
#पलामू #ग्रामीणसड़क : बरसात के बाद मुख्य मार्ग में बने गड्ढों से बढ़ी मुश्किलें – स्कूली बच्चों और मरीजों को झेलनी पड़ रही है भारी परेशानी
- पाण्डु प्रखंड के तीसीबार कला पंचायत में मसूरिया टीकर जाने वाला मुख्य रास्ता पूरी तरह जर्जर हो गया है।
- बरसात के बाद सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ जमने से आवागमन ठप हो गया है।
- स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचने और मरीजों को अस्पताल ले जाने में भारी परेशानी हो रही है।
- ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- लोगों ने सड़क की तुरंत मरम्मत और निर्माण की मांग की है।
पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड अंतर्गत तीसीबार कला पंचायत का मसूरिया टीकर मार्ग इन दिनों पूरी तरह बदहाल हो चुका है। बरसात खत्म हो जाने के बावजूद सड़क पर जगह-जगह पानी और कीचड़ जमा है, जिससे लोगों का आवागमन कठिन हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की यह स्थिति पिछले कई महीनों से बनी हुई है, लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
जर्जर सड़क से बढ़ी ग्रामीणों की परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के बाद से सड़क पर बने गड्ढे इतने गहरे हो चुके हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। मोटरसाइकिल या ऑटो चलाना जोखिम भरा हो गया है। कई जगहों पर तो सड़क पूरी तरह किचड़ में तब्दील हो गई है। इस वजह से बच्चों को स्कूल जाने, किसानों को अपनी फसलें बाजार तक पहुंचाने, और मरीजों को अस्पताल ले जाने में भारी कठिनाई हो रही है।
ग्रामीण तुराब अंसारी ने बताया —
तुराब अंसारी ने कहा: “अगर किसी की तबियत बिगड़ जाती है तो मरीज को खाट पर ले जाना पड़ता है। इस रास्ते पर गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं, कभी भी पलट सकती है।”
यह स्थिति बताती है कि इलाके में सड़क मरम्मत कार्य की अनदेखी लंबे समय से जारी है। कई ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग से पाण्डु मुख्य बाजार तक पहुंचना अब किसी चुनौती से कम नहीं रहा।
स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी
गांव के लोगों का कहना है कि इस जर्जर मार्ग से रोजाना सैकड़ों बच्चे स्कूल जाते हैं। गड्ढों और फिसलन भरी मिट्टी के कारण वे अक्सर गिरकर घायल हो जाते हैं। बरसात के बाद रास्ते में जमा गंदे पानी से संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। बुजुर्गों और महिलाओं को पैदल चलने में कठिनाई हो रही है।
ग्रामीण हसीब अंसारी, सफीक अंसारी, मनदीप, कमलेश प्रजापति, अर्जुन पानपति देवी समेत कई लोगों ने बताया कि उन्होंने इस सड़क की मरम्मत के लिए प्रशासन को बार-बार आवेदन दिया, लेकिन आज तक कोई अधिकारी कार्रवाई करने नहीं आया।
वर्षों से अधर में लटका सड़क निर्माण प्रस्ताव
स्थानीय लोगों ने बताया कि तीसीबार कला से मसूरिया टीकर तक सड़क निर्माण की योजना कई बार ब्लॉक स्तर की बैठकों में प्रस्तावित की गई थी। मगर हर बार मामला सिर्फ कागजों में ही रह गया। सड़क की दुर्दशा के कारण इलाके के किसान अपनी फसलों को बाजार तक नहीं ले जा पा रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि जब तक इस सड़क का निर्माण नहीं होता, तब तक यह क्षेत्र विकास से कोसों दूर रहेगा। उनका कहना है कि “सरकार सड़क सुधार पर योजनाएं बनाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर उसका असर नहीं दिखता।”
प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद
लोगों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे तत्काल इस सड़क की मिट्टी और कीचड़ की सफाई कर मरम्मत कार्य शुरू कराएं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कदम नहीं उठाया गया, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए ताकि बच्चों, मरीजों और आम लोगों की परेशानी कम हो सके।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण विकास की राह पर टूटी सड़कें
यह खबर बताती है कि सड़क जैसी बुनियादी सुविधा की कमी किस तरह से ग्रामीण जीवन को प्रभावित करती है। एक तरफ सरकार गांव-गांव विकास की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसी सड़कों की स्थिति इस वादे को खोखला साबित करती है। पलामू प्रशासन को चाहिए कि इस मुद्दे को प्राथमिकता में लेकर तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कराए।
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