहीं भर पा रहे थे।
मुख्यमंत्री से गुहार, शिक्षा परिषद पर सवाल
प्रतुल शाहदेव ने इस गंभीर मामले पर तुरंत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि यह विद्यालय उनके पिताजी जस्टिस एलपीएन शाहदेव, जो झारखंड मूल के पहले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और झारखंड आंदोलनकारी थे, की स्मृति में संचालित है। प्रतुल ने कहा कि यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां बच्चे शिक्षा के माध्यम से अपना भविष्य गढ़ना चाहते हैं। लेकिन भाषा चयन के दौरान हुई तकनीकी गड़बड़ी से उनका परिणाम इनवैलिड हो गया, जिससे बच्चों और अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।
प्रतुल शाहदेव का संकल्प
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने साफ कहा कि बच्चों का भविष्य दांव पर नहीं लगने दिया जाएगा।
प्रतुल शाहदेव ने कहा: “किसी भी कीमत पर एक भी बच्चे का वर्ष बर्बाद नहीं होने देंगे। चाहे कोई भी दरवाजा खटखटाना पड़े, मैं पूरी ताकत से प्रयास करूंगा कि इन 130 छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।”
जैक अधिकारियों से हुई सकारात्मक बातचीत
प्रतुल शाहदेव ने इस मामले पर झारखंड अकादमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष नटवा हांसदा और सचिव जयंत मिश्रा से बात की। दोनों अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि सोमवार को समीक्षा बैठक बुलाई जाएगी और इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वेबसाइट पर मौजूद तकनीकी कमियों को दूर करने का प्रयास होगा।
छात्रों और अभिभावकों को मिली राहत
प्रतुल शाहदेव की इस पहल से विद्यालय के 130 छात्र और उनके अभिभावक राहत की सांस ले रहे हैं। अब उन्हें उम्मीद है कि उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा और वर्ष बर्बाद नहीं होगा।
न्यूज़ देखो: शिक्षा के अधिकार पर संकट, समाधान की उम्मीद
यह मामला बताता है कि कैसे तकनीकी गड़बड़ियां छात्रों के पूरे शैक्षणिक भविष्य को खतरे में डाल सकती हैं। लेकिन समय रहते आवाज़ उठाने और ठोस पहल करने से समाधान संभव है। यह शिक्षा व्यवस्था के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने का संकेत भी है।
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शिक्षा ही सबसे बड़ी शक्ति
बच्चों की शिक्षा और भविष्य की रक्षा करना समाज की पहली जिम्मेदारी है। अब समय है कि हम सब मिलकर शिक्षा के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए आवाज़ उठाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखने की यह पहल और मजबूत हो।