
#रजरप्पा #श्रद्धालुनदीहादसा : मां छिन्नमस्तिका मंदिर में दर्शन से पहले स्नान करने गया युवक लापता — एनडीआरएफ की टीम ने घंटों की तलाश की, अब भी नहीं मिला सुराग
- पटना से आया युवक शशि कुमार रजरप्पा में हुआ लापता
- भैरवी नदी में स्नान करते समय तेज बहाव में बह गया
- एनडीआरएफ की टीम ने 5 घंटे चलाया सर्च ऑपरेशन
- परिवार में मचा कोहराम, बहन बेसुध, माता-पिता स्तब्ध
- पुलिस और प्रशासन ने पहले भी जारी की थी चेतावनी
आस्था की राह पर निकला युवक नहीं लौटा घर
बिहार की राजधानी पटना से मां छिन्नमस्तिका के दर्शन को आया श्रद्धालु शशि कुमार शनिवार को एक दुखद हादसे का शिकार हो गया। दर्शन से पहले उसने भैरवी नदी में स्नान करने की कोशिश की, लेकिन तेज बहाव में बह गया। स्थानीय लोग उसे बचाने की कोशिश में तुरंत पानी में उतरे, पर शशि का कोई पता नहीं चल सका।
मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ टीम, घंटों चला रेस्क्यू
घटना की सूचना मिलते ही रजरप्पा थाना प्रभारी कृष्ण कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। तत्परता दिखाते हुए प्रशासन ने तेनुघाट से एनडीआरएफ की 8 सदस्यीय टीम को बुलाया। करीब 5 घंटे तक भैरवी और दामोदर नदी के संगम क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन शशि का कोई सुराग नहीं मिला।
रजरप्पा थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने कहा:
“हमने पूरा क्षेत्र सर्च करवाया, लेकिन युवक का कोई पता नहीं चला। लोगों से अनुरोध है कि अगर कोई जानकारी मिले तो तुरंत सूचित करें।”
श्रद्धा से भरी आंखें अब आंसुओं से लबालब
घटनास्थल पर पहुंचे शशि के परिजन पूरी तरह टूट चुके हैं। बहन की आंखों से बहते आंसुओं में बस एक सवाल था — ‘हम दर्शन को आए थे, ये तो कभी सोचा ही नहीं था’। परिजन लगातार युवक के जिंदा मिलने की उम्मीद में तट पर डटे हुए हैं। लेकिन प्रकृति की यह क्रूरता उनके हर विश्वास को झकझोर रही है।
चेतावनी के बावजूद नहीं रुक रहा खतरा
प्रशासन ने एक बार फिर श्रद्धालुओं को चेतावनी दी है कि भैरवी नदी में नहाना जानलेवा हो सकता है। बारिश और बढ़े जलस्तर के कारण यहां बहाव काफी तेज हो चुका है। इसके पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन श्रद्धा की भावना में डूबे लोग अक्सर चेतावनी को नजरअंदाज कर देते हैं।
न्यूज़ देखो: आस्था की आड़ में जान जोखिम में क्यों?
श्रद्धा और भक्ति हमारी संस्कृति की पहचान हैं, लेकिन अगर सावधानी नहीं बरती गई, तो यह आस्था मौत की वजह भी बन सकती है। प्रशासन लगातार चेतावनी देता आ रहा है, फिर भी हर साल रजरप्पा में ऐसे हादसे होते हैं। न्यूज़ देखो सवाल पूछता है — क्या मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए और पुख्ता इंतज़ाम करेगा?
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भक्ति में हो विवेक, तभी बचेगी जान
यह घटना एक सीख है कि भक्ति के साथ विवेक और सतर्कता भी जरूरी है। हम सभी का फर्ज है कि चेतावनी को गंभीरता से लें, अपनी और अपनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। कृपया इस खबर पर अपनी राय साझा करें और दूसरों को भी जागरूक करें — शायद किसी की जान बच सके।