
#पलामू #संदिग्धमौत : ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन ने की कार्रवाई — पोस्टमॉर्टम से खुलेगा असगरी खातून की मौत का रहस्य
- पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के होटवार गांव में कब्र से दो दिन बाद युवती का शव निकाला गया
- मृतका की पहचान 18 वर्षीय असगरी खातून, पिता अनवर अंसारी के रूप में हुई
- ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी सूचना कि शव जल्दबाजी में दफनाया गया था
- मौके पर बीडीओ, सीओ, पुलिस अधिकारी, महिला बल और ग्रामीण मौजूद रहे
- पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर हत्या या आत्महत्या की जांच शुरू की
सनसनीखेज मामला — कब्रिस्तान में दो दिन बाद शुरू हुई हलचल
पलामू जिला के पांकी प्रखंड अंतर्गत केल्हवा पंचायत के ग्राम होटवार में बुधवार को माहौल उस वक्त गमगीन और तनावपूर्ण बन गया जब 18 वर्षीय युवती असगरी खातून का शव कब्रिस्तान से दो दिन बाद निकाला गया। ग्रामीणों के बीच यह खबर आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते सैकड़ों लोग मौके पर जुट गए।
सूत्रों के मुताबिक, असगरी खातून, अनवर अंसारी की पुत्री थी और उसकी मौत दो दिन पहले हुई थी। परिवार वालों ने शव को बिना प्रशासनिक सूचना के जल्दबाजी में दफना दिया था, जिससे ग्रामीणों में शक की स्थिति बन गई। कई लोगों ने इसे संदिग्ध बताते हुए पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया।
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
सूचना मिलते ही पांकी बीडीओ सह सीओ ललित प्रसाद सिंह, पिपराटांड़ थाना के एसआई रामेश्वर बरी, एएसआई रामचंद्र सिंह, ललन दास, महिला पुलिस बल और आईआरबी जवानों की टीम गांव पहुंची। वहां स्थानीय मुखिया, सरपंच, परिजन और ग्रामीणों की मौजूदगी में कब्र की खुदाई कर शव निकाला गया। पूरी प्रक्रिया को प्रशासनिक निगरानी में पूरा किया गया ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
बीडीओ ललित प्रसाद सिंह ने कहा: “मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट होंगे।”
हत्या या आत्महत्या — सस्पेंस बरकरार
अब तक की जांच में यह साफ नहीं हो पाया है कि मामला हत्या का है या आत्महत्या का। ग्रामीणों के मुताबिक, युवती की मौत संदिग्ध परिस्थिति में हुई थी। कुछ लोगों ने इसे घरेलू विवाद से जुड़ा मामला बताया, तो कुछ ने प्रेम प्रसंग या दबाव की संभावना जताई है। प्रशासन सभी संभावित कोणों से जांच कर रहा है ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके।
स्थानीय ग्रामीण ने बताया: “लड़की की मौत के बाद शव को बहुत जल्दी दफनाया गया। यही वजह थी कि गांव में शक की लहर दौड़ गई।”
परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश, गांव में चर्चा तेज
घटना के बाद से होटवार गांव में चर्चा का माहौल है। कई ग्रामीण प्रशासन की तत्परता की सराहना कर रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि इस तरह के मामलों में सामाजिक निगरानी जरूरी है ताकि कोई निर्दोष न फंस सके और कोई अपराधी बच न पाए। परिजनों ने भी कहा है कि वे न्यायिक जांच की मांग करेंगे।
न्यूज़ देखो: सच्चाई की कब्र से उठती पुकार
यह मामला प्रशासनिक सतर्कता और जनता की जागरूकता दोनों का उदाहरण है। ग्रामीणों की सूचना और प्रशासन की तत्परता से एक संभावित अपराध की जांच का रास्ता खुला है। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही तय होगा कि यह आत्महत्या का मामला है या किसी सुनियोजित हत्या का।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समाज को जगाने वाली घटनाएं — बने सजग नागरिक
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सामूहिक जागरूकता ही न्याय का आधार बन सकती है। यदि किसी को भी अपने आसपास संदिग्ध घटनाएं दिखें, तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें।
👉 अपनी राय कमेंट में साझा करें।
📢 इस खबर को अपने दोस्तों और परिवार तक जरूर पहुँचाएँ — ताकि हर नागरिक सचेत और जिम्मेदार बन सके।





