
#लचरागढ़ #शिक्षा_अभियान : विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर उच्च विद्यालय द्वारा संस्कारित शिक्षा के प्रसार हेतु ग्राम स्तर पर अभिभावक संपर्क अभियान आयोजित
- विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ द्वारा नामांकन महाअभियान का आयोजन।
- प्रधानाचार्य राजेंद्र साहू के नेतृत्व में आचार्य एवं कार्यकर्ता बंधु-भगिनी रहे सक्रिय।
- ग्राम के टोला-मोहल्लों में घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क किया गया।
- संस्कारयुक्त, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा प्रणाली की दी गई विस्तृत जानकारी।
- विद्यालय में संचालित खेल, शारीरिक गतिविधियों और अनुशासनात्मक व्यवस्था पर विशेष प्रकाश।
- नर्सरी से कक्षा एक तक नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ होने की दी गई सूचना।
विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ की ओर से “चलो गाँव की ओर : संस्कारित शिक्षा का घर-घर प्रसार” नामांकन महाअभियान के अंतर्गत लचरागढ़ ग्राम में अभिभावक संपर्क अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य उन बच्चों को विद्यालय से जोड़ना है, जो अब तक औपचारिक शिक्षा से वंचित हैं या जिनका नामांकन अभी विद्यालय में नहीं हो पाया है। अभियान के माध्यम से विद्यालय और ग्राम समाज के बीच संवाद, विश्वास और सहभागिता को और सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया।
घर-घर पहुँचा संस्कारित शिक्षा का संदेश
अभियान के दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र साहू के नेतृत्व में समस्त आचार्य, कार्यकर्ता बंधु एवं भगिनियों ने लचरागढ़ ग्राम के विभिन्न टोला-मोहल्लों का भ्रमण किया। टीम ने उन अभिभावकों से प्रत्यक्ष संपर्क किया, जिनके बच्चे विद्यालय में नामांकित नहीं हैं, और उन्हें शिक्षा के महत्व तथा विद्यालय की विशेषताओं से अवगत कराया।
अभिभावकों को बताया गया कि विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर केवल पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्कार, संस्कृति, अनुशासन और चरित्र निर्माण को शिक्षा का अभिन्न अंग मानता है।
विद्यालय की शैक्षणिक विशेषताओं की जानकारी
अभिभावक संपर्क के दौरान विद्यालय के आचार्यों ने शिक्षा के लक्ष्य एवं उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की। अभिभावकों को बताया गया कि विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों, राष्ट्रभाव और सामाजिक जिम्मेदारी पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
विद्यालय प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों को केवल परीक्षा केंद्रित नहीं, बल्कि जीवनोपयोगी शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है, जिससे वे भविष्य में एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
खेल और शारीरिक विकास पर विशेष जोर
अभियान के दौरान अभिभावकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय में संचालित विभिन्न खेल एवं शारीरिक गतिविधियों की भी जानकारी दी गई। बताया गया कि विद्यालय में नियमित रूप से खो-खो, कबड्डी, ताइक्वांडो, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन एवं एथलेटिक्स जैसे खेलों का अभ्यास कराया जाता है।
आचार्यों ने अभिभावकों को समझाया कि खेलों के माध्यम से बच्चों का न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि मानसिक मजबूती, आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम भावना भी विकसित होती है, जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
नव शैक्षणिक सत्र के लिए नामांकन शुरू
अभियान के दौरान यह जानकारी भी दी गई कि नव शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सरी से कक्षा एक तक नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। विद्यालय की ओर से अधिक से अधिक बच्चों को विद्यालय से जोड़ने हेतु अभिभावकों से सहयोग की अपील की गई।
प्रधानाचार्य राजेंद्र साहू ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुणवत्तापूर्ण और संस्कारयुक्त शिक्षा को प्राथमिकता दें तथा विद्यालय के साथ सक्रिय सहभागिता निभाएं।
ग्राम समाज के साथ सुदृढ़ संवाद का प्रयास
विद्यालय प्रबंधन का मानना है कि इस प्रकार के नामांकन महाअभियान से विद्यालय और ग्राम समाज के बीच आपसी विश्वास, संवाद और सहयोग को मजबूती मिलती है। इससे न केवल बच्चों का शैक्षणिक स्तर बेहतर होता है, बल्कि पूरे समाज में शिक्षा के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
अभियान में इनकी रही विशेष उपस्थिति
इस अभिभावक संपर्क अभियान में जगेश्वर सिंह, बसंती बड़ाईक, गणेश सिंह, लक्ष्मी कुमारी, भागीरथी सिंह, शिवचंद नायक, प्रगति कुमारी, दशरथी कुमारी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे और अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
न्यूज़ देखो: शिक्षा से समाज निर्माण की मजबूत पहल
लचरागढ़ में चला यह नामांकन महाअभियान यह दर्शाता है कि जब विद्यालय समाज से सीधे जुड़ते हैं, तो शिक्षा केवल संस्थान तक सीमित नहीं रहती, बल्कि जन आंदोलन का रूप ले लेती है। संस्कारयुक्त शिक्षा की यह पहल ग्रामीण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक सराहनीय कदम है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा से सशक्त गाँव, सशक्त भविष्य
गाँव-गाँव पहुँचकर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का यह प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए मजबूत नींव रखता है। जब अभिभावक, शिक्षक और समाज एक साथ आगे बढ़ते हैं, तभी शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य पूरा होता है।





