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जामपानी पल्ली में जुबली वर्ष 2025 के तहत ऐतिहासिक क्रूस आशीष पर्व धूमधाम से संपन्न

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#ठेठईटांगर #धार्मिक_आयोजन : जुबली वर्ष को आध्यात्मिक शुद्धि और ईश्वर की दया के नवीनीकरण का अवसर बताते हुए जामपानी पल्ली में आशा के तीर्थयात्री 2025 का भव्य आयोजन
  • ठेठईटांगर प्रखंड के जामपानी पल्ली में रविवार को आयोजित हुआ ऐतिहासिक क्रूस आशीष पर्व।
  • उर्सूलाईन कॉन्वेंट गेट और एनएच 143 मिशन चौक से मोमबत्ती जुलूस के साथ हुई शुरुआत।
  • पल्ली पुरोहित फादर गैब्रियल डूंगडुंग और सहायक पुरोहित फादर संदीप कुमार खेस्स ने की नवनिर्मित क्रूस की आशीष।
  • जुबली वर्ष को आध्यात्मिक नवीनीकरण और पाप क्षमा का विशेष समय बताया गया।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रीतिभोज के साथ हुआ समापन।
  • हजारों की संख्या में ख्रीस्तीय समुदाय की रही सहभागिता।

ठेठईटांगर प्रखंड अंतर्गत जामपानी पल्ली में रविवार को “आशा के तीर्थयात्री 2025” के अंतर्गत जुबली वर्ष का ऐतिहासिक क्रूस आशीष पर्व अत्यंत श्रद्धा, उल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि विश्वासियों के लिए आध्यात्मिक शुद्धि, अनुग्रह और मेल-मिलाप का विशेष अवसर भी रहा। पूरे क्षेत्र में इस आयोजन को लेकर सुबह से ही उत्साह और आध्यात्मिक वातावरण देखने को मिला।

मोमबत्ती जुलूस और सामूहिक प्रार्थना से हुई शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत पल्ली वासियों द्वारा उर्सूलाईन कॉन्वेंट गेट तथा एनएच 143 मिशन चौक से की गई। श्रद्धालु मोमबत्ती जलाकर, रोजरी माला की बिनती करते हुए पंक्तिबद्ध रूप से चर्च परिसर तक पहुंचे। इस दौरान सामूहिक प्रार्थना और भजनों से पूरा मार्ग भक्तिमय हो उठा। अनुशासन और श्रद्धा के साथ निकले इस जुलूस ने जुबली वर्ष के आध्यात्मिक संदेश को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।

नवनिर्मित क्रूस की आशीष और मिस्सा पूजा

चर्च परिसर में पहुंचने के बाद पल्ली पुरोहित फादर गैब्रियल डूंगडुंग एवं सहायक पुरोहित फादर संदीप कुमार खेस्स द्वारा नवनिर्मित क्रूस की विधिवत आशीष की गई। इसके पश्चात मिस्सा पूजा की शुरुआत हुई। इस पावन अवसर पर पल्ली के शांति कॉलोनी, कुसुमटोली, बैरटोली के कोयर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत मधुर गीतों ने वातावरण को गहन आध्यात्मिकता से भर दिया।

जुबली वर्ष का आध्यात्मिक महत्व

मिस्सा के दौरान फादर गैब्रियल डूंगडुंग ने जुबली वर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा:

फादर गैब्रियल डूंगडुंग ने कहा: “जुबली वर्ष विश्वासियों के लिए आध्यात्मिक शुद्धि और ईश्वर की दया के नवीनीकरण का एक शक्तिशाली अवसर है, जो बाइबिल की जड़ों और चर्च की परंपराओं से जुड़ा है। जुबली वर्ष का उद्देश्य पापों की क्षमा प्राप्त करना, आध्यात्मिक जीवन पर ध्यान केंद्रित करना और ईश्वर की दया का अनुभव करना है।”

उन्होंने विश्वासियों से अपील की कि वे इस विशेष वर्ष में अपने जीवन की समीक्षा करें और प्रेम, क्षमा तथा सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ें।

अनुग्रह और मेल-मिलाप का विशेष समय

इस अवसर पर उपस्थित झामुमो जिलाध्यक्ष अनिल कंडुलना ने भी अपने विचार साझा किए।

अनिल कंडुलना ने कहा: “कैथोलिक चर्च में जुबली वर्ष आध्यात्मिक नवीनीकरण, अनुग्रह और मेल-मिलाप का एक विशेष समय होता है। ऐसे आयोजन समाज में शांति, भाईचारा और नैतिक मूल्यों को मजबूत करते हैं।”

उनके इस संदेश ने धार्मिक आयोजन को सामाजिक एकता और सौहार्द के व्यापक संदर्भ से जोड़ा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक सहभागिता

मिस्सा पूजा के बाद तीनों संघों द्वारा अतिथियों और श्रद्धालुओं का स्वागत-अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात विभिन्न मंडलियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिनमें गीत, नृत्य और भक्ति प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन के अंत में प्रीतिभोज का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने सहभागिता की।

विशिष्ट जनों की रही उपस्थिति

इस ऐतिहासिक आयोजन में अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से पल्ली पुरोहित फादर गैब्रियल डूंगडुंग, सहायक पुरोहित फादर संदीप कुमार खेस्स, झामुमो जिलाध्यक्ष अनिल कंडुलना, झामुमो केंद्रीय सदस्य नोवास केरकेट्टा, झामुमो जिला कोषाध्यक्ष राजेश टोप्पो, पल्ली हेड प्रचारक विलियम केरकेट्टा, उर्सूलाईन कॉन्वेंट की सुपीरियर सिस्टर सीमा मिंज, सिस्टर कॉर्नेलिया डूंगडुंग, सभी धर्म बहनें, सभी मंडलियों के प्रचारक गण और पंचगण शामिल थे।

इसके अलावा कैथोलिक सभा अध्यक्ष अनिल बिलुंग, महिला संघ सभानेत्री शांति मिंज, युवा संघ अध्यक्ष अरविंद सोरेंग, सरपंच विजय सोरेंग, सुनील केरकेट्टा, विक्टर डूंगडुंग, रसाल बिलुंग, रोश कीड़ों, एडलिन टेटे, कांति कीड़ों सहित हजारों की संख्या में ख्रीस्तीय समुदाय के लोग उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: आस्था, एकता और सामाजिक समरसता का संदेश

जामपानी पल्ली में आयोजित जुबली वर्ष 2025 का यह कार्यक्रम दर्शाता है कि धार्मिक आयोजन केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में नैतिकता, एकता और सकारात्मक सोच को भी सुदृढ़ करते हैं। ऐसे आयोजन आध्यात्मिक चेतना के साथ-साथ सामाजिक समरसता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था से प्रेरित होकर समाज को जोड़ने का संकल्प

जुबली वर्ष का यह आयोजन विश्वासियों को आत्ममंथन, क्षमा और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। जब समुदाय एक साथ प्रार्थना और उत्सव में भाग लेता है, तब समाज में विश्वास और सौहार्द और गहरा होता है।

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Birendra Tiwari

सिमडेगा

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