#रांची #सरकारीशराबदुकान : डीसी मंजूनाथ भजंत्री का बड़ा फैसला — उत्पाद विभाग के लिए 367 होमगार्ड जवानों की प्रतिनियुक्ति होगी
- रांची की 166 सरकारी शराब दुकानों के संचालन में अब प्लेसमेंट एजेंसियों की बजाय होमगार्ड जवान होंगे तैनात
- 76 विदेशी, 41 देशी और 49 कंपोजिट शराब दुकानों पर कुल 367 जवानों की जरूरत तय की गई
- रांची डीसी ने समादेष्टा को पत्र लिखकर प्रतिनियुक्ति की मांग की
- शराब दुकानों की संचालन नियमावली लागू होने में अभी दो माह का वक्त लग सकता है
- गड़बड़ी की शिकायतों के बाद प्लेसमेंट एजेंसियों को हटाने का लिया गया निर्णय
प्लेसमेंट एजेंसियों की जगह अब होमगार्ड जवान
राजधानी रांची में संचालित सरकारी शराब दुकानों की निगरानी और संचालन को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा बदलाव किया है। अब इन दुकानों का संचालन प्लेसमेंट एजेंसियों की बजाय होमगार्ड जवानों के हवाले किया जाएगा। यह कदम उत्पाद विभाग से जुड़ी दुकानों में अनियमितताओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
रांची जिले में संचालित हैं 166 खुदरा शराब दुकानें
प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, रांची जिले में 76 विदेशी शराब की दुकानें, 41 देशी शराब दुकानें और 49 कंपोजिट शराब दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों के संचालन और सुरक्षा के लिए होमगार्ड के 367 जवानों की आवश्यकता चिन्हित की गई है।
- 76 विदेशी शराब दुकानों पर प्रति दुकान 3 जवान, कुल 228 जवान
- 41 देशी शराब दुकानों पर प्रति दुकान 1 जवान, कुल 41 जवान
- 49 कंपोजिट दुकानों पर प्रति दुकान 2 जवान, कुल 98 जवान
डीसी ने होमगार्ड समादेष्टा को लिखा पत्र
रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इस निर्णय को लागू कराने के लिए होमगार्ड समादेष्टा को आधिकारिक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि उत्पाद विभाग के अंतर्गत संचालित दुकानों के संचालन के लिए होमगार्ड जवानों की प्रतिनियुक्ति जरूरी है और इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा: “शराब दुकानों के संचालन में पारदर्शिता और नियंत्रण लाने के लिए होमगार्ड जवानों की तैनाती का निर्णय लिया गया है।”
संचालन नियमावली लागू होने में लग सकता है दो माह
सूत्रों के अनुसार, शराब दुकानों की नई संचालन नियमावली को लागू करने में अभी दो महीने तक का समय लग सकता है। तब तक प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए संचालन जारी रखना उचित नहीं माना गया, क्योंकि अतीत में इन एजेंसियों से जुड़ी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
इसलिए अंतरिम समाधान के तौर पर होमगार्ड के जरिए दुकानों के संचालन की व्यवस्था की जा रही है ताकि अनियमितताओं पर रोक लग सके और प्रशासनिक नियंत्रण सुदृढ़ किया जा सके।
न्यूज़ देखो: पारदर्शिता की ओर एक साहसिक प्रशासनिक कदम
राजधानी रांची में शराब दुकानों के संचालन को लेकर उठाया गया यह कदम प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में सराहनीय पहल है। प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए लंबे समय से चली आ रही शिकायतों के बीच सरकार का यह निर्णय गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास है। न्यूज़ देखो यह अपेक्षा करता है कि इस नई व्यवस्था से व्यवस्था में सुधार आएगा और सरकारी आय को भी पारदर्शिता मिलेगी।
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सजग नागरिक ही बेहतर शासन का आधार हैं।