#हुसैनाबाद #संस्था_मौसम : समता स्कूल परिसर में साहित्य, कला और संस्कृति की संस्था ‘मौसम’ ने शोक सभा का आयोजन कर दिवंगत व्यक्तियों को किया सम्मानित
- शोक सभा का आयोजन जपला-धरहरा रोड के समीप समता स्कूल परिसर में हुआ।
- सभा में शाकिर अली की सासू माँ सैमुन निशा (65) और वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी रमण सिंह के छोटे भाई अशोक सिंह (50) के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि दी गई।
- सभा की शुरुआत दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुई।
- संस्था ‘मौसम’ के अध्यक्ष विनोद सागर ने दिवंगतों के जीवन और उनके द्वारा दिए गए मूल्य को याद किया।
- मौके पर समाजसेवी, पत्रकार और शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
- सभा में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई और ईश्वर से शांति की प्रार्थना की गई।
हुसैनाबाद के जपला-छत्तरपुर रोड स्थित समता स्कूल परिसर में साहित्य, कला और संस्कृति की प्रगतिशील संस्था ‘मौसम’ ने शोक सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर संस्था के सदस्यों ने शाकिर अली की सासू माँ सैमुन निशा और हुसैनाबाद के वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी रमण सिंह के छोटे भाई अशोक सिंह के आकस्मिक निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा की शुरुआत दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुई।
सभा में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
शोक सभा में अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें अधिवक्ता आलोक कुमार, ‘अरण्य वाणी’ के संपादक और संस्था ‘मौसम’ के अध्यक्ष विनोद सागर, सांसद प्रतिनिधि श्रवण कुमार अग्रवाल, जपला पोस्ट ऑफिस के वरिष्ठ कर्मी रंजीत कुमार सिंह, समता स्कूल के निदेशक सह प्रधानाचार्य अक्षय कुमार चौहान, युवा पत्रकार विकास कुमार, समाजसेवी इम्तियाज आलम, संस्था ‘मौसम’ के सचिव मनोज कुमार प्रजापति शामिल थे। इसके अतिरिक्त विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं जैसे सुधांशु कुमार, विकास कुमार, पंकज कुमार, मुकेश कुमार, रीना कुमारी, अंजली सिंह, कार्तिक सिंह, अंशी कुमारी सिंह, चाँदनी कुमारी आदि उपस्थित रहे।
अध्यक्ष ने व्यक्त किए भाव और संदेश
इस अवसर पर संस्था ‘मौसम’ के अध्यक्ष विनोद सागर ने कहा:
“जीवन की यात्रा क्षणभंगुर है, लेकिन व्यक्ति अपने कर्म और संस्कारों से अमर हो जाता है। सैमुन निशा एक आदर्श महिला थीं, जिन्होंने अपने परिवार को संस्कार और धैर्य का आधार दिया। वहीं अशोक सिंह का अचानक चला जाना हम सबके लिए गहरी पीड़ा है। वे अपने सरल स्वभाव और मिलनसारिता से सबके प्रिय थे। आज हम केवल उनके जाने का शोक ही नहीं मना रहे, बल्कि उनके जीवन से मिले मूल्य और प्रेरणा को भी याद कर रहे हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति और शोकाकुल परिवारों को धैर्य प्रदान करें।”
श्रद्धांजलि और सामाजिक संदेश
शोक सभा ने केवल दिवंगत व्यक्तियों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर ही नहीं दिया, बल्कि उनके जीवन से मिलने वाली सीख और सामाजिक योगदान को भी याद दिलाया। संस्था ‘मौसम’ ने इस अवसर पर यह संदेश दिया कि सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखना और उन्हें आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
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इस सभा ने दिखाया कि समाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं व्यक्तिगत दुःख में भी लोगों के साथ खड़ी रहती हैं। यह घटना समाज में एकजुटता और संवेदनशीलता की भावना को मजबूत करती है।
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संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश
दिवंगतों की याद में आयोजित यह सभा हमें याद दिलाती है कि जीवन अस्थायी है, पर अच्छे कर्म और सामाजिक योगदान स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं। हम सभी को चाहिए कि अपने समुदाय में संवेदनशीलता और सहयोग की भावना बनाए रखें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भागीदार बनें।