
#सिमडेगा #शहरी_विकास : उपायुक्त कंचन सिंह के नेतृत्व में जर्जर और अंधेरी सड़क का कायाकल्प — सुरक्षित आवागमन और स्मार्ट सिटी जैसी अनुभूति
- अल्बर्ट एक्का स्टेडियम से सिमडेगा कॉलेज तक सड़क का पूर्ण कायाकल्प।
- उपायुक्त कंचन सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की पहल।
- बाजार टांड़ जैसे व्यस्त क्षेत्र में बेहतर रोशनी से व्यापार को लाभ।
- सड़क किनारे सोलर स्ट्रीट लाइट की स्थापना।
- रात में दुर्घटना की आशंका में कमी, आवागमन हुआ सुरक्षित।
सिमडेगा शहर की एक प्रमुख और व्यस्त सड़क, जो लंबे समय तक बदहाली और अंधेरे की पहचान बनी हुई थी, अब विकास और आधुनिकता की मिसाल बनकर उभरी है। अल्बर्ट एक्का स्टेडियम से लेकर बाजार टांड़ होते हुए सिमडेगा कॉलेज तक जाने वाली इस सड़क का जिला प्रशासन द्वारा व्यापक कायाकल्प किया गया है। उपायुक्त सिमडेगा कंचन सिंह के नेतृत्व में हुए इस कार्य ने न केवल सड़क की दशा बदली है, बल्कि शहरवासियों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवागमन का भरोसा भी दिया है। यह पहल शहरी विकास और नागरिक सुविधाओं को प्राथमिकता देने की प्रशासनिक सोच को दर्शाती है।
पहले बदहाली की तस्वीर, अब विकास की पहचान
कुछ समय पहले तक यह मार्ग गड्ढों, टूटे हिस्सों और असमान सतह के कारण राहगीरों व वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना रहता था। बरसात के दिनों में कीचड़ और जलजमाव से स्थिति और गंभीर हो जाती थी। शाम ढलते ही सड़क पर अंधेरा छा जाता था, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी। खासकर छात्र-छात्राएं, बुजुर्ग और महिलाएं इस मार्ग पर चलने में असहज महसूस करते थे।
जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों की समस्याओं और शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इस सड़क के समग्र सुधार की योजना बनाई। इसके तहत पुराने और जर्जर हिस्सों को हटाकर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराया गया, जिससे सड़क अब सुगम, मजबूत और टिकाऊ बन सकी है।
सोलर स्ट्रीट लाइट से बढ़ी सुरक्षा और सुविधा
सड़क निर्माण के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण पहल रही सोलर स्ट्रीट लाइट की स्थापना। सड़क के दोनों किनारों पर लगी ये लाइटें न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि ऊर्जा की बचत के साथ निरंतर रोशनी भी प्रदान कर रही हैं। अब रात के समय यह मार्ग पूरी तरह रोशन रहता है, जिससे वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को स्पष्ट दृश्यता मिलती है।
विशेष रूप से बाजार टांड़ क्षेत्र में रोशनी बढ़ने से देर शाम तक व्यापारिक गतिविधियां सुचारु रूप से चल पा रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि पहले अंधेरे के कारण ग्राहकों की आवाजाही कम हो जाती थी, लेकिन अब माहौल सुरक्षित और सक्रिय नजर आता है।
छात्रों और स्थानीय निवासियों को बड़ा लाभ
सिमडेगा कॉलेज तक जाने वाली यह सड़क प्रतिदिन सैकड़ों छात्र-छात्राओं द्वारा उपयोग की जाती है। नई सड़क और बेहतर प्रकाश व्यवस्था से अब कॉलेज आने-जाने में समय की बचत हो रही है और सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है। आसपास के मोहल्लों में रहने वाले लोगों के लिए भी यह मार्ग अब सुविधा और राहत का कारण बन गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क के सुधरने से न केवल आवागमन आसान हुआ है, बल्कि इलाके की समग्र छवि भी निखरी है। पहले जो रास्ता परेशानी का कारण था, वही अब शहर के विकास का प्रतीक बनता जा रहा है।
प्रशासनिक नेतृत्व और योजना का असर
इस पूरे कार्य में जिला प्रशासन की सक्रिय भूमिका और उपायुक्त कंचन सिंह के नेतृत्व की सराहना की जा रही है। सड़क निर्माण और सोलर लाइट जैसी सुविधाओं को एक साथ जोड़कर प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि विकास केवल निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा, सुविधा और भविष्य को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
यह पहल आने वाले समय में अन्य सड़कों और क्षेत्रों के लिए भी उदाहरण बन सकती है। स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे हैं कि इसी तरह शहर के अन्य हिस्सों में भी आधारभूत सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा।
न्यूज़ देखो: शहरी विकास की दिशा में मजबूत कदम
सिमडेगा में सड़क और प्रकाश व्यवस्था का यह कायाकल्प बताता है कि योजनाबद्ध और संवेदनशील प्रशासनिक पहल से शहरों की तस्वीर बदली जा सकती है। यह खबर दर्शाती है कि नागरिक समस्याओं को प्राथमिकता देने से विकास सीधे लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। जिला प्रशासन की इस पहल ने न केवल सुविधा बढ़ाई है, बल्कि सुरक्षा और विश्वास भी मजबूत किया है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित शहर, सशक्त नागरिक
जब सड़कें सुरक्षित होती हैं, तो शहर आगे बढ़ता है और नागरिकों का भरोसा मजबूत होता है। सिमडेगा की यह बदली हुई सड़क हमें बताती है कि सकारात्मक बदलाव संभव है, बशर्ते प्रशासन और समाज मिलकर काम करें।





