Palamau

लोकसभा में पलामू की नदियों के कटाव का मुद्दा गूंजा, सांसद विष्णु दयाल राम ने स्थायी समाधान की उठाई मांग

Join News देखो WhatsApp Channel
#पलामू #संसदीय_मुद्दा : कोयल, सोन और अमानत नदियों से हो रहे भीषण कटाव पर लोकसभा में नियम 377 के तहत सांसद ने केंद्र सरकार से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की
  • सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में नियम 377 के तहत मुद्दा उठाया।
  • गढ़वा और पलामू जिलों में कोयल, सोन व अमानत नदियों से तेज कटाव का मामला।
  • करीब 6–7 किलोमीटर क्षेत्र में उपजाऊ कृषि भूमि हो रही नष्ट।
  • कई स्थानों पर आवासीय क्षेत्र भी कटाव की चपेट में।
  • जल शक्ति मंत्रालय से तटबंध निर्माण व स्थायी समाधान की मांग।

पलामू संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत गढ़वा और पलामू जिलों में नदियों द्वारा हो रहे भीषण कटाव का गंभीर मामला मंगलवार को संसद के उच्च सदन लोकसभा में गूंजा। माननीय सांसद पलामू श्री विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में नियम 377 के तहत इस अति महत्वपूर्ण विषय को उठाते हुए केंद्र सरकार का ध्यान क्षेत्र की गंभीर समस्या की ओर आकृष्ट कराया। सांसद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नदियों के तेज बहाव से लगातार हो रहे कटाव ने किसानों, ग्रामीणों और स्थानीय आबादी के जीवन को संकट में डाल दिया है।

गढ़वा जिले में कोयल और सोन नदी से बढ़ता खतरा

लोकसभा में बोलते हुए सांसद विष्णु दयाल राम ने बताया कि गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड अंतर्गत ग्राम मोखापी से सुण्डीपुर, जयनगरा, खरौंधा, गाड़ा, गाड़ा खुर्द, कसनद तक कोयल नदी के तेज बहाव के कारण लगातार कटाव हो रहा है। इसके साथ ही सुण्डीपुर से श्रीनगर तक नारायणपुर, बाराडीह, बनकट, गाड़ाखुर्द, सोनपुरवा, नरवाडीह, कालागाढ़ा, बलियारी, बुनियाद विगहा, सड़की, शिवरी, डुमरसोता और श्रीनगर क्षेत्रों में सोन नदी ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।

सांसद ने सदन को अवगत कराया कि इन इलाकों में नदी का बहाव इतना तीव्र है कि हर वर्ष सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में समा जा रही है। खेतों के साथ-साथ अब गांवों के रिहायशी इलाके भी कटाव की जद में आने लगे हैं।

सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा: “लगातार हो रहे कटाव के कारण ग्रामीणों का जीवन और आजीविका दोनों संकट में हैं। स्थिति अब अत्यंत गंभीर हो चुकी है।”

पलामू जिले में अमानत और कोयल नदी का कहर

सांसद ने पलामू जिले की स्थिति का भी विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पलामू जिला के सदर प्रखंड मेदिनीनगर अंतर्गत ग्राम बड़कागांव से खनवां, जोड़ एवं सिंगरा तक अमानत और कोयल नदी द्वारा निरंतर कटाव किया जा रहा है। इस क्षेत्र में भी नदी के तेज प्रवाह से सैकड़ों किसानों की खेती योग्य भूमि नष्ट हो रही है।

उन्होंने कहा कि लगभग 6 से 7 किलोमीटर क्षेत्र में फैली सिंचित और उपजाऊ कृषि भूमि पूरी तरह तबाह हो चुकी है। खेतों के कटने से किसानों की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है, वहीं कई गांवों में घर नदी के बेहद करीब आ गए हैं।

पलायन को मजबूर हो रहे ग्रामीण परिवार

सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में यह भी बताया कि कटाव के कारण अब ग्रामीण परिवारों को मजबूरन पलायन करना पड़ रहा है। खेती समाप्त होने और घरों पर खतरा मंडराने से लोग अपने पुश्तैनी गांव छोड़ने को विवश हो रहे हैं। यह केवल एक पर्यावरणीय या तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और मानवीय संकट बन चुकी है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस समस्या को वे पूर्व में भी सदन के माध्यम से उठा चुके हैं, लेकिन अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि तत्काल और स्थायी समाधान आवश्यक हो गया है।

जल शक्ति मंत्रालय से सीधा आग्रह

लोकसभा में अपने वक्तव्य के दौरान सांसद ने केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने माननीय अध्यक्ष के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध किया कि झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों में अविलंब तटबंध निर्माण और कटाव-रोधी स्थायी उपाय सुनिश्चित किए जाएं।

सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा: “केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से ही इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान संभव है। इसमें किसी भी प्रकार की देरी से स्थिति और भयावह हो सकती है।”

स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर

सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्थायी उपायों से समस्या का समाधान नहीं होगा। नदी तटों को सुरक्षित करने के लिए वैज्ञानिक और दीर्घकालिक योजना के तहत कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसानों और ग्रामीणों को इस तरह की त्रासदी का सामना न करना पड़े।

न्यूज़ देखो: नदियों का कटाव बना जनजीवन का संकट

लोकसभा में पलामू की नदियों के कटाव का मुद्दा उठाया जाना यह दर्शाता है कि समस्या अब स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर हो चुकी है। सांसद द्वारा बार-बार सदन में आवाज उठाना प्रशासनिक जवाबदेही को रेखांकित करता है। अब यह देखना अहम होगा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कितनी शीघ्रता से जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई करती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

धरती, किसान और भविष्य को बचाने की जिम्मेदारी

नदी कटाव केवल जमीन नहीं, भविष्य भी छीन लेता है।
यदि आप भी चाहते हैं कि किसानों की उपजाऊ भूमि और गांव सुरक्षित रहें, तो इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाएं।
अपनी राय कमेंट में साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और जनहित के इस विषय पर जागरूकता फैलाने में भागीदार बनें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
1000264265
IMG-20250925-WA0154
20251209_155512
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Tirthraj Dubey

पांडु, पलामू

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: