
#महुआडांड़ #कांवड़_यात्रा : सावन अमावस्या पर होगा अद्भुत धार्मिक उत्सव—हजारों श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
- 24 जुलाई को बूढ़ा घाघ जलप्रपात से सरना धाम तक कांवड़ यात्रा का आयोजन।
- हिंदू महासभा, बजरंग दल और मानस मणि दीप सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन।
- श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त आवास, भोजन और वाहन सुविधा की व्यवस्था।
- यात्रा मार्ग में भंडारे व जल सेवा की व्यापक तैयारी।
- सरना धाम में विशाल भंडारे का आयोजन, हजारों भक्तों की उम्मीद।
कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व और तारीख
सावन मास की पावन अमावस्या पर हर साल की तरह इस बार भी महुआडांड़ से सरना धाम तक भव्य कांवड़ यात्रा निकलेगी। 24 जुलाई (गुरुवार) को यह यात्रा बूढ़ा घाघ जलप्रपात से शुरू होकर सरना धाम में जलाभिषेक के साथ संपन्न होगी। इस यात्रा के दौरान भक्त ‘बोल बम! हर हर महादेव!’ के जयघोष से वातावरण को शिवमय करेंगे।
आयोजकों की तैयारी और प्रबंध
यह यात्रा महुआडांड़ हिंदू महासभा, बजरंग दल महुआडांड़ और मानस मणि दीप सेवा संस्थान के संयुक्त प्रयास से हो रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं।
- महुआडांड़ दुर्गा बाड़ी में रात्रि विश्राम करने वाले भक्तों के लिए मुफ्त आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध होगी।
- रास्ते में सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा भंडारा और जल सेवा की व्यवस्था की गई है।
- शिव शक्ति संघ महुआडांड़ ने बोहटा में विशेष भोजन की व्यवस्था की है।
- यात्रा के अंतिम पड़ाव सarna धाम में मानस मणि दीप सेवा संस्थान द्वारा विशाल भंडारा आयोजित होगा।
वाहनों और रूट की विशेष व्यवस्था
उन श्रद्धालुओं के लिए जो चारपहिया वाहन या टेम्पो से यात्रा करना चाहते हैं, बजरंग दल महुआडांड़ ने विशेष व्यवस्था की है। इच्छुक श्रद्धालु बुधवार तक अपना नाम दर्ज कर वाहन नंबर प्राप्त कर सकते हैं। आयोजकों ने स्पष्ट अपील की है कि लोग यात्रा में शामिल होकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।
श्रद्धालुओं से अपील
बजरंग दल महुआडांड़, महुआडांड़ हिंदू महासभा और मानस मणि दीप सेवा संस्थान ने क्षेत्रवासियों से आग्रह किया है कि वे अपने प्रतिष्ठान बंद रखें और इस धार्मिक आयोजन में तन-मन-धन से सहभागी बनें। आयोजकों का कहना है कि यह केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और आस्था का प्रतीक है।
न्यूज़ देखो: आस्था और आयोजन की मिसाल
महुआडांड़ से सरना धाम तक होने वाली यह कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में सहयोग, समर्पण और एकजुटता का अद्भुत उदाहरण है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं, वह इस क्षेत्र में सामूहिक सहभागिता की मिसाल पेश करती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था की डोर हमें जोड़ती है शिवभक्ति की ओर मोड़ती है
सावन की यह पावन यात्रा हमें सिखाती है कि जब समाज मिलकर कार्य करता है, तो आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामुदायिक शक्ति का प्रतीक बन जाता है। आइए, इस भव्य कांवड़ यात्रा में सहभागी बनें, अपने विचार कमेंट करें, खबर को शेयर करें, और इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ जरूर साझा करें।