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झारखंड विश्वनाथ मंदिर से निकली भव्य कावर यात्रा — श्रद्धा और उल्लास का दृश्य

#पलामू #कावर_यात्रा : तीसीबार से त्रिवेणी घाट तक गूंजा बम बम भोले — कंधे पर कांवर, दिलों में आस्था, झूम उठे श्रद्धालु

श्रद्धा और शौर्य के संग निकली कांवर यात्रा

पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड अंतर्गत तीसीबार पंचायत में स्थित झारखंड विश्वनाथ मंदिर से सोमवार को भव्य कांवर यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ हिस्सा लिया, और “बोल बम” के जयकारों से माहौल भक्तिमय बना रहा।

त्रिवेणी घाट से जल उठाकर कांवरियों ने फुलिया, चपिया, डाला, मुरमा होते हुए झारखंड विश्वनाथ मंदिर के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। पूरा रास्ता श्रद्धा, संगीत और सामूहिक सहभागिता का अद्भुत उदाहरण रहा।

प्रशासनिक निगरानी में सुरक्षित यात्रा

कांवर यात्रा को लेकर पाण्डु प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जल उठाने से लेकर मंदिर तक की संपूर्ण यात्रा शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुई।

एक श्रद्धालु ने कहा: “हर साल इस यात्रा में शामिल होकर मन को जो शांति मिलती है, वो कहीं और संभव नहीं। यह बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद है।”

ग्रामीणों की भागीदारी ने बढ़ाई शोभा

यात्रा में सोना कुमार दुबे, राहुल सिंह, नित्यानंद समेत तीसीबार पंचायत और आसपास के कई गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे। उन्होंने अपने स्तर से व्यवस्था में सहयोग किया, और कांवरियों की सेवा के लिए कई जगह जलपान व विश्राम की व्यवस्था भी की गई।

कांवड़ यात्रा के जरिए जन-जन तक पहुंचा शिवभक्ति का संदेश

कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बन चुका है। इस आयोजन से ग्रामीणों में आपसी भाईचारा भी प्रबल होता है और नई पीढ़ी को परंपराओं से जुड़ने का अवसर मिलता है।

न्यूज़ देखो: शिवभक्ति के रंग में रंगा पलामू

न्यूज़ देखो इस अद्भुत आयोजन को ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत और आस्था का जीवंत प्रमाण मानता है। पाण्डु जैसे क्षेत्रों में ऐसे धार्मिक आयोजन न सिर्फ सामाजिक समरसता को बढ़ाते हैं, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती देते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिकता की प्रेरणा बनती आस्था की यात्रा

कांवड़ यात्रा जैसी श्रद्धामयी पहलें हमें आपसी सहयोग, धैर्य और सेवा की भावना का पाठ पढ़ाती हैं। आइए इस ऊर्जा को गांव-गांव तक पहुंचाएं और सामाजिक भागीदारी को मजबूत करें।
इस खबर को साझा करें और बोल बम के जयघोष के साथ श्रद्धा की इस कहानी को फैलाएं।

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