#लातेहार #गांवकीसमस्या : नदी पर पुल न बनने से बरसात में कट जाता है संपर्क, पानी और बिजली की सुविधा भी अधूरी
- बेलवार नदी पर पुल का निर्माण अब तक अधूरा।
- बरसात में गांव का संपर्क पूरी तरह टूट जाता है।
- 70 घरों के लोग अब भी नदी के पानी पर निर्भर।
- चंपाकल और सोलर जलमीनार लंबे समय से खराब।
- गांव में बिजली, सड़क और स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा नहीं।
लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड का बेलवार गांव आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। लगभग 70 घरों वाले इस गांव के लोग हर बरसात में सबसे अधिक कठिनाई झेलते हैं। यहां से होकर गुजरने वाली बेलवार नदी पर पुल का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है। बरसात में जब नदी उफान पर होती है, तो गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह टूट जाता है।
मरीजों को कंधे पर ले जाना पड़ता है
ग्रामीण बताते हैं कि आपात स्थिति में मरीजों को कंधे पर उठाकर छह किलोमीटर दूर पैदल ले जाना पड़ता है। कई बार बीमारों की जान पर भी खतरा मंडराता है। ग्रामीणों की मानें तो पुल निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन प्रशासन और विभाग की अनदेखी ने हालात जस के तस बनाए रखे हैं।
पानी की गंभीर समस्या
गांव में पेयजल की समस्या भी विकराल है। लगाए गए चंपाकल और सोलर जलमीनार लंबे समय से खराब पड़े हैं। इस कारण ग्रामीण आज भी नदी के पानी पर निर्भर हैं। बरसात के दिनों में गंदा पानी पीने से लोग अक्सर बीमार हो जाते हैं। स्वच्छ पानी की व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी है।
बिजली और सड़क का अभाव
बेलवार गांव न केवल पानी बल्कि बिजली, सड़क और स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम है। गांव की महिलाएं और बुजुर्ग कहते हैं कि सरकार और विभाग विकास की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि बेलवार जैसे गांव अंधेरे और बदहाली में जी रहे हैं।
ग्रामीणों की गुहार
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पुल और स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जाए, ताकि उनका जीवन आसान हो सके। उनका कहना है कि यदि पुल का निर्माण हो जाए और पेयजल की समस्या दूर की जाए तो वे भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
न्यूज़ देखो: विकास के वादों की असली तस्वीर
बेलवार गांव की स्थिति इस बात का सबूत है कि विकास की रोशनी आज भी कई गांवों तक नहीं पहुंची है। पुल, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीण इंतजार कर रहे हैं कि सरकार उनकी सुध ले।
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अब गांवों की आवाज बनें
बेलवार जैसे गांव की बदहाली हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या विकास केवल कागजों तक सीमित है। अब समय है कि हम सब इस मुद्दे पर आवाज उठाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें ताकि जिम्मेदार लोग कार्रवाई करने को मजबूर हों।