
#लातेहार #शहीदेआजमकॉन्फ्रेंस : आध्यात्मिक कार्यक्रम में विधायक सहित कई अतिथि हुए शामिल
- अहिरपुरवा कादरी नगर में शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ।
- विधायक रामचंद्र सिंह ने फीता काटकर किया उद्घाटन।
- जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर समेत कई गणमान्य अतिथि रहे मौजूद।
- झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आए इस्लामी विद्वानों व शायरों ने शिरकत की।
- कार्यक्रम में पेश किए गए नातिया कलाम ने समां बाँध दिया।
बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय के अहिरपुरवा कादरी नगर में शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधायक सह विधानसभा समिति के सभापति रामचंद्र सिंह ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उनके साथ जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर, यूथ कांग्रेस के प्रदेश समन्वयक विजय बहादुर सिंह, कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि रविंद्र राम, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष नसीम अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता हेसामूल अंसारी, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष अधिवक्ता प्रिंस प्रसाद, युवा समाजसेवी समीम अंसारी, विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह पिंटू और बीपीओ कमलेश सिंह समेत कई सम्मानित अतिथि मंच पर उपस्थित रहे।
आध्यात्मिक माहौल में गूँजा कॉन्फ्रेंस
कॉन्फ्रेंस के मंच पर झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आए इस्लामी विद्वानों और शायरों ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की। एक से बढ़कर एक नातिया कलाम पेश किए गए, जिससे पूरा सभागार आध्यात्मिक रंग में रंग गया। लोगों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ कार्यक्रम का आनंद लिया।
कार्यक्रम की विशेषताएँ
इस मौके पर हज़रत सैयद शाह वलीउल्लाह अहमद ज्या कादरी भी मंच पर मौजूद रहे। उनके मार्गदर्शन और आशीर्वचन ने श्रोताओं के दिलों को गहराई से प्रभावित किया। वहीं शायरों की पेशकश ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य आपसी भाईचारा, सद्भावना और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाना रहा।
विधायक ने की सराहना
कार्यक्रम के दौरान विधायक रामचंद्र सिंह ने आयोजकों और उपस्थित जनसमूह की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन समाज को जोड़ते हैं और नई पीढ़ी को प्रेरित करते हैं।
न्यूज़ देखो: समाज में भाईचारे का संदेश देने वाला सम्मेलन
अहिरपुरवा कादरी नगर का यह आयोजन सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा। इस कॉन्फ्रेंस ने लोगों को न सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा दी बल्कि आपसी भाईचारे और सामुदायिक एकजुटता का संदेश भी दिया।
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सामाजिक सौहार्द की मिसाल
शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस ने यह साबित किया कि धर्म और संस्कृति के ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर इस भाईचारे की परंपरा को और आगे बढ़ाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि यह सकारात्मक संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचे।