
#जारी #आईटीआईसड़कसंकट — बारिश में कीचड़ से लथपथ सड़क से छात्र और ग्रामीण हो रहे परेशान
- जारी प्रखंड में ITI तक पक्की सड़क का अभाव
- बारिश में सड़क कीचड़ से भर जाती है, चलना मुश्किल
- छात्रों को गिरते-पड़ते आना-जाना पड़ता है
- जनता दरबार और BDO को कई बार दिया गया आवेदन
- लाखों खर्च कर बना ITI, लेकिन सड़क आज भी कच्ची
परमवीर अल्बर्ट एक्का की धरती पर विकास अधूरा
गुमला (जारी): भारत ने अपनी आज़ादी के 78 वर्ष पूरे कर लिए हैं, और इस दौरान देश ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं — चाहे वह चांद तक पहुंचना हो या विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण। लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के बीच झारखंड के जारी प्रखंड, जो कि परमवीर चक्र विजेता लायंस नायक अल्बर्ट एक्का की जन्मस्थली है, आज भी बुनियादी सड़क सुविधा के लिए तरस रहा है।
कच्ची सड़क, कीचड़ और परेशानी
जारी प्रखंड में बने आईटीआई संस्थान तक पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग से एक मात्र कच्ची सड़क है। बरसात आते ही यह सड़क कीचड़ से लथपथ हो जाती है और स्थिति ऐसी बन जाती है जैसे खेत में चल रहे हों। छात्र-छात्राओं को गिरते-पड़ते आना-जाना पड़ता है। दोपहिया वाहनों की तो बात ही छोड़िए, पैदल चलना तक दूभर हो जाता है।
स्थानीय ग्रामीण पीटर बेक ने कहा: “हमने कई बार सड़क की मांग की, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।”
लाखों खर्च का संस्थान, सुविधा फिर भी अधूरी
सरकार द्वारा लाखों-करोड़ों की लागत से आईटीआई निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन संस्थान तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बनी। यह विडंबना है कि जहाँ युवाओं को तकनीकी शिक्षा दी जा रही है, वहाँ पहुंचना ही सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।
ग्रामीणों की व्यथा, प्रशासन तक नहीं पहुँची सुनवाई
ग्रामीण पवन टोप्पो, रोशन कुजूर, जोहन तिर्की और रोजालिया तिर्की ने बताया कि उन्होंने जनता दरबार और तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी को कई बार आवेदन दिया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। वे जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस सड़क का पक्कीकरण किया जाए ताकि आईटीआई जाने वाले छात्र-छात्राओं और आम लोगों को राहत मिल सके।



न्यूज़ देखो: जहां सम्मान का प्रतीक हो, वहाँ सुविधा भी हो
जारी जैसे ऐतिहासिक स्थल पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव प्रशासनिक लापरवाही का द्योतक है। जहां देश ने अपने परमवीर को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रखंड की स्थापना की, वहीं उस प्रखंड की आईटीआई तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क तक न बनाना विकास की पोल खोलता है। ‘न्यूज़ देखो’ ऐसे मुद्दों को उजागर करता रहेगा ताकि हर जिम्मेदार संस्था अपनी भूमिका निभाए।
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अब समय है कि हम मिलकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। हर गांव, हर स्कूल और हर संस्थान तक पक्की सड़क पहुंचे, यह हमारा अधिकार है। आप इस खबर पर अपनी राय दें, रेट करें और इसे उन तक पहुँचाएं जिन्हें इस बदलाव की सबसे ज़रूरत है।