
#हैदरनगर #लकड़ी_तस्करी : पैसेंजर ट्रेन में बिना कागजात लकड़ी ढुलाई, प्रशासनिक निगरानी पर उठे गंभीर प्रश्न
- 53611 पैसेंजर ट्रेन से बिना वैध कागजात के लकड़ी ढुलाई का आरोप।
- बरवाडीह से डेहरी ऑन सोन रूट पर लंबे समय से जारी है अवैध परिवहन।
- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेन में खुलेआम लकड़ी लोडिंग।
- रेलवे और वन विभाग की निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े।
- अवैध कटाई जारी रही तो पर्यावरण को गंभीर खतरा।
हैदरनगर/पलामू (झारखंड): रेलवे ट्रेनों के माध्यम से लकड़ी की कथित अवैध तस्करी ने वन सुरक्षा प्रणाली और रेलवे प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बरवाडीह से डेहरी ऑन सोन जाने वाली ट्रेन संख्या 53611 पैसेंजर में बिना किसी वैध कागजात के भारी मात्रा में लकड़ी ढोए जाने की जानकारी सामने आई है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह गतिविधि कोई नई नहीं, बल्कि लंबे समय से इसी मार्ग पर जारी है, जिसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई दिखाई नहीं देती।
खुलेआम लकड़ी लोडिंग से मिलीभगत की आशंका
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेन के डिब्बों में लकड़ी को खुलेआम लोड किया जा रहा है, मानो यह सामान्य गतिविधि हो। इससे यह शक और गहरा होता है कि अवैध कारोबारी बिना किसी भय के रेलवे परिसर में लकड़ी चढ़ा रहे हैं और संभवतः कुछ स्तरों पर मिलीभगत भी हो सकती है। लोगों का कहना है कि जब साधारण यात्री टिकट नहीं होने पर रेल प्रशासन के कड़े रुख का सामना करता है, तो फिर बिना कागजात लकड़ी ढुलाई पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?
वन विभाग और रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस पूरे मामले ने वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था और रेलवे की निगरानी प्रणाली की कमियों को उजागर कर दिया है। वन क्षेत्रों में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुँच रहा है, और यदि इस अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले समय में जंगलों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायतें करने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पर्यावरण के लिए बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार अवैध लकड़ी तस्करी न सिर्फ जंगलों को खत्म कर रही है, बल्कि स्थानीय जैव-विविधता पर भी गहरा असर डाल रही है। इसी कारण जरूरत है कि रेलवे और वन विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाकर ऐसे कारनामों पर पूरी तरह अंकुश लगाएँ।


न्यूज़ देखो: निगरानी की कमी ने बढ़ाई तस्करी की राह
यह घटना साफ दर्शाती है कि सुरक्षा और निगरानी में भारी चूक है। यदि अधिकारी समय रहते सख्ती नहीं दिखाते, तो तस्करों का हौसला और बढ़ेगा।
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अवैध कटाई रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है।
अपने क्षेत्र में हो रही तस्करी की सूचना प्रशासन तक पहुँचाएँ।
पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का नहीं, समाज का भी कर्तव्य है।
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