#देवघर #स्वास्थ्य_सुरक्षा : गोपीकांदर के रांगा मिशन गांव के 4 वर्षीय राम मड़या की जान एम्स के डॉक्टरों और टीम के प्रयास से बचाई गई।
- 4 वर्षीय राम मड़या खेलते-खेलते निगल गया दो रुपये का सिक्का।
- दुमका मेडिकल कॉलेज में उपकरण की कमी के कारण तत्काल उपचार संभव नहीं था।
- एम्स देवघर के डॉक्टरों और मददगारों की संयुक्त कोशिशों से बच्चे की जान बचाई गई।
- इस घटना ने दुमका मेडिकल कॉलेज में ओसोफिलोस्कोप यंत्र की कमी को उजागर किया।
- आशीष पंजियारा, डॉ. शशांक, डॉ. विकास कुमार, डॉ. सुमित आनंद, मृगांक रक्षित और राइस अगेंस्ट हंगर इंडिया टीम को ह्रदय से धन्यवाद।
गोपीकांदर के रांगा मिशन गांव में 4 वर्षीय राम मड़या खेलते-खेलते गलती से दो रुपये का सिक्का निगल गया। परिजनों की तुरंत मदद की गुहार लगी, लेकिन दुमका मेडिकल कॉलेज में आवश्यक उपकरणों की कमी के कारण तुरंत निकासी संभव नहीं हो सकी। इस दौरान मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारियों से मदद की मांग की गई, लेकिन तत्काल सहायता नहीं मिल सकी।
बच्चे को जीवन रक्षक इलाज एम्स, देवघर में उपलब्ध कराया गया। आशीष पंजियारा और डॉ. शशांक के नेतृत्व में डॉ. विकास कुमार, डॉ. सुमित आनंद, मृगांक रक्षित तथा राइस अगेंस्ट हंगर इंडिया टीम ने मिलकर सफल आपरेशन किया। डॉक्टरों की तत्परता और विशेषज्ञता के कारण राम मड़या सुरक्षित हैं।
इस घटना ने पिछले तीन वर्षों से लंबित ओसोफिलोस्कोप यंत्र की आवश्यकता को भी उजागर किया। दुमका मेडिकल कॉलेज में उपकरणों की कमी ने मरीजों की जान पर गंभीर जोखिम दिखाया है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए यह एक चेतावनी है कि जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है।
न्यूज़ देखो: चिकित्सकों और समाजसेवकों का साहस और तत्परता
राम मड़या के जीवन को बचाने के प्रयास ने दिखाया कि सही समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप और समाजसेवकों की सक्रियता कितनी प्रभावशाली होती है। यह घटना स्वास्थ्य प्रशासन के लिए चेतावनी भी है कि सभी मेडिकल संस्थानों में आवश्यक उपकरणों और संसाधनों की उपलब्धता अनिवार्य हो। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जीवन रक्षा में सामूहिक प्रयास और जागरूकता
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि समाज और डॉक्टरों का सहयोग किसी भी संकट में जीवन बचा सकता है। हम सभी को चाहिए कि स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें, अपने आसपास की जरूरतमंद मदद करें और प्रशासन से समय पर संसाधन उपलब्ध कराने की मांग करें। अपने विचार साझा करें, इस खबर को फैलाएं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।