
#बोलबा #क्रिसमस_समारोह : पीडियापोंछ पल्ली में धार्मिक अनुष्ठान और सामाजिक समरसता का संगम।
बोलबा प्रखंड अंतर्गत सलंगापोंछ भिखारियत के पीडियापोंछ पल्ली में शुक्रवार को क्रिसमस गैदरिंग सह मिलन समारोह श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक मिस्सा पूजा से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल हुए। समारोह में झामुमो जिला अध्यक्ष अनिल कंडुलना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने शांति, आशा और आपसी भाईचारे का संदेश दिया। यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ सामाजिक एकता और सांस्कृतिक सहभागिता का महत्वपूर्ण उदाहरण बना।
- पीडियापोंछ पल्ली, सलंगापोंछ भिखारियत में क्रिसमस गैदरिंग सह मिलन समारोह आयोजित।
- फादर बासिल सोरेंग द्वारा मिस्सा पूजा संपन्न, फादर एमानुएल डांग का सहयोग।
- मुख्य अतिथि झामुमो जिला अध्यक्ष अनिल कंडुलना ने दिया शांति और आशा का संदेश।
- चरनी की विधिवत आशीष के बाद केक काटकर समारोह का शुभारंभ।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पल्ली के मंडली भाई-बहनों की सक्रिय भागीदारी।
बोलबा प्रखंड के सलंगापोंछ भिखारियत स्थित पीडियापोंछ पल्ली में आयोजित क्रिसमस गैदरिंग सह मिलन समारोह ने पूरे क्षेत्र में उत्सव और उल्लास का वातावरण बना दिया। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द और सामुदायिक सहभागिता का सुंदर दृश्य देखने को मिला। बड़ी संख्या में विश्वासी और गणमान्य अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। समारोह का उद्देश्य केवल पर्व मनाना नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सहयोग और शांति के संदेश को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना रहा।
मिस्सा पूजा और धार्मिक अनुष्ठान
समारोह की शुरुआत पल्ली पुरोहित फादर बासिल सोरेंग द्वारा विधिवत मिस्सा पूजा से की गई। पूजा में प्रभु यीशु के जन्म के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला गया और समाज में शांति, प्रेम व करुणा के संदेश को आत्मसात करने का आह्वान किया गया। इस दौरान सहायक पुरोहित फादर एमानुएल डांग ने पूजा में सहयोग करते हुए धार्मिक विधियों को सम्पन्न कराया। मिस्सा पूजा के दौरान पल्ली के विश्वासी पूरी श्रद्धा के साथ शामिल हुए और सामूहिक प्रार्थना में भाग लिया।
चरनी की आशीष और केक कटिंग से शुभारंभ
मिस्सा पूजा के उपरांत पल्ली पुरोहित फादर बासिल सोरेंग ने विधिवत चरनी की आशीष दी। इसके बाद क्रिसमस गैदरिंग सह मिलन समारोह का औपचारिक शुभारंभ केक काटकर किया गया। यह क्षण उपस्थित सभी लोगों के लिए विशेष और भावनात्मक रहा, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
मुख्य अतिथि का संदेश
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित झामुमो जिला अध्यक्ष अनिल कंडुलना ने क्रिसमस पर्व के महत्व पर अपने विचार साझा किए।
अनिल कंडुलना ने कहा: “क्रिसमस शांति और सौहार्द का त्यौहार है। क्रिसमस हमें जीवन में आशा बनाए रखने और खुशियाँ बाँटने की प्रेरणा भी देता है। यह क्रिसमस आपके और आपके परिवार के लिए अनंत खुशियाँ, अच्छा स्वास्थ्य और ढेर सारा प्यार लेकर आए। मेरी क्रिसमस!”
उनके संदेश ने उपस्थित जनसमूह को भावनात्मक रूप से जोड़ा और पर्व के सामाजिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में आपसी समझ, भाईचारे और सकारात्मक सोच को मजबूत करते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
मुख्य संदेश के बाद पल्ली के मंडली के भाई-बहनों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रभु यीशु के जन्म, प्रेम और त्याग के संदेश को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। इन कार्यक्रमों ने समारोह को और भी आकर्षक बना दिया तथा दर्शकों ने तालियों के साथ कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
विशिष्ट अतिथियों और उपस्थितजनों की सहभागिता
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें फादर बासिल सोरेंग, फादर एमानुएल डांग, झामुमो जिला अध्यक्ष अनिल कंडुलना, थाना प्रभारी देवीदास मुर्मू, झामुमो प्रखंड सचिव जैनुल अंसारी, राजीव कुल्लू, झामुमो जिला कोषाध्यक्ष राजेश टोप्पो, कैथलिक सभा अध्यक्ष क्रिस्टोफर डुंगडुंग, महिला संघ की सभानेत्री एलिन मिंज, युवा संघ अध्यक्ष संदीप बा सहित भारी संख्या में विश्वासी गण शामिल थे। सभी ने एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएँ दीं और सामाजिक एकता का परिचय दिया।
न्यूज़ देखो: धार्मिक पर्व बना सामाजिक एकता का मंच
पीडियापोंछ पल्ली में आयोजित यह क्रिसमस समारोह दर्शाता है कि धार्मिक आयोजन केवल आस्था तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे समाज को जोड़ने का सशक्त माध्यम भी बनते हैं। जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और धार्मिक नेतृत्व की संयुक्त उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। ऐसे आयोजन आपसी संवाद और सहयोग को मजबूत करते हैं, जो सामाजिक शांति के लिए आवश्यक है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आशा, प्रेम और सहभागिता से सशक्त समाज की ओर
क्रिसमस जैसे पर्व हमें यह याद दिलाते हैं कि खुशियाँ साझा करने से ही बढ़ती हैं। जब समाज के सभी वर्ग एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं, तो आपसी विश्वास और सौहार्द मजबूत होता है।





