
#अलखरीखुर्द #प्रवासीमजदूर : दुबई में आंख में गंभीर चोट लगने के बाद सरकारी हस्तक्षेप से दशरथ महतो की घर वापसी हुई सुनिश्चित
- दशरथ महतो, अलखरी खुर्द निवासी प्रवासी मजदूर की दुबई से वापसी।
- 6 सितंबर 2025 को शानक्सी कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग ग्रुप में काम के दौरान आंख में चोट लगी।
- सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सरकार से मदद की लगाई थी गुहार।
- कंपनी ने आश्वासन के साथ बकाया मजदूरी व इलाज राशि देने पर किया सहमति।
- डॉक्टरों ने इलाज के लिए शंकर नेत्रालय चेन्नई या कोलकाता भेजने की सलाह दी।
- प्रवासी हित कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने स्थिति जानकर की ठोस नीति की मांग।
हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अलखरी खुर्द निवासी प्रवासी मजदूर दशरथ महतो लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार वतन लौट आए। दुबई में कार्यरत रहते हुए बीते 6 सितंबर 2025 को शानक्सी कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी में काम करते समय उनकी आंख में गंभीर चोट लग गई थी। चोट के बाद मिली सीमित चिकित्सा सुविधा और बढ़ते संकट के बीच उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर केंद्र एवं राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। सरकार की सक्रियता के बाद कंपनी ने उन्हें बकाया मजदूरी और उपचार में खर्च होने वाली राशि देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद उनकी वतन वापसी संभव हो सकी। घर लौटने पर जब उन्होंने आंख के विशेषज्ञ से परामर्श लिया, तो डॉक्टरों ने चोट की गंभीरता देखते हुए शंकर नेत्रालय चेन्नई या कोलकाता में उच्चस्तरीय इलाज कराने की सलाह दी।
कैसे हुआ हादसा और क्यों पड़ा मदद का सहारा लेना
दशरथ महतो दुबई में बेहतर भविष्य और परिवार की आजीविका के लिए मजदूरी का काम कर रहे थे। शानक्सी कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी में कार्यरत रहते हुए 6 सितंबर को निर्माण स्थल पर अचानक तेज़ चोट उनकी आंख पर आ लगी। प्रारंभिक इलाज के बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ और कंपनी से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने पर उन्हें अपनी पीड़ा को सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक करना पड़ा। वीडियो जारी होते ही हजारीबाग से लेकर राज्य स्तर तक प्रशासनिक हलचल शुरू हुई और प्रवासी भारतीयों से जुड़े विभागों ने कंपनी से संपर्क साधा।
कंपनी ने दी मजदूरी और इलाज राशि देने की सहमति
सरकारी प्रयासों के चलते कंपनी ने न केवल उनकी बकाया मजदूरी देने का आश्वासन दिया, बल्कि चिकित्सा खर्च का भी निर्वाह करने की बात मान ली। हालांकि, वतन वापसी के बाद भी उनकी आंख की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और स्थानीय डॉक्टरों ने उन्नत नेत्र चिकित्सा केंद्रों में तुरंत इलाज कराने की सलाह दी है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह इलाज उनके लिए चुनौतीपूर्ण है।
परिवार के इकलौते सहारे हैं दशरथ महतो
दशरथ महतो अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं। उनके बूढ़े माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे — विजय कुमार (17), अजय कुमार (15) और पम्मी कुमारी (13) — पूरी तरह उन्हीं पर निर्भर हैं। चोट के बाद उनकी काम करने की क्षमता पर उठे सवालों ने परिवार की चिंता और बढ़ा दी है। आर्थिक मजबूरियों के बीच अब पूरा परिवार उनकी जिंदगी और दृष्टि दोनों को लेकर चिंतित है।
प्रवासी हित कार्यकर्ता सिकन्दर अली की चिंता
घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रवासी मजदूरों के हित में सक्रिय समाजसेवी सिकन्दर अली ने दशरथ महतो से मुलाकात की और उनकी स्थिति को गंभीर बताया।
सिकन्दर अली ने कहा: “रोजी-रोटी के लिए लाखों मजदूर विदेशों में जाते हैं, लेकिन हादसों के समय उन्हें कंपनी की ओर से मदद मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए सरकार को ठोस और सख्त नीति बनानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि हजारों प्रवासी मजदूर हर साल ऐसी स्थितियों का सामना करते हैं और मजबूरी में चुप्पी साध लेते हैं।
न्यूज़ देखो: प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर गंभीरता जरूरी
दशरथ महतो का मामला यह दिखाता है कि विदेशों में कार्यरत भारतीय मजदूर कितने जोखिम में काम करते हैं। कंपनियों द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन न करना और हादसों के बाद सहायता से किनारा करना बड़ी समस्या है। सरकार ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई, लेकिन ऐसे मामलों को रोकने के लिए दीर्घकालीन नीति की आवश्यकता है। प्रवासी मजदूर देश की अर्थव्यवस्था और परिवारों दोनों का आधार हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
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प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा हमारी साझा जिम्मेदारी
दशरथ महतो की पीड़ा केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं बल्कि हजारों परिवारों की वास्तविकता है। हमें यह समझना होगा कि विदेश में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा राष्ट्र और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। आइए, ऐसी घटनाओं को बदलने के लिए हम जागरूक नागरिक के रूप में आगे आएं। अपनी राय कमेंट कर साझा करें, इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए जनसमर्थन को मजबूत बनाएं।





