#सिसई #फायरिंग_मारपीट : खिदवा टोली निवासी युवक पर बालू माफियाओं का हमला, गोलीबारी से क्षेत्र में दहशत फैल गई
- सिसई प्रखंड में आदिवासी युवक पर मारपीट और फायरिंग की घटना।
- तिजवा उरांव ने अपनी जमीन पर अवैध बालू डंपिंग का विरोध किया।
- आरोपित अशफाक अंसारी, एखलास अंसारी, सब्बू अंसारी पर गंभीर आरोप।
- पीड़ित ने सिसई थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
- पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी, क्षेत्र में तनाव।
गुमला जिले के सिसई प्रखंड में शुक्रवार दोपहर एक आदिवासी युवक के साथ हुई फायरिंग और मारपीट की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया। घटना सिसई थाना से महज दो किलोमीटर दूर घटित हुई, जहाँ खिदवा टोली निवासी तिजवा उरांव अपनी पुना टोली स्थित जमीन देखने गया था। उसने देखा कि उसकी निजी जमीन पर बालू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से बालू डंप किया गया है। विरोध करने पर विवाद बढ़ा और मामला हिंसा तक पहुँच गया। इसी दौरान आरोपियों द्वारा फायरिंग किए जाने से माहौल दहशत में बदल गया। मामला अब पुलिस जांच के अधीन है और आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
विवाद की शुरुआत जमीन पर अवैध बालू डंपिंग से
तिजवा उरांव जब अपनी पुना टोली स्थित जमीन पर पहुँचा, तो उसने वहाँ बड़ी मात्रा में डंप किया गया बालू देखा। उसके मुताबिक यह बालू माफियाओं का अवैध भंडारण था, जिसकी वह कई दिनों से शिकायत कर रहा था। उसने आरोप लगाया कि यह पूरी गतिविधि संगठित तरीके से संचालित की जा रही है और प्रशासन की अनुपस्थिति में तेजी से बढ़ रही है। जब तिजवा ने आरोपियों को बालू हटाने और दोबारा डंप न करने को कहा, तभी विवाद की शुरुआत हुई।
तीन आरोपियों पर हमला और फायरिंग का आरोप
तिजवा उरांव ने अपने आवेदन में बताया कि सिसई बस्ती निवासी अशफाक अंसारी, उसका बेटा एखलास अंसारी और उसका भाई सब्बू अंसारी मौके पर पहुँचे और उन्होंने मिलकर उस पर हमला कर दिया। तिजवा का कहना है कि उसे दौड़ाकर बेरहमी से पीटा गया और आरोपियों ने घटना स्थल पर फायरिंग भी की। गोलीबारी की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुँचे, जिसके बाद आरोपी फरार हो गए। फायरिंग से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई।
पीड़ित ने सिसई थाना में दी लिखित शिकायत
घटना के बाद तिजवा उरांव सीधे सिसई थाना पहुँचा और पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि लगातार अवैध बालू डंपिंग के कारण उसकी जमीन प्रभावित हो रही है, और विरोध करने पर उस पर हमला किया गया। उसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
तिजवा उरांव ने कहा: “मेरी जमीन पर अवैध रूप से बालू डंप किया जा रहा था। विरोध करने पर मुझ पर हमला किया गया और गोली भी चलाई गई। मुझे न्याय चाहिए।”
पुलिस जांच में जुटी, आरोपियों की तलाश तेज
घटना की जानकारी मिलते ही सिसई पुलिस सक्रिय हुई और आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई। पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में अवैध बालू उठाव को लेकर कई शिकायतें पहले भी मिल चुकी हैं और अब जांच को तेज किया गया है।
अवैध बालू कारोबार पर उठे सवाल
सिसई सहित गुमला जिला लंबे समय से अवैध बालू उठाव की समस्या से जूझ रहा है। नदी किनारे बसे गाँवों में अक्सर रात के अंधेरे में भारी वाहन बालू भरते और डंप करते दिखाई देते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ता जा रहा है और प्रशासन इसे रोकने में असफल दिखाई देता है। शुक्रवार की यह घटना इसी बढ़ते अराजकता का बड़ा उदाहरण है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सख्ती नहीं की गई, तो भविष्य में और बड़ी घटनाएँ हो सकती हैं।
न्यूज़ देखो: अवैध बालू कारोबार की खुली चुनौती
सिसई में हुई यह घटना स्पष्ट करती है कि अवैध बालू माफियाओं का नेटवर्क कितना साहसी और हिंसक हो चुका है। प्रशासनिक मौजूदगी के बावजूद दिनदहाड़े गोलीबारी और हमला होना ग्रामीण सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े करता है। पुलिस को न केवल आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करनी चाहिए बल्कि पूरे क्षेत्र में अवैध बालू व्यापार के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
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कानून और सुरक्षा के प्रति जागरूकता अब बेहद जरूरी
सिसई जैसी घटनाएँ बताती हैं कि समाज को एकजुट होकर अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ जागरूक होना होगा। किसी भी क्षेत्र की सुरक्षा केवल प्रशासन से नहीं, बल्कि नागरिकों की सतर्कता से भी सुनिश्चित होती है। आइए हम सब अपने आसपास होने वाली गलत गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाएँ, प्रशासन को मजबूत सहयोग दें और बेहतर समाज के निर्माण में योगदान करें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को अपने समुदाय में शेयर करें और जागरूकता फैलाने में अपनी भूमिका निभाएँ।





