
#पांकी #सामाजिक_आंदोलन : पांकी कर्पूरी चौक के समीप प्रस्तावित कर्पूरी भवन का निर्माण कार्य रुकने से नाई समाज में गहरा असंतोष, बैठक में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा
- पांकी कर्पूरी चौक स्थित बीआरसी कार्यालय के समीप कर्पूरी भवन का निर्माण कार्य रोका गया।
- नाई समाज ने बैठक कर निर्माण बाधित करने की कड़ी निंदा की।
- जिला अध्यक्ष अमलेश ठाकुर ने इसे कुछ लोगों का षड्यंत्र बताया।
- विधायक डॉ. कुशवाहा शशिभूषण मेहता द्वारा वर्षों पुरानी मांग पूरी की गई थी।
- प्रखंड अध्यक्ष विजय ठाकुर ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
- धरना-प्रदर्शन सहित प्रखंड कार्यालय तक आंदोलन की बात कही गई।
पलामू जिले के पांकी प्रखंड में कर्पूरी भवन निर्माण कार्य के अचानक रुक जाने से नाई समाज में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। यह भवन भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर पांकी कर्पूरी चौक स्थित बीआरसी कार्यालय के समीप बनाया जा रहा था। निर्माण कार्य को बाधित किए जाने को लेकर नाई समाज के लोगों ने बैठक आयोजित कर इस पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे समाज के सम्मान से जोड़ते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। बैठक में समाज के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने की मांग की।
वर्षों पुरानी मांग और विधायक की पहल
बैठक को संबोधित करते हुए नाई समाज के जिला अध्यक्ष अमलेश ठाकुर ने कहा कि पांकी, मनातू, तरहसी और लेस्लीगंज क्षेत्र के नाई समाज द्वारा कर्पूरी भवन निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही थी। उन्होंने कहा:
अमलेश ठाकुर ने कहा: “नाई समाज की यह मांग कोई नई नहीं है। लंबे समय से समाज एक सामुदायिक भवन की आवश्यकता महसूस कर रहा था, जिसे विधायक डॉ. कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने पूरा किया।”
अमलेश ठाकुर ने यह भी कहा कि विधायक द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद जब निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो समाज में खुशी का माहौल था। लेकिन अब कुछ चंद लोगों द्वारा षड्यंत्र के तहत निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया है, जो निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।
निर्माण कार्य रुकने पर समाज में नाराजगी
नाई समाज के प्रखंड अध्यक्ष विजय ठाकुर ने निर्माण कार्य रुकने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि इस तरह कर्पूरी भवन का निर्माण बाधित रहा, तो नाई समाज चुप नहीं बैठेगा।
विजय ठाकुर ने कहा: “अगर जल्द निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो नाई समाज उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा। यह भवन हमारे समाज की पहचान और सम्मान से जुड़ा है।”
उन्होंने कहा कि समाज ने हर स्तर पर अपनी बात शांतिपूर्ण ढंग से रखने का प्रयास किया है, लेकिन यदि इसके बावजूद भी निर्माण कार्य में बाधा डाली गई, तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचेगा।
धरना-प्रदर्शन तक जाने की चेतावनी
बैठक में प्रखंड उपाध्यक्ष रामेश्वर ठाकुर ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर नाई समाज प्रखंड कार्यालय में धरना-प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि समाज अब अपने अधिकारों और सम्मान को लेकर सजग हो चुका है और किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा।
रामेश्वर ठाकुर ने कहा: “कर्पूरी ठाकुर जैसे महान समाज सुधारक के नाम पर बनने वाले भवन को रोकना सीधे-सीधे समाज की भावना को ठेस पहुंचाने जैसा है।”
उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करे और निर्माण कार्य को अविलंब पुनः शुरू कराया जाए।
बैठक में उपस्थित पदाधिकारी और सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में नाई समाज के कई पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में प्रखंड सचिव संजय ठाकुर, संरक्षक कृष्णा ठाकुर, कोषाध्यक्ष सुदेश्वर ठाकुर, पंकज ठाकुर, बिनोद ठाकुर, लवकूश ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर, बिगन ठाकुर, जगनारायण ठाकुर, बब्लू ठाकुर, बाढ़ो ठाकुर सहित अन्य समाजसेवी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
सभी उपस्थित सदस्यों ने एक स्वर में निर्माण कार्य को जल्द शुरू कराने की मांग की और कहा कि कर्पूरी भवन न केवल नाई समाज, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
बैठक के अंत में नाई समाज ने प्रशासन से अपील की कि वह मामले की निष्पक्ष जांच कराए और जिन लोगों द्वारा निर्माण कार्य को बाधित किया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई करे। समाज का कहना है कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन की होगी।
न्यूज़ देखो: कर्पूरी भवन विवाद में सामाजिक सम्मान का सवाल
यह मामला केवल एक भवन निर्माण का नहीं, बल्कि समाज के सम्मान और अधिकार से जुड़ा हुआ है। कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेता के नाम पर बनने वाले भवन को रोकना कई सवाल खड़े करता है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में पारदर्शिता और तत्परता दिखाएं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाज की एकता ही सबसे बड़ी ताकत
कर्पूरी भवन का निर्माण नाई समाज की वर्षों की आकांक्षा का प्रतीक है। ऐसे में समाज का एकजुट होकर आवाज उठाना सकारात्मक लोकतांत्रिक कदम है। शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रखना हर नागरिक का अधिकार है। अब समय है कि प्रशासन और जिम्मेदार लोग संवेदनशीलता दिखाएं और समाधान निकालें





