
#सिमडेगा #प्रशासनिक_निर्णय : उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुकंपा और सेवा संबंधी 43 मामलों पर विचार किया गया
- उपायुक्त सिमडेगा श्रीमती कंचन सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई।
- जिला स्थापना समिति एवं अनुकंपा समिति के कई मामलों पर निर्णय लिया गया।
- 16 अनुकंपा नियुक्ति मामलों में से 10 को स्वीकृति, 2 को अस्वीकृति मिली।
- 11 सेवा संपुष्टि और 16 एसीपी/एमएसीपी मामलों को भी स्वीकृति दी गई।
- बैठक में अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र, एसडीओ प्रभात रंजन ज्ञानी समेत अधिकारी उपस्थित रहे।
सिमडेगा जिले में प्रशासनिक स्तर पर सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह की अध्यक्षता में जिला स्थापना एवं अनुकंपा समिति की बैठक संपन्न हुई, जिसमें जिले के विभिन्न विभागों से प्राप्त अनुकंपा नियुक्ति, सेवा संपुष्टि, स्थानांतरण और एसीपी/एमएसीपी से संबंधित मामलों पर चर्चा हुई। बैठक का उद्देश्य लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन कर कर्मचारियों को प्रशासनिक राहत प्रदान करना था।
अनुकंपा नियुक्ति के 16 में से 10 मामलों को स्वीकृति
बैठक में कुल 16 अनुकंपा नियुक्ति मामलों पर विचार किया गया। इनमें से 10 मामलों को स्वीकृति, 2 मामलों को अस्वीकृति, जबकि 1 मामले में उम्र जांच और 1 में आश्रित प्रमाण पत्र की मांग की गई। वहीं 2 मामलों पर विभागीय सत्यापन की आवश्यकता बताई गई। उपायुक्त ने सभी मामलों को पारदर्शी और संवेदनशील दृष्टिकोण से निपटाने का निर्देश दिया।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “प्रत्येक पात्र परिवार को न्याय मिलना चाहिए। अनुकंपा नियुक्ति मानवता से जुड़ा विषय है, अतः इसमें अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए।”
सेवा संपुष्टि, एसीपी/एमएसीपी और स्थानांतरण पर भी निर्णय
बैठक में सेवा संपुष्टि के 11 मामलों पर विचार कर सभी को स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही 16 एसीपी/एमएसीपी मामलों को भी मंजूरी दी गई। इन निर्णयों से कई कर्मचारियों को प्रमोशन और वित्तीय लाभ का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसके अतिरिक्त अंतर जिला स्थानांतरण से संबंधित आवेदनों पर भी आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र ने कहा: “बैठक में लिए गए सभी निर्णय नियमों के अनुरूप हैं। हमारा प्रयास है कि सभी प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता और दक्षता बनी रहे।”
अधिकारियों की सहभागिता और पारदर्शिता पर बल
बैठक में उपायुक्त के साथ अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात रंजन ज्ञानी, स्थापना शाखा के कर्मी और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने संयुक्त रूप से विभिन्न मामलों की समीक्षा की और आगामी प्रक्रिया को त्वरित रूप से लागू करने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: प्रशासनिक पारदर्शिता का उदाहरण
सिमडेगा प्रशासन ने एक बार फिर यह दिखाया है कि पारदर्शी शासन और त्वरित निर्णय ही जनता के विश्वास को मजबूत करते हैं। इस बैठक के निर्णयों से न केवल कर्मचारियों को राहत मिलेगी बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी।
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जवाबदेही से ही बनेगा मजबूत प्रशासन
जिले के विकास की जड़ पारदर्शिता और समयबद्ध कार्रवाई में है। जब प्रशासन संवेदनशीलता के साथ कर्मचारियों और आम नागरिकों के मुद्दे सुलझाता है, तो जनता का भरोसा बढ़ता है। सिमडेगा जैसे जिलों में ऐसी पहलें सुशासन की पहचान बनती जा रही हैं।
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