
#गढ़वा #अवैधशराब — जंगलों से निकलकर गांवों की गलियों में फैलते ज़हर को प्रशासन ने सख्ती से रोका
- गढ़वा जिले में लगातार तीसरे दिन चला अवैध शराब के खिलाफ विशेष अभियान
- SDO संजय कुमार की अगुवाई में गुप्त और प्रभावी कार्रवाई
- गांवों में छिपाकर चलाए जा रहे थे देसी शराब के अड्डे
- आधा दर्जन से अधिक अवैध संयंत्रों को अकेले एक अधिकारी ने किया ध्वस्त
- उपकरण, कच्चा माल और शराब की बोतलें जब्त, कुछ जगहों पर हुआ विरोध
- प्रशासन ने कहा—अभियान जारी रहेगा, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
जंगल से गांव तक फैली थी शराब की ज़हरीली चेन, अब आई पकड़ में
गढ़वा जिले में अवैध शराब के खिलाफ चल रहा ‘जहर पर कहर’ अभियान शुक्रवार को तीसरे दिन भी पूरी ताकत के साथ जारी रहा। पहले यह ज़हर जंगलों में सीमित था, लेकिन अब इसकी पहुंच गांवों की गलियों तक हो गई थी, जिससे स्थानीय युवा और गरीब तबके नशे की चपेट में आ रहे थे।
इस खतरनाक फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त और योजनाबद्ध कार्रवाई शुरू की। खास बात यह रही कि अभियान में पूरी गोपनीयता बरती गई, जिससे अपराधियों को कोई भनक नहीं लग सकी।
गढ़वा SDO संजय कुमार की अगुवाई में चला विशेष ऑपरेशन
शुक्रवार को हुए अभियान की कमान गढ़वा SDO संजय कुमार ने संभाली। उन्होंने अपने निजी अंगरक्षकों की मदद से अकेले ही गांवों में छिपे छह से अधिक अवैध शराब संयंत्रों को ध्वस्त किया। यह संयंत्र बेहद चतुराई से ग्रामीण इलाकों में छिपाकर चलाए जा रहे थे।
इन जगहों से देसी शराब बनाने के उपकरण, कच्चा माल और तैयार शराब की बोतलें बरामद की गईं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन को बताया कि इन अड्डों के कारण कई घरों में युवाओं की जिंदगी बर्बादी की ओर बढ़ रही थी।
विरोध के बावजूद नहीं डगमगाया प्रशासन, कार्रवाई रही सख्त
अभियान के दौरान कुछ स्थानों पर ग्रामीणों की ओर से विरोध भी देखने को मिला, लेकिन प्रशासन की सतर्कता और सुरक्षा बलों की तत्परता के चलते कोई अनहोनी नहीं हुई। कार्रवाई पूरी तरह संगठित और शांतिपूर्ण रही।
प्रशासन ने साफ किया है कि अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। अवैध शराब कारोबार में जिनकी पहचान हो चुकी है, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई तय है। अधिकारियों का कहना है कि लक्ष्य सिर्फ शराब नष्ट करना नहीं, बल्कि समाज को नशे से मुक्त कराना है।
अवैध कारोबार के खात्मे से जगी उम्मीद, गांवों में चर्चा तेज
इस साहसी और निर्भीक कार्रवाई से गढ़वा जिले के ग्रामीण इलाकों में चर्चा का माहौल गर्म है। लोग प्रशासन के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अब उनके गांवों से यह ज़हर पूरी तरह समाप्त होगा।
गांवों में जहां एक ओर अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से सामाजिक तनाव का कारण बना हुआ था, वहीं अब लोग राहत महसूस कर रहे हैं कि प्रशासन ने इस बुराई के खिलाफ ठोस कदम उठाया है।





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