
#मेदिनीनगर #खेल_उपलब्धि : कराटे, गतका और जूडो में एकेडमी के खिलाड़ियों ने 23 पदक जीत रचा नया कीर्तिमान।
वर्ष 2025 पलामू जिले की द कराटे एकेडमी के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों का साक्षी रहा। एकेडमी के खिलाड़ियों ने पूरे साल राज्य और राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर कुल 23 पदक अर्जित किए। कराटे, गतका और जूडो जैसे खेलों में मिली इन सफलताओं ने न सिर्फ पलामू बल्कि झारखंड राज्य का नाम रोशन किया। यह उपलब्धि खेल प्रतिभाओं, प्रशिक्षकों और अभिभावकों के सामूहिक प्रयास का परिणाम मानी जा रही है।
- द कराटे एकेडमी, मेदिनीनगर के लिए 2025 रहा स्वर्णिम वर्ष।
- राज्य और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 23 पदक हासिल।
- खेलो इंडिया, SGFI जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में सफलता।
- काजल कुमारी बनी कई प्रतियोगिताओं की स्टार खिलाड़ी।
- निदेशक सुमित बर्मन ने खिलाड़ियों और अभिभावकों को दिया श्रेय।
वर्ष 2025 में द कराटे एकेडमी, मेदिनीनगर के खिलाड़ियों ने जिस तरह निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, उसने खेल प्रेमियों को गर्व का अवसर दिया है। एक के बाद एक प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर खिलाड़ियों ने यह साबित किया कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। पूरे साल की इस यात्रा में खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, अनुशासन और समर्पण साफ नजर आया।

वर्ष की शुरुआत में राष्ट्रीय स्तर पर सफलता
वर्ष 2025 की शुरुआत ही द कराटे एकेडमी के लिए शुभ संकेत लेकर आई। जीत तिवारी ने एसजीएफआई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेते हुए शानदार प्रदर्शन किया और कांस्य पदक अपने नाम किया। यह पदक न केवल खिलाड़ी के लिए बल्कि पूरी एकेडमी के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ और आगे की प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा।
खेलो इंडिया स्मिता लीग में चमकीं खिलाड़ी
अप्रैल माह में धनबाद में आयोजित खेलो इंडिया स्मिता लीग में द कराटे एकेडमी की खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखाया। इस प्रतियोगिता में
- काजल कुमारी ने स्वर्ण पदक,
- जबकि अनामिका मेहता ने रजत पदक जीतकर एकेडमी का नाम रोशन किया।
इन उपलब्धियों ने यह साबित किया कि एकेडमी की महिला खिलाड़ी भी किसी से कम नहीं हैं।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स में ऐतिहासिक स्वर्ण
मई माह में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में द कराटे एकेडमी के लिए एक ऐतिहासिक पल आया। काजल कुमारी ने गतका खेल में झारखंड के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर राज्य के खेल इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। यह उपलब्धि पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय बनी और काजल कुमारी राज्य की उभरती हुई खेल प्रतिभा के रूप में सामने आईं।
राज्य स्तरीय गतका चैंपियनशिप में दबदबा
अगस्त माह में आयोजित राज्य स्तरीय गतका चैंपियनशिप में द कराटे एकेडमी के खिलाड़ियों का दबदबा साफ देखने को मिला। इस प्रतियोगिता में
ऋतिक राज तिवारी, काजल कुमारी, समीर कुमार, जीत तिवारी, स्नेहा कुमारी, प्रियांशु कुमार और उमंग दुबे ने स्वर्ण पदक हासिल किए।
वहीं सम्यक स्नितिक, अनुभव पाण्डेय, वेद प्रकाश, अनामिका मेहता और सौभाग्य सिद्धार्थ ने रजत पदक, जबकि शिवांश वात्सल्य और आयुष कुमार ने कांस्य पदक जीतकर एकेडमी की पदक तालिका को और मजबूत किया।
जूडो प्रतियोगिताओं में भी शानदार प्रदर्शन
अगस्त माह में ही आयोजित राज्य स्तरीय सब जूनियर एवं सीनियर जूडो प्रतियोगिता में भी द कराटे एकेडमी के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
- काजल कुमारी ने रजत पदक,
- अन्वी पाण्डेय ने कांस्य पदक,
- जबकि रोशन कुमार ने रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
यह दिखाता है कि एकेडमी बहु-खेल प्रतिभाओं को तैयार कर रही है।
राष्ट्रीय चयन में खिलाड़ियों का चयन
अक्टूबर माह में आयोजित खेलो झारखंड गतका चयन प्रतियोगिता में द कराटे एकेडमी के खिलाड़ियों काजल कुमारी और सौभाग्य सिद्धार्थ का चयन नेशनल SGFI के लिए हुआ। यह प्रतियोगिता जालंधर में 6 जनवरी से 11 जनवरी 2026 तक आयोजित की जाएगी। यह चयन खिलाड़ियों के भविष्य के लिए एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।
कराटे और जूडो में वर्ष का सफल समापन
वर्ष के अंतिम चरण में भी खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा। राज्य स्तरीय कराटे प्रतियोगिता में आकाश कुमार ने रजत पदक जीतकर एकेडमी का मान बढ़ाया। वहीं दिसंबर माह में आयोजित कैडेट एवं जूनियर राज्य जूडो प्रतियोगिता में जपला शाखा के खिलाड़ी प्रकाश कुमार ने कांस्य पदक जीतकर वर्ष 2025 का सफल समापन किया।
निदेशक का वक्तव्य और भविष्य की योजना
एकेडमी के निदेशक सुमित बर्मन ने सभी पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा:
“खिलाड़ियों की मेहनत, प्रशिक्षकों के समर्पण और अभिभावकों के सहयोग से ही यह उपलब्धि संभव हो सकी है। द कराटे एकेडमी आने वाले समय में और अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करेगी।”
उन्होंने कहा कि एकेडमी का लक्ष्य केवल पदक जीतना नहीं, बल्कि अनुशासित, आत्मविश्वासी और जिम्मेदार खिलाड़ी तैयार करना है।
न्यूज़ देखो: खेल प्रतिभाओं की सही दिशा में उड़ान
द कराटे एकेडमी की यह सफलता बताती है कि यदि स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को सही मार्गदर्शन और मंच मिले, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकते हैं। पलामू जैसे क्षेत्र से लगातार खिलाड़ी उभरना राज्य के खेल भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। प्रशासन और समाज को भी ऐसे प्रयासों को और मजबूत करना चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेल से पहचान, मेहनत से मुकाम
खेल सिर्फ पदक जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन में अनुशासन और आत्मविश्वास सिखाने का जरिया है। द कराटे एकेडमी के खिलाड़ियों की यह यात्रा युवाओं को प्रेरित करती है कि सपने बड़े हों और मेहनत निरंतर। अपनी राय साझा करें, इस उपलब्धि की कहानी आगे बढ़ाएं और खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने में अपनी भूमिका निभाएं।





