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मुरुमातु के महादलित मुसहर परिवारों को मिला स्थायी ठिकाना, चार साल बाद सौंपा गया भूमि का पट्टा

#पलामू #भूमि_वितरण : प्रशासन ने मुरुमातु गांव के विस्थापित महादलित परिवारों को जमीन का अधिकार देकर दी नई शुरुआत

पलामू जिले के पांडू प्रखंड अंतर्गत मुरुमातु ग्राम के महादलित मुसहर परिवारों का वर्षों पुराना संघर्ष आखिरकार समाप्त हो गया। रविवार को आयोजित भूमि वितरण कार्यक्रम में जिला प्रशासन की पहल पर 10 परिवारों को स्थायी जमीन का पट्टा सौंपा गया। इस मौके पर मंत्री राधा कृष्ण किशोर, सांसद विष्णु दयाल राम और विधायक नरेश प्रसाद सिंह मौजूद रहे।

वर्षों का संघर्ष, अब मिला स्थायी ठिकाना

मुरुमातु गांव के महादलित मुसहर समुदाय के परिवार लंबे समय से विस्थापन और भूमि अधिकार की समस्या से जूझ रहे थे। चार साल तक लगातार इंतजार और प्रशासनिक प्रयासों के बाद आखिरकार इन परिवारों को स्थायी जमीन मिल पाई है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

भूमि वितरण समारोह में झारखंड सरकार के मंत्री राधा कृष्ण किशोर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। लोकप्रिय सांसद विष्णु दयाल राम और विधायक नरेश प्रसाद सिंह भी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने। ग्रामीणों ने इन जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।

10 परिवारों को मिला 10-10 डिसमिल जमीन

जिला प्रशासन ने कुल 10 परिवारों को 10-10 डिसमिल भूमि प्रदान की। यह जमीन पांडू खाता संख्या 187, प्लॉट संख्या 859 से उपलब्ध कराई गई।

भूमि का पट्टा पाने वाले परिवारों की सूची

  1. जितेंद्र मुसहर (पिता – संजय मुसहर)
  2. नंदलाल मुसहर (पिता – संजय मुसहर)
  3. संजय मुसहर (पिता – स्व. कंगाली मुसहर)
  4. संतोष मुसहर (पिता – नंदलाल मुसहर)
  5. गिरजा मुसहर (पिता – स्व. सीताराम मुसहर)
  6. संतोष मुसहर (पिता – गिरजा मुसहर)
  7. शंकर मुसहर (पिता – स्व. कंगाली मुसहर)
  8. गोरख मुसहर (पिता – शंकर मुसहर)
  9. पंकज मुसहर, गोलू मुसहर, छठन मुसहर (पिता – स्व. बौध मुसहर)
  10. गंगा मुसहर (पिता – स्व. गरीबा मुसहर)

अंबेडकर आवास और बुनियादी सुविधाओं का वादा

भूमि वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रशासन ने घोषणा की कि सभी परिवारों को अंबेडकर आवास योजना के तहत पक्का मकान मिलेगा।

इसके साथ ही सड़क, बिजली और पानी की सुविधाएं भी इन परिवारों तक पहुंचाई जाएंगी।

मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा:
“जिला प्रशासन की ओर से इन परिवारों को अनावधिक मद से सड़क, बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही शेष बचे मुसहर परिवारों को सूचीबद्ध कर तीन माह के भीतर लाभ पहुंचाया जाएगा।”

मुसहर परिवारों में खुशी की लहर

जमीन और आवास की आस लगाए बैठे मुरुमातु के विस्थापित महादलित परिवारों के चेहरे पर अब संतोष और प्रसन्नता साफ झलक रही थी। परिवारों का कहना है कि अब उन्हें भी एक स्थायी पता मिलेगा और उनके बच्चे सुरक्षित वातावरण में पढ़-लिख सकेंगे।

इस अवसर पर प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: उम्मीदों को मिला सहारा

मुरुमातु गांव के मुसहर परिवारों को भूमि का पट्टा मिलना सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है। वर्षों से वंचित रहे इन परिवारों को अब अपना ठिकाना मिला है। प्रशासन की यह पहल न केवल जीवन की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करती है, बल्कि महादलित समुदाय की समानता और सम्मान की दिशा में भी संदेश देती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बदलाव की शुरुआत, समाज की जिम्मेदारी

मुरुमातु के मुसहर परिवारों को मिला यह स्थायी ठिकाना इस बात का संकेत है कि अगर सरकार और समाज मिलकर काम करें तो दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान संभव है। अब इन परिवारों को केवल जमीन ही नहीं मिली, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षित भविष्य का अधिकार भी मिला है।

आइए, हम सब मिलकर ऐसी पहलों का समर्थन करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी परिवार बेघर या बेसहारा न रहे।
आपकी राय क्या है – क्या हर गांव में भूमिहीन परिवारों को इसी तरह जमीन और आवास की गारंटी दी जानी चाहिए?
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और जागरूकता फैलाएं।

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