
#सिमडेगा #आदिवासी_समाज : संस्कृति, परंपरा और जातीय अधिकारों की रक्षा पर रखे गए अहम विचार।
- बानो प्रखंड इकाई की बैठक में जिला कमिटी के पदाधिकारियों ने की उपस्थिति।
- समाज की संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज को सुरक्षित रखने का आह्वान।
- लोहरा जाति प्रमाण पत्र में हो रही कठिनाइयों पर विस्तृत चर्चा।
- प्रखंड अध्यक्ष विकास मघईया ने सरकार से लिपिकीय त्रुटियों को दूर करने की मांग रखी।
- बैठक में जिला अध्यक्ष वासुदेव तिर्की, सचिव अशोक इंदवार समेत कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बानो प्रखंड स्थित आदिवासी लोहरा समाज की इकाई की बैठक शनिवार को समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा को समर्पित रही। यह बैठक प्रखंड अध्यक्ष विकास मघईया की अध्यक्षता में हुई, जिसमें जिला कमिटी के कई पदाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य समाज को संगठित दिशा देना और सरकारी स्तर पर सामने आ रही समस्याओं पर सामूहिक समाधान निकालना था।
सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा का संकल्प
बैठक में जिला कमिटी के प्रतिनिधियों ने कहा कि आदिवासी लोहरा समाज की संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज और सामाजिक संस्कार उसकी असली पहचान हैं। वक्ताओं ने कहा कि समाज को अपनी मूल पहचान और परंपरागत जीवन शैली से भटकना नहीं चाहिए, बल्कि इन्हें अगली पीढ़ी तक सुरक्षित रूप से पहुँचाने का दायित्व सबका है।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए कहा कि लोहरा समाज सदैव से बिरसा मुंडा के साथ रहा है। आज भी बिरसा संग्रहालय में लोहरा जाति की परंपरागत पेशा और संस्कृति प्रदर्शित की गई है, जो हमारे गौरव का प्रतीक है।
प्रमाण पत्र और सरकारी प्रक्रिया पर चर्चा
बैठक में समाज के लोगों ने लोहरा जाति प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही लंबी और जटिल प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की। कई वक्ताओं ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर लिपिकीय त्रुटियों के कारण समाज के लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
प्रखंड अध्यक्ष विकास मघईया ने सरकार से आग्रह किया कि इस प्रक्रिया को सरल बनाया जाए ताकि लोहरा समाज के लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि समाज की वास्तविक स्थिति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए जातीय प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाया जाए।
जिला कमिटी की सक्रिय भागीदारी
बैठक में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारियों में जिला अध्यक्ष वासुदेव तिर्की, सचिव अशोक इंदवार, जिला महासचिव रामेराम इंदवार, सुनील बरवा, जलडेगा प्रखंड अध्यक्ष आशीष कुमार इंदवार, सचिव बसंत लोहारा, पंचायत अध्यक्ष चरकु लोहारा, कोलेबिरा प्रखंड अध्यक्ष मुनेश्वर तिर्की, उपाध्यक्ष दशरथ लोहारा, सुरेन्द्र लोहारा सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।
इसके अलावा बानो प्रखंड से अध्यक्ष बिकास लोहारा, सचिव कांति देवी, कोषाध्यक्ष सुकांति देवी, साहूबेड़ा पंचायत अध्यक्ष बहुरन लोहारा, बांकी पंचायत अध्यक्ष सोनिया, सचिव ममता, कोषाध्यक्ष रामू, रंजीत लोहारा, बुधराम, छोटू सहित समाज के भाई-बहन बड़ी संख्या में शामिल हुए।
न्यूज़ देखो: समाज की एकता ही संस्कृति की सुरक्षा की कुंजी
आदिवासी लोहरा समाज की यह बैठक इस बात का प्रतीक है कि अपनी जड़ों से जुड़कर ही समाज मजबूत बन सकता है। जब समुदाय अपने अधिकारों और परंपराओं के लिए एकजुट होता है, तो उसकी आवाज़ और प्रभाव दोनों बढ़ते हैं। यह कदम न सिर्फ सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में है, बल्कि सामाजिक न्याय और प्रशासनिक सुधार की ओर भी संकेत करता है।
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अपनी परंपरा को पहचानें, अपनी आवाज़ को मजबूत बनाएं
आज का समय अपनी संस्कृति, पहचान और अधिकारों की रक्षा का है। समाज तभी सशक्त होगा जब हर सदस्य अपनी जिम्मेदारी समझे और एकजुट होकर काम करे।
अब समय है कि हम सब अपनी विरासत को बचाने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प लें।
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