
#गढ़वा #सामाजिक_पहल : सदर एसडीएम संजय कुमार की अगुवाई में जरूरतमंद बस्तियों तक राहत और संवेदना की सतत पहुँच
- “आइये खुशियाँ बाँटें” अभियान लगातार 17वें दिन भी सक्रिय।
- उडसुगी पंचायत के करौंदा टोला और करकोमा पंचायत के रिज़र्व टोला में राहत वितरण।
- एससी-एसटी बहुल बस्तियों में लगभग 500 ऊनी एवं गर्म वस्त्र वितरित।
- बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों व दिव्यांगजनों को स्वेटर, जैकेट, शॉल, टोपी, मोजे प्रदान।
- अभियान में प्रशासन, समाजसेवी, व्यवसायी व स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता।
गढ़वा जिले में ठंड के मौसम के बीच मानवीय संवेदना और सामाजिक सहयोग का एक सशक्त उदाहरण बन चुका “आइये खुशियाँ बाँटें” अभियान मंगलवार को अपने लगातार 17वें दिन भी पूरे समर्पण के साथ जारी रहा। सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार की पहल और देखरेख में संचालित इस अभियान के तहत जिले की वंचित और जरूरतमंद आबादी तक राहत पहुँचाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है।
अभियान के 17वें दिन सदर अनुमंडल की दो एससी-एसटी बहुल बस्तियों को चिह्नित कर वहाँ के जरूरतमंद परिवारों के बीच ऊनी और गर्म वस्त्रों का वितरण किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों और स्थानीय नागरिकों की टीम ने बस्तियों में पहुँचकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को सर्दी से राहत देने का प्रयास किया।
दो पंचायतों की बस्तियों में पहुँचा अभियान
इस चरण में अभियान गढ़वा प्रखंड की उडसुगी पंचायत स्थित उराँव बहुल करौंदा टोला तथा मेराल प्रखंड की करकोमा पंचायत अंतर्गत एससी बहुल रिज़र्व टोला में संचालित किया गया। दोनों ही बस्तियों में पहले से सर्वे कर जरूरतमंद परिवारों की पहचान की गई थी, ताकि सहायता सही हाथों तक पहुँच सके।
टीम ने दोनों स्थानों पर पहुँचकर लगभग 500 ऊनी एवं गर्म वस्त्रों का वितरण किया। वितरण प्रक्रिया को व्यवस्थित और सम्मानजनक ढंग से संपन्न किया गया, जिससे किसी भी लाभार्थी को असहजता का सामना न करना पड़े।
बच्चों से बुजुर्गों तक मिली राहत
अभियान के दौरान बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता के अनुसार स्वेटर, जैकेट, शॉल, टोपी, मोजे सहित अन्य गर्म वस्त्र प्रदान किए गए। ठंड के इस मौसम में गर्म कपड़े पाकर लाभार्थियों के चेहरों पर राहत और संतोष की झलक साफ नजर आई।
कई बुजुर्गों ने बताया कि कड़ाके की ठंड में गर्म कपड़ों की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, ऐसे समय में प्रशासन और समाज के लोगों का इस तरह पहुँचकर मदद करना उनके लिए बड़ी राहत है। बच्चों में भी नए कपड़े पाकर उत्साह और खुशी देखी गई।
17 दिनों से लगातार जारी है अभियान
अभियान से जुड़े सदस्यों ने बताया कि “आइये खुशियाँ बाँटें” पहल बीते 17 दिनों से लगातार जिले की दूरस्थ, वंचित और कमजोर बस्तियों में संचालित की जा रही है। अब तक इस अभियान के माध्यम से हजारों जरूरतमंद परिवारों तक सहायता पहुँचाई जा चुकी है।
इस अभियान की विशेषता यह है कि इसके लिए आवश्यक सामग्री समाज के व्यवसायियों, समाजसेवी नागरिकों, स्वैच्छिक दानदाताओं और सामाजिक संगठनों के सहयोग से एकत्रित की जाती है। प्रशासन और समाज के बीच इस समन्वय ने अभियान को एक व्यापक जनआंदोलन का रूप दे दिया है।
जनप्रतिनिधि और समाजसेवियों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर मेराल प्रखंड प्रमुख दीपमाला कुमारी, साबिर वस्त्रालय के प्रोपराइटर साबिर अंसारी, रविंद्र पासवान, कंचन प्रसाद, अनिल कुमार, प्रिंस कुमार, रमेश प्रसाद सहित कई समाजसेवी और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने अभियान की सराहना करते हुए इसे जिले के लिए प्रेरणादायी पहल बताया।
प्रशासन और समाज का साझा संकल्प
सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अभियान के दौरान कहा:
संजय कुमार ने कहा: “यह अभियान प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयास का सशक्त उदाहरण है। हमारा उद्देश्य है कि इस सर्दी के मौसम में कोई भी जरूरतमंद परिवार उपेक्षित न रहे और हर चेहरे तक मानवीय संवेदना की गर्माहट पहुँचे।”
उन्होंने समाज के अन्य सक्षम लोगों से भी अपील की कि वे इस पुनीत कार्य में स्वैच्छिक सहभागिता निभाएँ और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएँ। उन्होंने विश्वास जताया कि सामूहिक प्रयास से इस अभियान को और व्यापक बनाया जा सकता है।



न्यूज़ देखो: प्रशासनिक संवेदना की जीवंत मिसाल
“आइये खुशियाँ बाँटें” अभियान यह दिखाता है कि जब प्रशासन और समाज एक साथ आते हैं, तो मानवीय संवेदना को वास्तविक रूप दिया जा सकता है। ठंड के मौसम में जरूरतमंदों तक राहत पहुँचाकर यह पहल सामाजिक जिम्मेदारी की नई मिसाल पेश कर रही है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जब समाज साथ आए, तभी खुशियाँ सच में बँटती हैं
किसी जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान लाना सबसे बड़ा योगदान है।
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