
#सिमडेगा #कचरा_प्रबंधन : विधानसभा में विधायक भूषण बाड़ा ने गुलजार गली स्थित डंपिंग यार्ड को जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा बताते हुए तुरंत स्थानांतरित करने की मांग उठाई।
- सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने विधानसभा के शून्यकाल में मुद्दा उठाया।
- गुलजार गली, बाजार टांड के पास भीड़भाड़ वाले इलाके में डंपिंग यार्ड बनाए जाने पर आपत्ति।
- क्षेत्र में तेज दुर्गंध, मच्छरों की बढ़ोतरी और संक्रमण का खतरा बढ़ा।
- स्थानीय लोगों की कई शिकायतें, नगर परिषद की ओर से कोई कार्रवाई नहीं।
- स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों खर्च, फिर भी स्वच्छता मानकों का उल्लंघन।
- विधायक ने मांग की—डंपिंग यार्ड को तुरंत शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
विधानसभा सत्र के शून्यकाल में सिमडेगा के विधायक भूषण बाड़ा ने शहर के गुलजार गली एवं बाजार टांड क्षेत्र में बने कचरा डंपिंग यार्ड की समस्या को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि हजारों नागरिकों के स्वास्थ्य, स्वच्छता और दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाली यह व्यवस्था न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान की मूल भावना के भी विपरीत है। भीड़भाड़ वाले इलाके और साप्ताहिक बाजार के पास बनाए गए इस डंपिंग यार्ड से लगातार दुर्गंध फैल रही है, जिससे आसपास के मोहल्लों के लोग परेशान हैं।
भीड़भाड़ वाले बाजार के पास डंपिंग यार्ड: बड़ा सवाल
विधायक भूषण बाड़ा ने सदन को बताया कि नगर परिषद ने बाजार टांड के समीप ही कचरा डंपिंग यार्ड का निर्माण कर दिया है।
उन्होंने कहा कि:
- यहां लगातार गंदगी और दुर्गंध फैलती है।
- गुलजार गली और बाजार टांड के लोग दैनिक रूप से प्रदूषण का सामना कर रहे हैं।
- यह स्थान स्कूलों, दुकानों और बाजारों के करीब है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया है।
भूषण बाड़ा ने कहा
भूषण बाड़ा ने कहा: “स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन नगर परिषद की यह व्यवस्था अभियान की भावना के बिल्कुल विपरीत है। भीड़भाड़ वाले इलाके में डंपिंग यार्ड बनाना जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।”
लोगों की शिकायतें अनसुनी, समस्या गंभीर होती गई
विधायक ने कहा कि स्थानीय नागरिक कई बार नगर परिषद को शिकायतें दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई।
ग्रामीणों और निवासियों ने शिकायत की:
- इलाके में मच्छरों की संख्या बढ़ गई है।
- बरसात में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है।
- बच्चों और बुजुर्गों का स्वास्थ्य लगातार प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थिति न केवल असंवेदनशील है, बल्कि स्वच्छता मानकों का सीधा उल्लंघन है।
स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ता शहर
विधायक ने सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया कि यदि:
- डंपिंग यार्ड को तुरंत स्थानांतरित नहीं किया गया,
- वैज्ञानिक कचरा प्रबंधन पद्धति लागू नहीं हुई,
तो आने वाले समय में सिमडेगा शहर स्वास्थ्य आपदा का सामना कर सकता है।
भूषण बाड़ा ने कहा
“सिमडेगा के नागरिक दुर्गंध, मच्छर, संक्रमण और प्रदूषण की समस्या से लगातार जूझ रहे हैं। इस मुद्दे को अब और अनदेखा नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यह समस्या व्यापक स्वास्थ्य संकट में बदल सकती है।
शहर से बाहर स्थानांतरण की मांग
विधायक ने सरकार से साफ शब्दों में आग्रह किया कि:
- डंपिंग यार्ड को शहर से बाहर किसी उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
- कचरा प्रबंधन के वैज्ञानिक और मानक तरीकों को तुरंत लागू किया जाए।
- नगर परिषद को जवाबदेह बनाते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि सिमडेगा की स्वच्छता व्यवस्था को पटरी पर लौटाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप आवश्यक है।
न्यूज़ देखो: जनता के स्वास्थ्य से नहीं हो सकता समझौता
गुलजार गली का कचरा डंपिंग यार्ड मामला नगर निकायों की लापरवाही की तरफ साफ इशारा करता है। स्वच्छता अभियान पर लाखों–करोड़ों खर्च होने के बावजूद शहरों में ऐसी अव्यवस्थित व्यवस्थाएं प्रशासन की गंभीर विफलता दर्शाती हैं। विधायक द्वारा सदन में यह मुद्दा उठाना सराहनीय है, लेकिन वास्तविक परिवर्तन तभी आएगा जब विभाग तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए।
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स्वच्छ शहर का संकल्प—आपकी जागरूकता सबसे बड़ी ताकत
एक स्वच्छ शहर केवल सरकार नहीं बनाती, बल्कि उसके नागरिक भी मिलकर इसे संवारते हैं।
जहां समस्या दिखे, वहां आवाज उठाएं—क्योंकि स्वास्थ्य के अधिकार से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
यदि शहर के किसी हिस्से में अव्यवस्थित कचरा प्रबंधन से परेशानी है, तो उसे खुलकर सामने रखें और समाधान के लिए दबाव बनाएं।





