
#गढ़वा #सामाजिक_अभियान : एसडीएम संजय कुमार की पहल पर हजारों गर्म वस्त्र जरूरतमंदों तक पहुंचाकर बना सहयोग और संवेदनशीलता का उदाहरण
- सदर एसडीएम संजय कुमार द्वारा शुरू किया गया आईये खुशियां बांटें अभियान।
- पहले ही दिन पांच हजार से अधिक गर्म कपड़ों का दान सामाजिक सहभागिता से एकत्र।
- थोक वस्त्र विक्रेता और वस्त्र व्यापारी संगठन ने मिलकर अभियान को बढ़ाया मजबूत समर्थन।
- अभियान की शुरुआत कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम के 50 एपिसोड पूरे होने पर हुई।
- ठंड से जूझ रहे गरीब और असहाय लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने का लक्ष्य।
- अभियान के अगले चरण में जरूरतमंदों को अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने की भी तैयारी।
गढ़वा में सदर एसडीएम संजय कुमार द्वारा शुरू की गई पहल आईये खुशियां बांटें ने सामाजिक सौहार्द और मानवता की नई तस्वीर पेश की है। यह अभियान कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम के पचासवें एपिसोड की सफल पूर्णता पर शुरू किया गया और पहले ही दिन आम नागरिकों, थोक वस्त्र विक्रेताओं तथा व्यापारी संगठनों ने मिलकर पांच हजार से अधिक गर्म कपड़े सहयोग के रूप में दिए। इसका उद्देश्य ठंड में संघर्ष कर रहे गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाना है। इस अभियान ने प्रशासन और समाज के बीच एक मजबूत सेतु का निर्माण किया है और आगे आने वाले दिनों में इस पहल को और विस्तारित करने की योजना भी है।
गढ़वा में शुरू हुआ जनसहयोग का अनूठा अभियान
गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार ने इस अभियान की शुरुआत उस सोच के साथ की कि प्रशासनिक प्रयास तब तक पूर्ण नहीं हो सकते जब तक समाज की भागीदारी न जुड़े। ठंड के मौसम में जब जरूरतमंदों के पास गर्म कपड़ों की भारी कमी होती है, ऐसे समय में यह पहल उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आई।
विभिन्न वस्त्र व्यवसायियों और जनप्रतिनिधियों ने स्वेच्छा से गर्म कपड़े उपलब्ध कराए, जिससे हजारों लोगों को राहत मिल सकी। यह अभियान सिर्फ वस्त्र वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों का एक प्रभावशाली उदाहरण बन गया है।
कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम का सकारात्मक प्रभाव
एसडीएम द्वारा संचालित कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम पहले ही प्रशासन और जनता के बीच संवाद का मजबूत मंच बन चुका है। इसके 50 एपिसोड पूरे होने पर इस विशेष अभियान की शुरुआत की गई।
इस कार्यक्रम से प्रेरित होकर नागरिक प्रशासन की नीतियों और सामाजिक प्रयासों में अधिक सक्रियता से भाग लेने लगे हैं, जिसका परिणाम इस अभियान में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
जरूरतमंदों तक पहुंची राहत
अभियान के पहले दिन ही पांच हजार से अधिक गर्म कपड़े उपलब्ध कराए गए। इनमें स्वेटर, कंबल, जैकेट, बच्चों के लिए ऊनी कपड़े, टोपी और शॉल जैसी आवश्यक चीजें शामिल थीं।
गांवों और शहरी इलाकों में रहने वाले गरीब, बुजुर्ग, बच्चें और असहाय व्यक्तियों को इन वस्त्रों का सीधा लाभ मिला।
एसडीएम संजय कुमार और उनकी टीम लगातार फील्ड में रहकर वितरण कार्य को सुनिश्चित कर रहे हैं, जिससे यह अभियान सुचारू रूप से संचालित हो सके।
प्रशासन और समाज की साझेदारी का आदर्श मॉडल
इस अभियान में थोक वस्त्र व्यापारी संगठन, कपड़ा बाजार के व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक सभी एकजुट होकर आगे आए।
एसडीएम ने कहा कि यदि समाज और प्रशासन कंधे से कंधा मिलाकर काम करें, तो किसी भी जनकल्याणकारी पहल को सफल होने में अधिक समय नहीं लगता।
संजय कुमार ने कहा: “यह अभियान सिर्फ वस्त्र संग्रह का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का सामूहिक संदेश है। अधिक से अधिक लोग आगे आएं ताकि कोई भी गरीब ठंड में तकलीफ न सहे।”
आगे की विस्तृत योजना
एसडीएम ने बताया कि यह पहल आगे और बड़े स्तर पर संचालित की जाएगी।
गर्म कपड़ों के अतिरिक्त अन्य आवश्यक सामग्री तथा जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आपातकालीन सहायता से भी जोड़ा जाएगा।
यह मॉडल आने वाले समय में जिले भर में जनसहयोग आधारित योजनाओं का प्रेरक उदाहरण बन सकता है।


न्यूज़ देखो: प्रशासन और समाज की एकता से जन्मी नई उम्मीद
गढ़वा का यह अभियान दिखाता है कि जब प्रशासन मानवता के साथ काम करता है और समाज संवेदनशील होकर सहयोग देता है, तो बदलाव का रास्ता स्वयं बन जाता है। यह केवल एक वितरण कार्यक्रम नहीं बल्कि जिले की सामाजिक जिम्मेदारी और जागरूकता का प्रतीक है।
ऐसे प्रयास हर जिले में हों तो किसी भी जरूरतमंद को कठिन परिस्थितियों से अकेले नहीं गुजरना पड़ेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
इंसानियत की गर्माहट फैलाने का समय
आज जब ठंड हर घर को प्रभावित कर रही है, तब जरूरतमंदों के लिए गर्म कपड़ों का छोटा सा योगदान भी जीवन बदल सकता है। गढ़वा का यह अभियान हमें भी प्रेरित करता है कि हम आगे आएं, समाज की भलाई में अपना हिस्सा दें और मानवता को सर्वोपरि रखें।
आइए हम सब मिलकर इस सकारात्मक बदलाव के हिस्सेदार बनें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें और जागरूकता फैलाने में योगदान दें ताकि यह संदेश और दूर तक जाए और अधिक लोग इस मुहिम से प्रेरित हो सकें।





