#गुमला #जलसंकट : सदान बस्ती में आठ महीने से पानी की टंकी खराब रहने पर ग्रामीणों ने प्रशासन से मरम्मत की मांग उठाई
- डुमरी प्रखंड के मझगांव पंचायत के सदान बस्ती में 8 महीने से पानी की टंकी खराब।
- लाखों की लागत से बनी योजना, शुरुआती महीनों के बाद हुई ठप।
- ग्रामीणों को जल संकट, चापाकल और जलमीनारों पर लंबी कतारें।
- शिवराज कुमार और बादा खेरवार ने प्रशासन की उदासीनता पर जताई नाराजगी।
- पूरे डुमरी प्रखंड के कई गांवों में हर घर जल योजना बदहाल, कहीं पाइपलाइन अधूरी तो कहीं टंकी बेकार।
डुमरी प्रखंड का सदान बस्ती आज भीषण जल संकट से जूझ रहा है। ‘हर घर जल’ योजना के तहत लाखों की लागत से बनी पानी की टंकी पिछले आठ महीनों से खराब पड़ी है। शुरुआती चार-पांच महीने तक ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिला, लेकिन उसके बाद टंकी बंद हो गई और आज तक उसकी मरम्मत नहीं हो सकी। नतीजा यह है कि लोग अब बूंद-बूंद पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं।
खराब टंकी से बढ़ी दिक्कत
पानी की टंकी ठप होने के बाद ग्रामीणों की निर्भरता केवल एक-दो पुरानी जलमीनारों और कुछ चापाकलों पर रह गई है। सुबह होते ही पानी भरने के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं और कई बार विवाद भी हो जाते हैं।
स्थानीय निवासी शिवराज कुमार ने कहा: “जब तक टंकी चालू थी, पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो गई थी, लेकिन अब स्थिति बेहद खराब हो गई है।”
ग्रामीणों का आक्रोश
ग्रामीणों ने कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई है।
बादा खेरवार ने कहा: “लगता है प्रशासन को हमारी समस्या से कोई सरोकार ही नहीं है। कई बार सूचना देने के बाद भी कोई अधिकारी यहां देखने नहीं आया।”
डुमरी प्रखंड में आम हालात
सदान बस्ती ही नहीं, डुमरी प्रखंड के कई अन्य गांव भी ‘हर घर जल’ योजना की लापरवाही का शिकार हैं। कहीं पाइपलाइन बिछाकर छोड़ दी गई है लेकिन पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई, तो कहीं नवनिर्मित टंकियां कुछ ही महीनों में खराब हो गईं। इस महत्वाकांक्षी योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और उदासीनता का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।
जिम्मेदारों की चुप्पी पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी और जल संकट के बावजूद प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। मरम्मत कार्य तक नहीं कराया जा रहा। अब देखना होगा कि इस खबर के सामने आने के बाद अधिकारी कब जागते हैं।

न्यूज़ देखो: योजनाओं की पोल खोलती हकीकत
‘हर घर जल’ जैसी बड़ी योजना का जमीनी हाल यह बताता है कि केवल घोषणा और बजट से जनता की समस्या हल नहीं होती। जब तक निगरानी और जवाबदेही नहीं होगी, तब तक करोड़ों की योजनाएं भी व्यर्थ साबित होती रहेंगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग रहें और हक की मांग करें
पानी हर इंसान का मूल अधिकार है। अब समय है कि ग्रामीण संगठित होकर प्रशासन से जवाब मांगें और जिम्मेदार अधिकारी तुरंत समाधान सुनिश्चित करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और पानी की समस्या पर जागरूकता फैलाएँ।