
#हुसैनाबाद #शिक्षा_सत्र : सिद्धनाथ बी.एड. कॉलेज में 2025-27 सत्र के प्रशिक्षुओं का स्वागत समारोह पारंपरिक एवं प्रेरणादायक माहौल में संपन्न।
- सिद्धनाथ बी.एड. कॉलेज में नए शैक्षणिक सत्र 2025-27 का शुभारंभ।
- पारंपरिक दीप प्रज्वलन और स्वास्ति वाचन से कार्यक्रम की शुरुआत।
- शिक्षकों द्वारा अनुशासन, अध्ययन और समय प्रबंधन पर मार्गदर्शन दिया गया।
- स्वागत समारोह में शिक्षकों और कर्मचारियों की सक्रिय उपस्थिति।
- धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन और प्रशिक्षुओं में नई ऊर्जा का संचार।
जपला स्थित सिद्धनाथ बी.एड. कॉलेज में नवागंतुक प्रशिक्षुओं का नया सत्र 2025-27 हर्षोल्लास के बीच प्रारंभ हुआ। कॉलेज परिसर में आयोजित स्वागत समारोह की शुरुआत निदेशक संजय कुमार सिंह (लड्डू बाबू) ने पारंपरिक दीप प्रज्वलन और स्वास्ति वाचन के साथ की, जिससे कार्यक्रम स्थल पर सकारात्मकता और उत्साह का वातावरण बन गया। नए प्रशिक्षुओं के लिए यह आयोजन उनके शिक्षण जीवन की महत्वपूर्ण शुरुआत साबित हुआ।
प्रेरणादायक संबोधन और शैक्षणिक मार्गदर्शन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश शर्मा ने सभी नवागंतुक प्रशिक्षुओं का हार्दिक स्वागत किया और कॉलेज की शैक्षणिक उपलब्धियों तथा प्रशिक्षण पद्धतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का दर्पण होता है और अनुशासन के साथ कार्य करने वाला शिक्षक ही सच्चा मार्गदर्शक बन सकता है। प्रो. प्रमोद कुमार पांडेय ने प्रशिक्षुओं को विस्तृत रूप से एकेडमिक कार्ययोजना समझाई।
प्रो. उदय भान सिंह ने नियमित अध्ययन पर बल देते हुए शिक्षण पेशे में निरंतर अभ्यास को महत्वपूर्ण बताया। वहीं अशोक कुमार यादव ने परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश साझा किए, और अमित कुमार ने अनुशासन एवं समय की पाबंदी को जीवन का मूल मंत्र बताया।
शिक्षकों और कर्मचारियों की सक्रिय उपस्थिति
कार्यक्रम में पुस्तकालयाध्यक्ष सुशील कुमार सिंह, लेखाकार मेघनाथ सिंह, कर्मचारी सुधीर कुमार, संतोष कुमार पांडेय, निकिल कुमार सिंह सहित सभी शिक्षकगण और प्रशिक्षु मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम में गरिमा जोड़ दी और प्रशिक्षुओं को वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्यक्रम का समापन
समारोह का समापन प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर ने प्रशिक्षुओं के भीतर नई ऊर्जा, उत्साह और समर्पण की भावना जगाई, जो उनके बी.एड. प्रशिक्षण और आगे के शिक्षण जीवन की मजबूत नींव बनेगी।
न्यूज़ देखो: शिक्षा की नई शुरुआत, बेहतर समाज की दिशा
ऐसे स्वागत समारोह न सिर्फ नए प्रशिक्षुओं के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें शिक्षण के महत्व, जिम्मेदारी और अनुशासन के प्रति जागरूक भी बनाते हैं।
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नए सफर की प्रेरणा
शिक्षक बनने का यह रास्ता समर्पण और अनुशासन की मांग करता है। आइए, इस सकारात्मक शुरुआत को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर कर शिक्षा के महत्व को और लोगों तक पहुंचाएं।





