#गिरिडीह #परिवारिक_विवाद : जहानाबाद की महिला ने बिरनी थाना में लगाई गुहार—पति के धोखे, उत्पीड़न और बेवफाई की बताई दर्दनाक कहानी।
- जहानाबाद की महिला तीन बच्चों की मां, पति विजय साव की तलाश में पहुंची बिरनी थाना।
- महिला की शादी 9 नवम्बर 2023 को सिमराढाब निवासी विजय साव, पिता झमन साव से हुई थी।
- पति पर लगाया धोखे से शादी, उत्पीड़न और हार्पिक पिलाने का गंभीर आरोप।
- महिला बोली—“जब तक पति से नहीं मिलवाया जाएगा, थाने में ही रहूंगी।”
- मामले की जानकारी एसडीपीओ धनंजय राम को भी दी गई है।
बिहार के जहानाबाद की रहने वाली एक विवाहित महिला अपने पति को खोजने के लिए झारखंड के गिरिडीह जिले के बिरनी थाना पहुंची। तीन बच्चों की मां रही यह महिला अपने दर्द और अन्याय की दास्तान लेकर गुरुवार को थाने में आई और अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। उसने कहा कि जब तक उसे उसके पति से नहीं मिलवाया जाएगा, वह थाने से नहीं जाएगी।
पति के धोखे में फंसी महिला, दो परिवारों के बीच फंसी जिंदगी
महिला ने बताया कि उसकी शादी 9 नवम्बर 2023 को विजय साव, पिता झमन साव, निवासी सिमराढाब से हुई थी। शादी के बाद दोनों कुछ दिनों तक साथ रहे, लेकिन बाद में विजय साव उसे छोड़कर बिरनी चला आया। जब उसने जानकारी की तो पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा है और उसके भी बच्चे हैं। जब उसने इस बारे में पूछा तो पति ने कहा कि “कोई दिक्कत नहीं है, मैं तुम्हें भी साथ रखूंगा।”
महिला ने बताया कि वह पटना के एक वृद्धाश्रम में काम करती है। काम के कारण उसे कई बार बाहर रहना पड़ता था, लेकिन जब भी छुट्टी मिलती, वह सरिया में किराए के कमरे में पति से मिलने आती थी। एक महीने से पति उसका फोन नहीं उठा रहा है और उसके नंबर को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। महिला के मुताबिक, पति के भाई ने भी उसके नंबर को ब्लॉक कर दिया है।
उत्पीड़न की दर्दनाक घटना, जबरन हार्पिक पिलाने का आरोप
महिला ने बताया कि पिछले महीने जब वह सरिया में थी, तब विजय साव के भाई संजय साव ने जबरदस्ती उसे हार्पिक पिला दिया, जिससे उसकी तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई।
इस घटना के बाद उसकी गले की नली जाम हो गई, और अब उसे खाना-पीना तक मुश्किल हो गया है। महिला ने कहा कि वह लगातार दर्द में है और अब अपने पति से मिलने और न्याय पाने की उम्मीद में थाने पहुंची है।
पीड़िता ने कहा: “मैं तब तक थाने में रहूंगी जब तक मुझे मेरे पति से नहीं मिलवाया जाएगा। मुझे सिर्फ इंसाफ चाहिए।”
थाने में बैठी रही न्याय की आस लिए
बिरनी थाना में उपस्थित पुलिसकर्मियों ने महिला की बात सुनी और मामले की जानकारी एसडीपीओ धनंजय राम को दी गई।
महिला का कहना है कि उसे सिर्फ अपने पति के घर पहुंचना है और वह किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेगी।
थाने में मौजूद लोगों ने भी महिला की हालत देखकर सहानुभूति जताई।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस मामले की जांच कर रही है और महिला को उचित सहायता देने पर विचार कर रही है। हालांकि, आरोपी पक्ष की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है।
न्यूज़ देखो: महिला की असहायता और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना समाज के उस कटु पक्ष को उजागर करती है, जहां विवाह, छल और उत्पीड़न की कहानियां अब भी सामान्य हैं। एक महिला जो अपने बच्चों की परवरिश के साथ काम कर रही थी, उसे धोखे और हिंसा का सामना करना पड़ा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी संवेदनशीलता से कार्रवाई करता है। ऐसी घटनाएं बताती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों पर समाज को अब भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
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न्याय की उम्मीद में थाने में बैठी मां
तीन बच्चों की मां का दर्द किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं—धोखा, उत्पीड़न और अकेलापन सब झेलकर भी वह अपने अधिकार के लिए डटी है। समाज को ऐसी महिलाओं के साहस से सीख लेनी चाहिए जो न्याय की राह पर हार नहीं मानतीं।
अब समय है कि हम सब ऐसे मामलों में आवाज़ उठाएं, जागरूकता फैलाएं और हर महिला के सम्मान की रक्षा करें।
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