
#पलामू #पुलिस_कार्रवाई : नौडीहा बाजार थाना व मनातू थाना पुलिस ने फरार अभियुक्त के घर छापामारी की, इश्तहार चिपकाया गया—एक माह में समर्पण नहीं तो कुर्की जप्ती
- कांड संख्या 26/24 के फरार अभियुक्त शशिकांत उर्फ उदेश के घर छापामारी।
- नौडीहा बाजार थाना व मनातू थाना की संयुक्त कार्रवाई।
- घर पर विधिवत इश्तहार चिपकाया गया।
- एक माह में आत्मसमर्पण नहीं किया तो होगी कुर्की–जप्ती कार्रवाई।
- मामला लोकसभा चुनाव 2024 के समय TSPC उग्रवादियों द्वारा ग्रामीण मारपीट से जुड़ा।
पलामू-लातेहार सीमांत क्षेत्र में पुलिस ने उग्रवादी गतिविधियों से जुड़े मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए नौडीहा बाजार थाना कांड संख्या 26/24 के फरार अभियुक्त शशिकांत जी उर्फ उदेश जी, पिता हीरा सिंह, ग्राम केदल, थाना मनातू, जिला पलामू के आवास पर संयुक्त छापामारी अभियान चलाया।
यह कार्रवाई नौडीहा बाजार थाना और मनातू थाना पुलिस की टीम द्वारा पूरी की गई। घर पर अभियुक्त की अनुपस्थिति में विधिवत इश्तहार चिपकाया गया, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि यदि वे एक माह के भीतर आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध कुर्की–जप्ती की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
TSPC द्वारा की गई मारपीट की घटना से जुड़ा मामला
यह मामला लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सामने आए उस गंभीर प्रकरण से संबंधित है, जिसमें उग्रवादी संगठन TSPC ने ग्राम सलाईया में ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था।
पुलिस अब तक इस मामले में कई अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, जबकि शशिकांत उर्फ उदेश पिछले कई महीनों से फरार चल रहा था।
पुलिस की संयुक्त कार्रवाई: छापामारी और इश्तहार की विधि
पुलिस टीम ने अभियुक्त के घर पहुंचकर
- छापामारी की,
- परिवार व पड़ोसियों से जानकारी ली,
- और अंत में घर के मुख्य स्थल पर इश्तहार चिपकाया,
जिसमें उसे न्यायालय के समक्ष पेश होने का अंतिम अवसर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कानूनन तय प्रक्रिया के तहत इश्तहार चिपकाना कुर्की–जप्ती की कार्रवाई का पहला चरण होता है। यदि अभियुक्त निर्धारित समय सीमा में खुद को न्यायालय के सामने प्रस्तुत नहीं करता है, तो उसके चल–अचल संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।
एक माह की समय सीमा: प्रशासन की चेतावनी
पुलिस ने साफ कहा है कि 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण नहीं करने पर अभियुक्त के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बाद स्थानीय प्रशासन धारा 82/83 के तहत कार्रवाई आगे बढ़ा सकता है, जिसमें—
- घर–दुकान की कुर्की
- संपत्ति जप्त करना
- और फरार घोषित अभियुक्त के लिए सख्त कार्रवाई शामिल है।
न्यूज़ देखो: कानून व्यवस्था पर सख्त पुलिसिया रवैया—गांवों में बढ़ेगा भरोसा
TSPC जैसी संगठित उग्रवादी गतिविधियों पर लगातार कार्रवाई पुलिस की दृढ़ नीतियों को दर्शाती है। फरार अभियुक्तों पर दबाव बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा का भरोसा मजबूत होता है। पुलिस की ऐसी संयुक्त कार्यवाहियाँ सामाजिक शांति और चुनावी निष्पक्षता दोनों के लिए आवश्यक हैं।
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कानून से बड़े कोई नहीं — न्याय से भागना समाधान नहीं, समाज को सुरक्षित करने में अपनी भूमिका निभाएं
उग्रवाद और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों का सहयोग सुरक्षा का सबसे बड़ा आधार है। यदि आपके आसपास कोई फरार अभियुक्त या संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो उसकी सूचना प्रशासन को दें।
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