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देवी मंडप भवन का उद्घाटन बना आस्था और सामूहिकता का प्रतीक, तिलईटाड़ में सावन के पावन माह में भव्य आयोजन

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#Garu #ReligiousUnity : ग्रामीणों के सहयोग से बनी आस्था की पहचान—अब हर पर्व पर मिलेगा स्थायी स्थल
  • तिलईटाड़ गांव में सावन माह के शुभ अवसर पर देवी मंडप भवन का उद्घाटन
  • पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच संपन्न हुआ धार्मिक समारोह।
  • अरुण यादव की प्रेरणा से ग्रामीणों के सहयोग से हुआ भवन का निर्माण।
  • दर्जनों ग्रामीणों की सहभागिता—भक्ति और एकता का वातावरण।
  • आस्था, आत्मनिर्भरता और सामाजिक एकता की मिसाल बना यह आयोजन।

सावन का महीना वैसे भी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन लातेहार जिले के गारु प्रखंड अंतर्गत तिलईटाड़ गांव में इस बार यह विशेष बन गया। गुरुवार को यहां देवी मंडप भवन का विधिवत उद्घाटन हुआ, जिसमें पंडित सुमंत मिश्रा द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-पाठ और कलश स्थापना की गई। वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय और आध्यात्मिक हो गया, जिसमें दर्जनों ग्रामीणों की भागीदारी देखी गई।

ग्रामीण सहभागिता से बना देवी मंडप

इस देवी मंडप भवन का निर्माण पूरी तरह ग्रामीण सहयोग से किया गया है। अरुण यादव की विशेष प्रेरणा और प्रयासों से यह कार्य संभव हो पाया। उन्होंने गांव के अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर भवन निर्माण के लिए आर्थिक और सामाजिक सहयोग जुटाया। स्थानीय ग्रामीणों ने इसे सामूहिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता की मिसाल बताया।

अरुण यादव ने कहा: “यह देवी मंडप केवल एक भवन नहीं, हमारी आस्था और एकता का प्रतीक है। यह सभी ग्रामीणों का सपना था, जो आज साकार हुआ।”

पूजा-पाठ के साथ आध्यात्मिक माहौल

पंडित सुमंत मिश्रा के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापना और पूजा-अर्चना की गई। कार्यक्रम के दौरान मदन प्रजापति, दिलीप यादव, अखिलेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, विकास घोष समेत अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। महिलाओं ने पूजा में मंगल गीतों के साथ भागीदारी निभाई, जिससे माहौल और अधिक भक्तिमय हो गया।

अब गांव को मिला स्थायी पूजा स्थल

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अब गांव में धार्मिक आयोजन, पूजा-पाठ और सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक स्थायी और सम्मानजनक स्थान मिल गया है। यह भवन सामुदायिक एकता और धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देगा।

दिलीप यादव ने कहा: “हर त्योहार पर हम अब एकजुट होकर आयोजन कर सकेंगे। देवी मंडप भवन हमारे सामाजिक जीवन का केंद्र बनेगा।”

भक्ति के साथ विकास की सोच

इस आयोजन ने यह भी दिखाया कि जब ग्रामीण एकजुट होकर सोचते हैं तो कोई भी सपना साकार हो सकता है। बिना सरकारी सहायता के जनभागीदारी से ऐसा निर्माण होना प्रेरणादायक है

न्यूज़ देखो: गांव की आस्था से निकली आत्मनिर्भरता की प्रेरणा

तिलईटाड़ का देवी मंडप भवन केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, यह गांव की श्रद्धा, एकता और आत्मनिर्भरता का जीवंत प्रतीक है। जब लोग मिलकर अपने लिए कुछ बनाते हैं, तो वह जगह भावनाओं से जुड़ जाती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मिलकर गढ़ें गांव की पहचान

ऐसे आयोजन हमें दिखाते हैं कि विकास केवल शहरों से नहीं आता, गांव भी जब जागते हैं तो इतिहास बनाते हैं। इस खबर को साझा करें, अपनी राय दें और प्रेरणा को आगे बढ़ाएं।

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