पांकी में अधूरी सड़क बनी ग्रामीणों की परेशानी का सबब, आंदोलन की चेतावनी से प्रशासन में हलचल

#पांकी #अधूरासड़कनिर्माण – मुख्य चौक तक नहीं बनी सड़क से गहराया संकट, गड्ढों और धूल से त्रस्त ग्रामीण बोले – अब चुप नहीं बैठेंगे

अधूरी सड़क से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, किया विरोध प्रदर्शन

पांकी प्रखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही 14 किलोमीटर लंबी सड़क का कार्य कस्तूरबा विद्यालय तक पहुंचकर अधूरा रह गया, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। भगत सिंह चौक से आगे लगभग 500 मीटर सड़क को अधूरा छोड़ दिया गया, जबकि इसी हिस्से में सबसे ज्यादा गड्ढे और जलजमाव की समस्या है

जनप्रतिनिधियों की अगुवाई में जताया विरोध

सड़क के अधूरे निर्माण की जानकारी मिलते ही प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद, जिला परिषद प्रतिनिधि मुकेश सिंह चंदेल और मुखिया प्रेम प्रसाद के नेतृत्व में ग्रामीणों और व्यवसायियों ने स्थल पर पहुंचकर जोखिमभरी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से तत्काल अधूरी सड़क को पूरा करने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि यदि निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे

सड़क पर गड्ढों और धूल ने बढ़ाई मुसीबत

स्थानीय लोगों का कहना है कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय से लेकर मुख्य चौक तक की सड़क की हालत बेहद खराब हैबरसात में सड़क पर लगभग 2 फीट तक पानी भर जाता है, जिससे तालाब जैसी स्थिति बन जाती है, और सूखने के बाद उड़ती धूल से राहगीरों, दुकानदारों और बच्चों को भारी परेशानी होती है। दुर्घटनाएं रोजमर्रा की बात हो गई हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।

डीपीआर पर सवाल, अधूरी योजनाओं का इतिहास

प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद और जिला परिषद प्रतिनिधि मुकेश सिंह चंदेल ने सवाल उठाया कि यदि पूरा मार्ग योजना में था तो डीपीआर कैसे अधूरी बनी? उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में भी पांकी-मेदिनीनगर सड़क का निर्माण मुख्य चौक से 200 मीटर पहले रोक दिया गया था, जिससे आज वह हिस्सा बिल्कुल जर्जर हो चुका है। उन्होंने चेताया कि यदि इतिहास दोहराया गया तो सड़कें सिर्फ कागज पर बनेंगी और जनता भुगतेगी

पथ निर्माण विभाग की सफाई : मामला हमारे दायरे से बाहर

वहीं इस मामले पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता विशाल खलखो ने सफाई देते हुए कहा कि अधूरी सड़क विभाग के अधीन नहीं है, इसलिए वहीं तक निर्माण किया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बचे हुए हिस्से के लिए अलग टेंडर निकाला गया है, जिसकी प्रक्रिया अलग है।

न्यूज़ देखो : जनता की आवाज़, योजनाओं की निगरानी

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